कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत दर्शन यात्रा पर निकले जम्मू-कश्मीर के छात्रों से बातचीत की


डॉ. जितेंद्र सिंह ने छात्रों को नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और बेहतर भविष्य के लिए नए स्टार्टअप अवसरों के बारे में जानने की सलाह दी

Posted On: 13 OCT 2024 6:25PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू एवं कश्मीर के छात्रों के साथ लंच पर बातचीत की। ये बच्चे भारत सरकार के भारत दर्शन कार्यक्रम के तहत दिल्ली में हैं। इसका संचालन जम्मू एवं कश्मीर पुलिस द्वारा किया जा रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह छात्रों की जिज्ञासा, अवलोकन कौशल, आईक्यू स्तर से प्रभावित हुए और उन्हें नई तकनीकों को अपनाने, स्टार्टअप के नए अवसरों के बारे में जानने और समाज के विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जैव रसायन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नए विकास से परिचित होने की सलाह दी। उन्होंने छात्रों से सूचना और ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने स्मार्टफोन का उपयोग करने का आग्रह किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना सहित भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया, जो उन्हें अपने पूर्वजों के कौशल को हासिल करने और बढ़ाने में मदद करेगी।

केंद्रीय मंत्री ने छात्रों को जम्मू-कश्मीर में महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों के बारे में बताया जो सेब की पैदावार को दोगुना करने और इनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को लाभान्वित करने वाली बैंगनी क्रांति के बारे में भी बताया जो न केवल लैवेंडर उगाते हैं बल्कि इससे इत्र और तेल भी बनाते हैं जिससे उन्हें अच्छी कमाई होती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बच्चों से कहा कि वे अपने शिक्षकों से अनुरोध करें कि वे उन तक नए दृष्टिकोण पहुंचाएं और अपनी शिक्षा में नए विचारों को शामिल करें। उन्होंने दल में शामिल जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों से भी अनुरोध किया कि वे शिक्षकों के लिए ऐसी कार्यशालाएं आयोजित करें जो छात्रों के लिए लाभकारी हों।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के सात अधिकारियों के साथ करीब 70 छात्र थे। उनमें से करीब आधे उन लोगों के परिवार से हैं जो युद्ध में मारे गए थे। ये छात्र सबसे पहले बेंगलुरु गए, जहां उन्होंने अन्य जगहों के अलावा विश्वेश्वरैया औद्योगिक और प्रौद्योगिकी संग्रहालय, बेंगलुरु का दौरा किया। यह दौरा 09 अक्टूबर, 2024 को शुरू हुआ। वे सभी हवाई यात्रा कर रहे हैं और कल वापस लौटेंगे।

***.

एमजी/आरपीएम/केसी/केके/एसएस


(Release ID: 2064617) Visitor Counter : 101


Read this release in: English , Urdu , Tamil