कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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आज नई दिल्ली में आईसीएफए और आईआईटी रोपड़ टीआईएफ– अवध द्वारा भारत डिजिटल कृषि सम्मेलन 2024 का सह-आयोजन किया गया


डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल कृषि भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी

Posted On: 11 OCT 2024 6:16PM by PIB Delhi

आज नई दिल्ली में आईसीएफए और आईआईटी रोपड़ टीआईएफ अवध द्वारा भारत डिजिटल कृषि सम्मेलन 2024 का सह-आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने डिजिटल कृषि मिशन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी और डेटा-आधारित समाधानों का लाभ उठाने में मिशन की प्रासंगिकता पर जोर दिया। इस मिशन का उद्देश्य किसानों को वास्तविक समय की जानकारी और सहायता प्रणाली प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है, जिससे उनको बेहतर निर्णय लेने में मदद मिले और ग्रामीण आजीविका में वृद्धि हो। श्री चतुर्वेदी ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल कृषि भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उद्घाटन सत्र के दौरान भारतीय खाद्य एवं कृषि चैंबर के सीईओ श्री अश्वनी बक्शी ने सम्मानित अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी दर्शकों और प्रायोजकों का आभार व्यक्त किया। मंच पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. अखिलेश गुप्ता, पूर्व सचिव एसईआरबी, महामहिम श्री जगन्नाथ सामी, फिजी गणराज्य उच्चायोग के उच्चायुक्त, महामहिम श्री इस्से अब्दुल्लाही असोवे, जिबूती गणराज्य दूतावास के राजदूत, श्री नवनीत रविकर, सीएमडी लीड्स कनेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, श्रीमती सुनीति टुटेजा, वरिष्ठ निदेशक और प्रमुख, खाद्य एवं कृषि विभाग, बीआईएस और डॉ. राधिका त्रिखा, सीईओ आईआईटी रोपड़-टीआईएफ अवध शामिल थे।

पूरे दिन चले इस कार्यक्रम में पारंपरिक कृषि प्रणालियों में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए चर्चा की गई, जो अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने और किसानों, तकनीकी विकासकर्ताओं और शोधकर्ताओं के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करके नवाचार बढ़ाने और डिजिटल उपकरणों के माध्यम से सतत् प्रणालियों को बढ़ावा देने और जलवायु अनुकूल कृषि प्रणालियों का निर्माण करने के लिए आवश्यक है। नीति निर्माताओं ने सरकारी प्रतिनिधियों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों के बीच नीति संवाद को सुविधाजनक बनाने के बारे में भी चर्चा की, ताकि नीतिगत रूपरेखा को तकनीकी प्रगति के साथ जोड़ा जा सके और एक सहायक वातावरण बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त, इसने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बाज़ार संपर्क बढ़ाने के लिए एक मंच तैयार किया। यह मंच आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुव्यवस्थित कर सकता है, बाज़ार तक पहुंच को बढ़ा सकता है और छोटे किसानों की आजीविका में सुधार कर सकता है।

इस कार्यक्रम ने हितधारकों के लिए डिजिटल कृषि की परिवर्तनकारी क्षमता का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच का कार्य किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, अत्याधुनिक नवाचारों को प्रदर्शित करना और अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करना था। इस कार्यक्रम ने नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों, उद्यमियों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और किसानों को एक साथ लाकर, डिजिटल युग में कृषि के भविष्य को आकार देने का रास्ता दिखाया है। इसे सतत विकास और विकास के लिए तैयार किया है। इस कार्यक्रम ने न केवल कृषि में मौजूदा चुनौतियों का समाधान किया बल्कि भविष्य की रणनीतियों के लिए आधार भी तैयार किया जो भारत को वैश्विक कृषि-तकनीक पारिस्थितिकी क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा।

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