विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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बेंगलुरू के शोधकर्ताओं ने उन्नत और किफ़ायती स्व-संचालित स्मार्ट विंडो विकसित किया

Posted On: 25 OCT 2024 5:49PM by PIB Delhi

अभूतपूर्व अध्ययनों ने नई स्मार्ट विंडो तकनीकें विकसित की हैं। इन्हे परिचालन के लिए बाहरी ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए उनकी ऊर्जा दक्षता और कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।

वर्तमान इलेक्ट्रोक्रोमिक स्मार्ट विंडो तकनीक को परिचालन आवश्यकताओं के लिए बाहरी बिजली की आवश्यकता होती है। यह विद्युत स्टिम्यलस पर पारदर्शी से नीले और इसके विपरीत (ऑप्टिकल पारदर्शिता कार्यक्षमता को स्विच करना) रंग बदलने तक सीमित है और दृश्यमान और निकट- इन्फ्ररेड विकिरण दोनों को अवरुद्ध करता है। इससे कमरे के तापमान में कमी आती है। इसके अलावा इलेक्ट्रोक्रोमिक स्मार्ट विंडो की लागत कई लोगों के लिए पहुंच से बाहर है, क्योंकि इसमें महंगी प्रक्रिया और सामग्री शामिल है।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग - डीएसटी के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान, सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज- सीईएनएसमें  डॉ. आशुतोष के. सिंह के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने दो अध्ययनों के माध्यम से इस पर ध्यान दिया है।

उनमें से एक में, उन्होंने अपनी परिचालन आवश्यकताओं के लिए बाहरी विद्युत शक्ति पर इलेक्ट्रोक्रोमिक उपकरणों की निर्भरता को समाप्त कर दिया है। दूसरे में उन्होंने निर्माण प्रक्रिया को और अधिक किफायती बना दिया है।

इसमें स्व-संचालित इलेक्ट्रोक्रोमिक स्मार्ट विंडो पारदर्शी से रंगीन अवस्थाओं में स्विचिंग ऑपरेशन में संग्रहीत शक्ति के माध्यम से संचालित होती है। यह नई स्मार्ट विंडो तकनीक की परिचालन ऊर्जा दक्षता, सामर्थ्य और ऊर्जा भंडारण कार्यक्षमता को बढ़ाता है।

डीएसटी भारत में किफायती इलेक्ट्रोक्रोमिक विंडोज तकनीक विकसित करने के लिए "उन्नत सामग्री प्रौद्योगिकी " कार्यक्रम के अंतर्गत इस तकनीक का समर्थन कर रहा है।

पहले काम में सीईएनएस टीम ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है जो डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन के परिणामस्वरूप डिवाइस के भीतर होने वाली इलेक्ट्रोकेमिकल प्रतिक्रियाओं के माध्यम से उत्पन्न एक छोटे से विद्युत स्टिम्यलस पर रंग बदलकर विद्युत ऊर्जा संग्रहीत कर सकता है। तकनीकी रूप से इस डिवाइस को रेडॉक्स पोटेंशियल-बेस्ड सेल्फ-पावर्ड इलेक्ट्रोक्रोमिक डिवाइस कहा जाता है। इसे लोकप्रिय रूप से सेल्फ-पावर्ड स्मार्ट विंडो के रूप में जाना जाता है।

अपनी रंगीन अवस्था में, यह उपकरण विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के दृश्यमान और निकट-इन्फ्ररेड दोनों भागों को अवरुद्ध करता है, जिससे कमरे के तापमान में उल्लेखनीय कमी आती है और बिजली की खपत कम होती है।

यह उपकरण टंगस्टन ऑक्साइड (WO3) ईसी फिल्म, आयन भंडारण फिल्म के रूप में वैनेडियम-डोप्ड निकल ऑक्साइड (V-NiO) और एनोड के रूप में एल्यूमीनियम का उपयोग करता है। ये सभी एक ही टिन-डोप्ड इंडियम ऑक्साइड (ITO) शीट पर इलिमनैट होते हैं। यह डिज़ाइन ITO-आधारित काउंटर इलेक्ट्रोड की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिससे उपकरण लागत-कम हो जाता है।

