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डॉ. जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया


डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, जीवन प्रमाण, पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी का विजन है जिसे 2014 में लॉन्च किया गया था और फेस ऑथेंटिकेशन को 2021 में लॉन्च किया गया था

डीएलसी अभियान 3.0 भारत के 800 शहरों/कस्बों में 1900 शिविरों और 1100 नोडल अधिकारियों के साथ 1-30 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी पेंशनभोगी अपने घरों से या पेंशन संवितरण बैंकों या आईपीपीबी में अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं

19 पेंशन संवितरण बैंक और 57 पेंशन कल्याण संघ, सीजीडीए, आईपीपीबी, यूआईडीएआई पूरे सरकार और संतृप्ति दृष्टिकोण पर डीएलसी अभियान 3.0 को लागू करने के लिए सहयोग करते हैं

Posted On: 06 NOV 2024 7:19PM by PIB Delhi

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र, जीवन प्रमाण, पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी का विजन है। डीएलसी अभियान 3.0 भारत के 800 शहरों/कस्बों में 1 से 30 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा  जिसमें केंद्र/राज्य सरकारों/ईपीएफओ/स्वायत्त निकायों के सभी पेंशनभोगी पेंशन वितरण बैंकों या आईपीपीबी में अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। सुपर सीनियर पेंशनभोगी इसे अपने घर से कर सकते हैं और उन्हें सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी प्रदान की जाती है। भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सीजीडीए, आईपीपीबी, यूआईडीएआई सहित सभी पेंशन वितरण बैंक देशव्यापी आधार पर डीएलसी अभियान को लागू करने के लिए एक साथ आएंगे।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का विजन "राष्ट्र प्रथम, नागरिक प्रथम" दृष्टिकोण पर डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से "पेंशनभोगियों के कल्याण में सुधार" करना है। इसके अंतर्गत  2014 में जीवन प्रमाण की शुरुआत की गई और 2021 में फेस ऑथेंटिकेशन की शुरुआत की गई। वर्ष 2022 में डीएलसी अभियान 1.0 को 37 शहरों में लागू किया गया। वर्ष 2023 में डीएलसी अभियान 2.0 नवंबर, 2023 में 100 शहरों में 597 स्थानों पर आयोजित किया गया जिसके अन्तर्गत कुल 1.47 करोड़ डीएलसी तैयार किए गए जिनमें से 45.46 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के थे। फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग करके 25.41 लाख डीएलसी तैयार किए गए और 90 वर्ष से अधिक आयु के 30,500 से अधिक पेंशनभोगियों ने डीएलसी का लाभ उठाया।

डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2023 में डीएलसी अभियान 3.0, डीपीपीडब्ल्यू द्वारा समन्वित किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा अभियान है और जागरूकता पैदा करने के लिए विभाग ने सभी हितधारकों के लिए सोशल मीडिया तक व्यापक पहुंच , टेलीविजन और रेडियो जिंगल्स तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं। ये अभियान 1100 से अधिक नोडल अधिकारियों के साथ 800 शहरों/कस्बों में 1900 डीएलसी शिविर आयोजित करेगा। 1.8 लाख ग्रामीण डाक सेवक 785 शहरों/कस्बों में आयोजित होने वाले आईपीपीबी शिविरों में सेवाएं प्रदान करेंगे। पेंशन वितरण करने वाले बैंक 157 शहरों/कस्बों में डीएलसी शिविर आयोजित करेंगे।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीएलसी अभियान 3.0 के बारे में फीडबैक उनके साथ या पीडब्लूए, या सोशल मीडिया या हेल्पलाइन नंबर 1-800-111-960 के माध्यम से साझा किया जा सकता है। इस फीडबैक का उपयोग समस्याओं की पहचान करने, वितरण प्रणाली में सुधार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा कि प्रणाली उपयोगकर्ता के अनुकूल बनी रहे और सभी पेंशनभोगियों के लिए सुलभ हो। डीएलसी पोर्टल पर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने और हितधारकों/पेंशनभोगियों की प्रतिक्रिया पर वास्तविक समय के आंकड़ों के माध्यम से प्रगति की निगरानी की जाएगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि जो लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में असमर्थ हैं, उनके लिए वैकल्पिक गैर-डिजिटल तरीके उपलब्ध रहेंगे। पेंशनभोगी अभी भी पारंपरिक तरीकों जैसे पेंशन कार्यालयों में जाकर या डाकघरों का उपयोग करके अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। इसका लक्ष्य कई विकल्प प्रदान करना है ताकि कोई भी पेंशनभोगी इस प्रक्रिया से वंचित न रहे। उन्होंने डीएलसी अभियान 3.0 को राष्ट्रव्यापी सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों से सहयोग की आशा व्यक्त की।

डीएलसी अभियान 3.0 के शुभारंभ समारोह में डीपीपीडब्ल्यू के सचिव श्री वी. श्रीनिवास, डीपीपीडब्ल्यू के संयुक्त सचिव श्री ध्रुबज्योति सेनगुप्ता, सीजीडीए श्रीमती देविका रघुवंशी, भारतीय डाक महानिदेशक श्री संजय शरण, एसबीआई की सीजीएम श्रीमती शालिनी कक्कड़ और पेंशन वितरण बैंकों, आईपीपीबी और यूआईडीएआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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