विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
माननीय उपराष्ट्रपति महोदय ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के 83वें स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ किया
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद का स्थापना दिवस भारत की सशक्त नींव से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है: माननीय उपराष्ट्रपति महोदय श्री जगदीप धनखड़
लैवेंडर की खेती ने जम्मू-कश्मीर के भू-परिदृश्य को बदल दिया है, जिससे यह कृषि आधारित उद्यमिता का केंद्र बन चुका है: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
Posted On:
26 SEP 2024 8:57PM by PIB Delhi
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने बड़े ही शानदार ढंग से आज अपना 83वां स्थापना दिवस मनाया। माननीय उपराष्ट्रपति महोदय श्री जगदीप धनखड़ ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह सीएसआईआर का स्थापना दिवस है, फिर भी यह भारत की सशक्त नींव से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। आप पृथ्वी पर सबसे जीवंत और कार्यात्मक लोकतंत्र की नींव को मजबूत तैयार कर रहे हैं। आप एक ऐसे राष्ट्र की बुनियाद स्थिर कर रहे हैं, जो इतनी तेजी से आगे जा रहा है, जितना पहले कभी नहीं बढ़ा था और प्रगति की यह राह अविरल है।
माननीय उपराष्ट्रपति महोदय श्री जगदीप धनखड़ वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के 83वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
माननीय उपराष्ट्रपति महोदय श्री जगदीप धनखड़ ने सीएसआईआर को "वैज्ञानिक रूप से कल्पनाशील राष्ट्र के लिए उत्प्रेरक" भी करार दिया। उन्होंने मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को तैयार करने की अपील की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कि मानव संसाधनों और संस्थानों में निवेश प्रामाणिक एवं प्रभावशाली अनुसंधान की ओर निर्देशित हो।
इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी अपने विचार साझा किए और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद को उसके 83वें स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई दी
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग तथा अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सीएसआईआर विज्ञान में महिलाओं को बढ़ावा देकर, आर्थिक विकास को गतिशील बनाकर और नवाचारों से समाज को लाभ पहुंचाकर भारत को विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक रूप से अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर अपनी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्वदेशीकरण को बढ़ावा देकर विकसित भारत@2027 दृष्टिकोण में योगदान दे रहा है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद हम सभी के लिए एक राष्ट्रीय सम्पदा है और हमारे समय की सच्ची चेंजमेकर है। उन्होंने सीएसआईआर को उसके 83वें स्थापना दिवस बधाई दी और हमारे देश को हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी तथा कृषि-आधारित स्टार्ट-अप जैसी विभिन्न अनुसंधान एवं विकास की सफलताओं में गौरवान्वित करने के लिए सराहना की, जिनसे किसानों और आम लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि लैवेंडर की खेती ने जम्मू और कश्मीर के भू-परिदृश्य को बदल दिया है, जिससे यह कृषि आधारित उद्यमिता का केंद्र बन गया है।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की महानिदेशक डॉ. एन कलईसेलवी ने अपने स्वागत भाषण में भारत को 2047 में एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण के लिए सीएसआईआर के योगदान और प्रतिबद्धताओं का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर ने दूरदर्शी मार्गदर्शकों की सिफारिशें लेने और इसे अपना रोडमैप बनाने के उद्देश्य से एक नेतृत्व सम्मेलन का आयोजन किया है।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के एक मूल्यवान विचार को उद्धृत करते हुए कहा कि देश का आर्थिक विकास प्रतिस्पर्धात्मकता से संचालित होता है। जबकि प्रतिस्पर्धात्मकता ज्ञान से प्रेरित होती है और ज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार से आगे का पथ प्रशस्त करता है। प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी एवं नवाचार मौलिक विज्ञान से क्रियान्वित होते हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन ने सीएसआईआर स्थापना दिवस का व्याख्यान दिया। उन्होंने "टीम उत्कृष्टता और भारतीय अंतरिक्ष यात्रा" के विषय पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस तरह से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान देश के सभी अंतरिक्ष अभियानों में सफलता प्राप्त करने के लिए टीम उत्कृष्टता और दृढ़ता के साथ विकसित हुआ है।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के 83वें स्थापना दिवस पर "इनोवेशन ट्रेलब्लेजर्स: द लीडरशिप लेगेसीज ऑफ सीएसआईआर" नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस मौके पर सीएसआईआर ऊर्जा बचत अभियान के विजेताओं को सम्मानित किया गया, जिसमें सीएसआईआर-सीजीआरआई ने पहला पुरस्कार, सीएसआईआर-सीईसीआरआई ने दूसरा पुरस्कार जबकि सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई ने तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया।
माननीय उपराष्ट्रपति महोदय श्री जगदीप धनखड़ सीएसआईआर विषयगत प्रदर्शनी 2024 का उद्घाटन करते हुए
इस वर्ष का समारोह कई मायनों में विशेष था, क्योंकि माननीय उपराष्ट्रपति महोदय श्री जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (एनएएससी) में "विकसित भारत @2027 के लिए सीएसआईआर पर विषयगत प्रदर्शनी" का उद्घाटन किया। सीएसआईआर की कई प्रयोगशालाओं ने विकसित भारत @2027 के लिए सीएसआईआर पर आधारित विषयगत प्रदर्शनी में #OneWeekOneTheme अभियान से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपनी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया। मुख्य वैज्ञानिक और समन्वयक डॉ. जी महेश ने सीएसआईआर स्थापना दिवस समारोह 2024 के लिए धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
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