RP-SPEC स्मार्ट विंडो 550 nm वेवलेंथ पर 88% की बहुत अपारदर्शी अवस्था और उच्च संप्रेषण मॉड्यूलेशन प्रदर्शित करती है। यह उपकरण दो हज़ार चक्रों में अपनी स्विचिंग क्षमता को बनाए रखता है और EC फिल्म को एल्यूमीनियम इलेक्ट्रोड से जोड़कर संचालित होता है। रंगाई और ब्लीचिंग के दौरान उपकरण क्रमशः 1.1 और 1.2 V का वोल्टेज उत्पन्न करता है, और Al और V-NiO फिल्मों के बीच 1.7 V उत्पन्न करता है। Li+ के बजाय Al3+-आधारित इलेक्ट्रोलाइट्स के उपयोग से लागत में और कमी आती है। डॉ. आशुतोष के. सिंह और उनके सहकर्मियों द्वारा किया गया यह कार्य हाल ही में 'स्मॉल' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

चित्र: रेडॉक्स क्षमता-आधारित स्व-संचालित इलेक्ट्रोक्रोमिक (RP-SPEC) डिवाइस या "स्व-संचालित स्मार्ट विंडो" और इसकी परिचालन स्थितियों में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के बीच रेडॉक्स क्षमता अंतर का योजनाबद्ध प्रतिनिधित्व

दूसरे शोध कार्य में डॉ. आशुतोष के. सिंह की टीम ने इलेक्ट्रोक्रोमिक स्मार्ट विंडो की निर्माण प्रक्रिया विकसित की और औद्योगिक रूप से अनुकूलनीय समाधान-आधारित स्प्रे कोटिंग दृष्टिकोण का उपयोग करके इसे और अधिक किफायती बनाया। इस प्रक्रिया के अंतर्गत किफायती इलेक्ट्रोक्रोमिक स्मार्ट विंडो तकनीक ने अपनी कार्यक्षमताओं को बनाए रखा, जैसे कि रंगीन और पारदर्शी अवस्थाओं के बीच सहजता से स्विच करना, जबकि ऊर्जा भंडारण क्षमताएं हैं, जो पोर्टेबल डिवाइस को शक्ति प्रदान कर सकती हैं

इलेक्ट्रोक्रोमिक स्मार्ट विंडो की मौजूदा निर्माण प्रक्रियाओं में जटिल बहु-चरण शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप उत्पाद की लागत बढ़ जाती है। इन कमियों के बावजूद, डॉ. सिंह की टीम ने स्प्रे-कोटिंग के माध्यम से इलेक्ट्रोक्रोमिक सक्रिय सामग्रियों का एक-चरण प्रत्यक्ष डेपज़िशन विकसित किया है - किफायती इलेक्ट्रोक्रोमिक विंडो बनाने का एक सीधा रास्ता। डिवाइस कैथोड के रूप में टंगस्टन ऑक्साइड (WO3) और एनोड के रूप में निकेल ऑक्साइड (NiO) का उपयोग करता है, जिससे उच्च स्तर का रंग कंट्रास्ट प्राप्त होता है।

25 cm² बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रोक्रोमिक स्मार्ट विंडो डिवाइस 550 एनएम वेवलेंथ पर 67% ऑप्टिकल कंट्रास्ट प्रदर्शित करता है, जिसमें 10 और 17 सेकंड का तेज़ स्विचिंग समय होता है। यह 82 cm²/C (सेंटीमीटर वर्ग/कूलम्ब) की उच्च रंगाई दक्षता और 400 चक्रों में महत्वपूर्ण स्विचिंग क्षमता भी प्राप्त करता है। यह अध्ययन "जर्नल ऑफ़ मैटेरियल्स केमिस्ट्री सी" में प्रकाशित हुआ था।

चित्र: कैथोडिक और एनोडिक इलेक्ट्रोक्रोमिक (ईसी) इलेक्ट्रोड बनाने के लिए स्प्रे-पाइरोलिसिस का योजनाबद्ध, अन्य प्रक्रियाओं पर इसके फायदे (शीर्ष) इलेक्ट्रोक्रोमिक डिवाइस की रंगीन अवस्था और पारदर्शी अवस्था की छवियों के साथ योजनाबद्ध (नीचे)

"डॉ. आशुतोष के. सिंह ने बताया की "इन इलेक्ट्रोक्रोमिक उपकरणों का विकास इमारतों में स्थायी ऊर्जा उपयोग की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रक्रिया मापदंडों को अनुकूलित करके और लागत प्रभावी सामग्रियों को अपनाकर, हमने ऐसे उपकरण बनाए हैं जो केवल ऊर्जा दक्षता को बढ़ाते हैं बल्कि आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए स्केलेबल और किफायती समाधान भी प्रदान करते हैं,"

Publication links:

https://doi.org/10.1002/smll.202403156

https://doi.org/10.1039/D4TC02236J

For more technical details: Dr. Ashutosh K Singh (aksingh[at]cens[dot]res[dot]in) can be contacted.

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