विद्युत मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

मंत्रिमंडल ने भारत को आशय पत्र पर हस्ताक्षर के जरिए अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब में शामिल होने की मंजूरी दी


इस निर्णय से भारत को महत्वपूर्ण ऊर्जा पद्धतियों और नवोन्मेषी समाधानों को साझा करने वाले 16 देशों के विशेष समूह तक पहुंच कायम करने में मदद मिलेगी

प्रविष्टि तिथि: 03 OCT 2024 8:26PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘आशय पत्र’ पर हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान की है, जिसकी बदौलत भारत ‘ऊर्जा दक्षता हब’ में शामिल हो सकेगा।

भारत दुनिया भर में सहयोग को बढ़ावा और ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहन देने के लिए समर्पित वैश्विक मंच -अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब में शामिल होगा।  एक यह कदम सतत विकास की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है तथा ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के उसके प्रयासों के अनुरूप है।

ऊर्जा दक्षता सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी (आईपीईईसी) जिसमें भारत भी सदस्य था, के उत्तराधिकारी के रूप में वर्ष 2020 में स्थापित यह हब सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और निजी क्षेत्र की संस्थाओं को ज्ञान, सर्वोत्तम पद्धतियों और नवोन्मेषी समाधानों को साझा करने के लिए एक साथ लाता है। इस हब में शामिल होने से भारत को विशेषज्ञों और संसाधनों के एक विशाल नेटवर्क तक पहुंच प्राप्त होगी, जिससे वह अपनी घरेलू ऊर्जा दक्षता पहलों को बढ़ाने में सक्षम हो सकेगा। जुलाई, 2024 तक, इस हब में सोलह देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कोरिया, लक्जमबर्ग, रूस, सऊदी अरब, अमेरिका और ब्रिटेन) शामिल हो चुके हैं।

इस हब के सदस्य के रूप में भारत को अपनी विशेषज्ञता साझा करने तथा सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय पद्धतियों से सीख ग्रहण करते हुए अन्य सदस्य देशों के साथ सहयोग कायम करने के अवसरों का लाभ  मिलेगा। देश ऊर्जा-दक्ष प्रौद्योगिकियों और पद्धतियों को बढ़ावा देकर जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में भी योगदान देगा।

 ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) को भारत की ओर से इस हब के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में वैधानिक एजेंसी नामित किया गया है। बीईई इस हब की गतिविधियों में भारत की भागीदारी को सुगम बनाने और यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा कि भारत का योगदान उसके राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता लक्ष्यों के अनुरूप हो। 

इस हब में शामिल होकर भारत अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इस वैश्विक मंच में देश की भागीदारी से कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में रुख करने को गति देने और ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी।

 

*****

 

एमजी/आरपीएम/केसी/आरके/डीके


(रिलीज़ आईडी: 2061735) आगंतुक पटल : 207
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Urdu , Marathi , Punjabi , Telugu