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केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर और नामसाई में क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रमों में भाग लिया


इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री श्री चौना मेन के साथ केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रमों में शामिल हुए

केंद्रीय वित्त मंत्री ने बैंकिंग सुविधाओं तक अधिक पहुंच और नए व्यावसायिक उपक्रमों को समर्थन देने पर जोर दिया ताकि क्षेत्र में लोगों को समृद्धि और उन्नति के अवसर मिल सकें

ईटानगर में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 160 लाभार्थियों को कुल 14.4 करोड़ रुपये के स्वीकृति पत्र वितरित किए गए; नाबार्ड ने राजीव गांधी विश्वविद्यालय को ग्रामीण व्यवसाय इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित करने के लिए 1.5 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की तथा अन्य पहलों के लिए 18 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान की;सिडबी ने सूक्ष्म उद्यमों के लिए 40 लाख रुपयों को मंजूरी दी

नामसाई में श्रीमती सीतारामन ने एसबीआई के क्षेत्रीय व्यापार कार्यालय (आरबीओ) का उद्घाटन किया, इससे आकांक्षी जिले में वित्तीय सेवाओं को बढ़ावा दिया जा सकेगा

केंद्रीय वित्त मंत्री ने आरबीओ परिसर में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधारोपण भी किया

नामसाई में 195 लाभार्थियों को विभिन्न वित्तीय योजनाओं के तहत 6.8 करोड़ रुपये के स्वीकृति पत्र प्राप्त हुए; नाबार्ड ने विभिन्न पहलों के लिए 92.5 लाख रुपये मंजूर किए; सिडबी ने महिलाओं के आजीविका कार्यक्रमों के लिए 1.5 लाख रुपए प्रदान किए

श्रीमती सीतारामन ने बैंकों से पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत नाव बनाने जैसे शिल्प की अनूठी क्षमता के माध्यम से नामसाई में विकास भागीदार बनने का आग्रह किया

Posted On: 01 OCT 2024 8:58PM by PIB Delhi

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर और नामसाई में दो क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रमों में भाग लिया।

ईटानगर में आयोजित कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू, उपमुख्यमंत्री श्री चौना मेन, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव श्री एम. नागराजू, केन्द्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा एसबीआई, पीएनबी, नाबार्ड और सिडबी के प्रमुख भी उपस्थित रहे।

ईटानगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान खुदरा विक्रेताओं, एमएसएमई और कृषि गतिविधियों के वित्तपोषण सहित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 160 लाभार्थियों को कुल 14.4 करोड़ रुपये के स्वीकृति पत्र वितरित किए गए। उल्लेखनीय है कि नाबार्ड ने राजीव गांधी विश्वविद्यालय को ग्रामीण व्यवसाय इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित करने के लिए 1.5 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की तथा अन्य पहलों के लिए 18 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान की। इसके अतिरिक्त, सिडबी ने सूक्ष्म उद्यमों के लिए 40 लाख रुपये की राशी को मंजूरी दी।

सामुदायिक विकास के प्रति एसबीआई की प्रतिबद्धता इटानगर में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहलों के माध्यम से स्पष्ट होती है, जिसमें एक एम्बुलेंस, एक शव वाहन और छात्राओं के लिए 50 साइकिलों का योगदान शामिल था।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने नाबार्ड की दो वित्तीय साक्षरता प्रदर्शन वैन और सिडबी की एक मोबाइल मेडिकल यूनिट को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती सीतारामन ने विकसित भारत के लिए बैंकों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें अरुणाचल प्रदेश के वित्तीय उत्थान को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने पूरे राज्य में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए बैंकिंग सुविधाओं जैसे बैंकिंग कोरेसपोन्डेंट्स और बैंकों की अतिरिक्त शाखाओं तक अधिक पहुंच की आवश्यकता पर जोर दिया। इस बढ़ी हुई पहुंच से नए व्यावसायिक उपक्रमों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे अरुणाचल प्रदेश के लोगों को समृद्धि और उन्नति का अवसर मिलेगा।

नामसाई में आयोजित अन्य क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम में श्रीमती सीतारामन ने मुख्य अतिथि के रूप में तथा श्री चौना मेन ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया।

नामसाई में कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एसबीआई के क्षेत्रीय व्यापार कार्यालय (आरबीओ) का उद्घाटन था, जिसका उद्देश्य इस आकांक्षी जिले में वित्तीय सेवाओं को बढ़ावा देना है।

श्रीमती सीतारामन ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत आरबीओ परिसर में एक पौधा भी लगाया और स्थिरता एवं सामुदायिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

इस कार्यक्रम के दौरान 195 लाभार्थियों को विभिन्न वित्तीय योजनाओं के तहत 6.8 करोड़ रुपये की राशि के स्वीकृति पत्र प्राप्त हुए। नाबार्ड ने जीआई पंजीकरण, ग्रामीण मार्ट और माइक्रो-एटीएम जैसी पहलों के लिए 92.5 लाख रुपये मंजूर किए, जबकि सिडबी ने महिलाओं की आजीविका कार्यक्रमों के लिए 1.5 लाख रुपये प्रदान किए।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत की। उन्होंने एसबीआई की सीएसआर गतिविधि के तहत एक स्कूल बस को हरी झंडी दिखाई और छात्राओं को 100 साइकिलें भेंट कीं।

श्रीमती सीतारामन ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत नामसाई में हुई प्रगति की सराहना की, जिसमें राज्यों में 20 जीआई टैग प्रप्त करना भी शामिल है। उन्होंने उद्यमियों से अरुणाचल प्रदेश के जीआई टैग वाले उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहचान दिलाने का आग्रह किया। केंद्रीय वित्त मंत्री ने भारत सरकार की भारत नेट, 5-जी प्रौद्योगिकी, ओएनडीसी आदि परियोजनाओं के नेतृत्व में डिजिटल प्रौद्योगिकी की क्षमता पर प्रकाश डाला, जिससे सूक्ष्म और लघु उद्योग में बदलाव आएगा और उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच प्रदान की जा सकेगी। श्रीमती सीतारामन ने बैंकों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत नाव निर्माण जैसे शिल्प की अद्वितीय क्षमता के माध्यम से क्षेत्र में विकास के भागीदार बनें।

कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों और स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने इन आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से प्रस्तुत नए अवसरों के प्रति उत्साह व्यक्त किया। ये आयोजन अरुणाचल प्रदेश में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और सतत विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण हैं।

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