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वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) के सचिव श्री एम. नागराजू ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की


वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा लोक शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निवारण पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया

श्री एम. नागराजू ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने डिजिटल एवं साइबर सुरक्षा ढांचे को उद्योग जगत की सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के अनुरूप बनाएंगे तथा ग्राहक सुरक्षा और संचालन संबंधी निरंतरता को सर्वोच्च प्राथमिकताओं के रूप में सुनिश्चित करेंगे

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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कृषि और एमएसएमई को ऋण देने की गति में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे

वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए

Posted On: 05 NOV 2024 8:06PM by PIB Delhi

वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) के सचिव श्री एम. नागराजू ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के एमडी और सीईओ के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वित्तीय सुदृढ़ता, डिजिटल पहल, साइबर सुरक्षा, ग्राहक-केंद्रित पहल तथा कृषि, एमएसएमई और सरकार की प्रमुख वित्तीय समावेशन योजनाओं जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए वित्तपोषण सहायता सहित विभिन्न आयामों पर पीएसबी के प्रदर्शन और प्रगति का आकलन किया गया।

इस बैठक के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की मजबूती बढ़ाने, हाल की वित्तीय उपलब्धियों के आधार पर कार्य करने तथा वित्तीय प्रदर्शन संकेतकों, परिसंपत्तियों एवं देनदारियों के प्रबंधन, साइबर सुदृढ़ता और डिजिटल भुगतान संबंधी अवसंरचना पर ध्यान केंद्रित करते हुए रणनीतिक चुनौतियों का समाधान करने पर चर्चा की गई।

श्री नागराजू ने पीएसबी को विशेष रूप से उभरते बाजार के आयामों और साइबर सुरक्षा से जुड़ी आवश्यकताओं के मद्देनजर उनके वित्तीय और संचालन संबंधी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित किया।

समीक्षा के दौरान चालू खाता बचत खाता (सीएएसए) जमा को बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया गया और पीएसबी के लिए सीएएसए जमा को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, ताकि सतत ऋण वृद्धि की गति को और तेज किया जा सके। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को सलाह दी गई कि वे अपने डिजिटल एवं साइबर सुरक्षा संबंधी ढांचे को सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के अनुरूप बनाएं, ताकि सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में ग्राहक सुरक्षा और संचालन संबंधी निरंतरता बनी रहे। एमएसएमई के लिए ऋण सहायता को सुदृढ़ करने और डिजिटल नवाचारों के माध्यम से ग्राहकों को जोड़ने संबंधी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने पर विशेष जोर दिया गया। इसके अलावा, पीएसबी को अपने कर्मचारियों के लिए उद्योग जगत में प्रचलित सर्वोत्तम मानव संसाधन कार्यप्रणालियों का पालन करने की सलाह दी गई।

वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव ने सरकार की वित्तीय समावेशन पहलों के महत्व को रेखांकित किया तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से आग्रह किया कि वे वंचित समुदायों और उद्यमों के लिए विभिन्न वित्तीय सेवाओं तक पहुंच का विस्तार करने के प्रयासों में तेजी लाएं।

श्री नागराजू ने विभिन्न वित्तीय समावेशन योजनाओं प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), स्टैंड अप इंडिया, पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि), पीएम विश्वकर्मा, पीएम सूर्य घर योजना आदि और अन्य प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, जिनका उद्देश्य ऋण तक पहुंच को बढ़ावा देना व आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ाना है।

डीएफएस के सचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को तकनीकी प्रगति, मजबूत वित्तीय स्थिति, जिम्मेदारीपूर्ण बैंकिंग कार्यप्रणालियों के माध्यम से लोक शिकायतों के समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण पर अधिक जोर देने और ग्राहकों के बैंकिंग अनुभव को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने की सलाह दी।

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