श्रम और रोजगार मंत्रालय
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असंगठित श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए क्षमता निर्माण


श्रम और रोजगार मंत्रालय असंगठित श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए “सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, श्रम संहिता और बीओसीडब्ल्यू-एमआईएस पोर्टल” पर श्रम कल्याण आयुक्तों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम चला रहा है

Posted On: 21 OCT 2024 8:07PM by PIB Delhi

श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव, श्रीमती सुमिता डावरा ने 21 से 22 अक्टूबर 2024 तक नोएडा स्थित वीवी गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान (वीवीजीएनएलआई) में सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, श्रम संहिता, और बीओसीडब्ल्यू-एमआईएस पोर्टलपर दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों से 30 श्रम कल्याण आयुक्त, उप श्रम कल्याण आयुक्त, सहायक श्रम कल्याण आयुक्त और कल्याण प्रशासक शामिल हो रहे हैं। यह आयोजन मंत्रालय की एक व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इन अधिकारियों की समझ और कौशल को सुदृढ़ करना है, जो असंगठित श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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अपने संबोधन मेंसचिव ने असंगठित और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के हितों की रक्षा में इन अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नवीन रणनीतियों के उपयोग और राज्य, जिला और स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बनाने के महत्व को रेखांकित किया। साथ हीसचिव ने श्रम कानूनों के अनुपालन में सहायक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दियाजिससे श्रमिक कल्याण के साथ-साथ रोजगार सृजन के लिए एक निवेश-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित किया जा सके।

श्रम कल्याण आयुक्तों के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को निम्नलिखित रूप में रेखांकित किया गया:

प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (पीएमएसवाईएम), प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), पीएम-जीवन ज्योति बीमा योजना (जीवन बीमा) और पीएम-सुरक्षा बीमा योजना (दुर्घटना बीमा) जैसी प्रमुख सरकारी पहलों की पहुंच का विस्तार करके असंगठित श्रमिकों के कल्याण को बढ़ाना।

श्रम सुधारों के कार्यान्वयन को मजबूत करना और ई-श्रम पोर्टल और बीओसीडब्ल्यू-एमआईएस पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों के प्रभावी कामकाज पर ध्यान केंद्रित करना।

कल्याण आयुक्तों और प्रशासकों को डेटा और संसाधनों के कुशल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए ज्ञान और उपकरणों के साथ सशक्त बनाना, विभिन्न क्षेत्रों में कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार करना।

दो दिवसीय कार्यक्रम के अंत तक, प्रतिभागियों को कल्याणकारी प्रावधानों की बेहतर समझ प्राप्त हो जाने की उम्मीद है, जिसमें बेहतर डेटा प्रबंधन भी शामिल है, जिससे देश भर में इन योजनाओं के कार्यान्वयन की अधिक कुशल निगरानी हो सकेगी।

इस कार्यक्रम में मंत्रालय के वरिष्ठ श्रम एवं रोजगार सलाहकार श्री आलोक चंद्रावीवीजीएनएलआई के महानिदेशक डॉ. अरविंद, मुख्य श्रम आयुक्त (प्रभारी) श्री के. शेखर सहित अन्य उपस्थित थे।

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एमजी/आरपीएम/केसी/ जीके


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