जल शक्ति मंत्रालय
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सचिव (जल संसाधन) ने ‘जल संचय जन भागीदारी पहल’ के तहत कृत्रिम रिचार्ज संरचनाओं को प्राथमिकता देने के लिए अंतर-क्षेत्रीय एकीकरण के विषय पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की


बैठक में जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने के लिए मंत्रालयों में समन्वित प्रयासों और एकीकृत दृष्टिकोण पर जोर दिया गया

Posted On: 26 SEP 2024 6:21PM by PIB Delhi

जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की सचिव सुश्री देबाश्री मुखर्जी ने आज नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी) पहल के तहत वर्षा जल संचयन के लिए कृत्रिम रिचार्ज संरचनाओं के निर्माण को प्राथमिकता देने में अंतर-क्षेत्रीय एकीकरण के लक्ष्य तक पहुंचने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई। यह पहल जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (जेएसए) 2024 अभियान का एक महत्वपूर्ण घटक है। बैठक में प्रमुख भागीदार मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 6 सितंबर, 2024 को गुजरात के सूरत में जल संचय जन भागीदारी पहल का शुभारंभ किया था। यह पहल सामुदायिक जुड़ाव (जनभागीदारी) और जल संरक्षण के लिए एक समन्वित संपूर्ण-सरकारी दृष्टिकोण पर जोर देती है। आज की बैठक में की गई चर्चाएं भूजल स्तर को बढ़ाने और देश भर में स्थायी जल प्रबंधन संबंधी कार्य प्रणालियों को सुनिश्चित करने के लिए बोरवेल रिचार्ज सिस्टम और रिचार्ज शाफ्ट जैसे कृत्रिम रिचार्ज संरचनाओं के निर्माण में तेजी लाने के लिए मंत्रालयों के बीच सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित थीं।

मुख्य चर्चा बिंदु:

  • कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना: मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध किया गया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में मौजूदा वर्षा जल संचयन संरचनाओं की समीक्षा करें और भूजल रिचार्ज पर ध्यान केंद्रित करते हुए उनकी क्षमता को संतृप्त करने के लिए एक मिशन-मोड कार्य योजना विकसित करें।
  • जल संरक्षण में भागीदार मंत्रालयों/विभागों की भूमिका मंत्रालयों को कार्यान्वयन में तेजी लाने और व्यापक पैमाने पर प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध भूमि और कार्यालय परिसर के आधार पर अपने-आप लक्ष्य निर्धारित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।
  • सामुदायिक जुड़ाव: जमीनी स्तर पर व्यापक नेटवर्क वाले शिक्षा और युवा कार्यक्रम जैसे मंत्रालयों को भी इस पहल में जागरूकता और भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए अपनी पहुंच का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
  • किफायती समाधान: मंत्रालयों/विभागों को सामुदायिक आवश्यकताओं के अनुरूप छोटे, स्थानीयकृत कृत्रिम रिचार्ज संरचनाओं के निर्माण को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई। पहल के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) निधि जुटाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और उद्योगों के साथ सहयोग की सिफारिश की गई।
  • निगरानी और जवाबदेही: प्रगति की निगरानी के लिए जेएसए: कैच द रेन पोर्टल पर तत्काल एक डैशबोर्ड विकसित किया जा रहा है। मंत्रालयों/ विभागों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया कि केंद्रीय मंत्रालय के नोडल अधिकारी (सीएमएनओ) नियमित रूप से पोर्टल को अपडेट करें, जिससे गतिविधियों और परिणामों को लेकर कुशल ट्रैकिंग की सुविधा मिल सके।
  • बैठक में मंत्रालयों और क्षेत्रों में समन्वित प्रयासों के महत्व को चिन्हित किया गया, जिसमें जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया। जल संचय जन भागीदारी पहल देश के लिए दीर्घकालिक जल स्थायित्व सुनिश्चित करने का एक प्रमुख प्रयास है।

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