सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
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उच्च आय वर्ग के और सुरक्षा पूर्ण सोसाइटी में रहने वाले व्यक्तियों द्वारा सर्वेक्षणों के लिए बेहतर उत्तर देने के मुद्दे पर 20 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में गहन विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया गया

Posted On: 20 SEP 2024 6:49PM by PIB Delhi

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई), राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ), भारत सरकार, ने घोषणा करते हुए कहा कि आज ली मेरिडियन होटल, नई दिल्ली में आयोजित विचार-विमर्श सत्र का उद्देश्य विशेष रूप से उच्च आय वर्ग/ सुरक्षा पूर्ण सोसाइटी में रहने वाले व्यक्तियों द्वारा सर्वेक्षणों के लिए दिए गए उत्तर को समझना और इसमें सुधार करना है। इस सत्र ने नीति निर्माताओं, शहरी अर्थशास्त्रियों, सर्वेक्षण एजेंसियों, संस्थानों, विश्व बैंक और आईएलओ जैसे बहुपक्षीय संगठनों, राज्य सांख्यिकीय एजेंसियों के अधिकारियों, रियल एस्टेट क्षेत्र की नियामक संस्थाओं और सेवा एजेंसियों, सुविधा प्रबंधन कंपनियों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्लूए) और सुरक्षा पूर्ण सोसाइटी (गेटेड सोसाइटी) के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख हितधारकों को साझा मंच प्रदान किया।

25 से अधिक संगठनों/हाउसिंग सोसाइटियों के लगभग 150 प्रतिभागियों ने सत्र में भाग लिया। इसके अलावा, देश के विभिन्न हिस्सों, खासकर महानगरों के 50 से अधिक हाउसिंग सोसाइटियों के प्रतिनिधि एनएसएसओ के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से वर्चुअल रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के साथ-साथ आरडब्ल्यूए/हाउसिंग सोसाइटियों के प्रतिनिधियों को शामिल करने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया, ताकि आबादी के इस विशिष्ट वर्ग की भागीदारी में सुधार लाने और अधिक डेटा का संग्रह सुनिश्चित करने के लिए अभिनव समाधान खोजे जा सकें।

प्रारंभिक टिप्पणी में, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने सहयोग बढ़ाने के लिए सुरक्षापूर्ण सोसाइटियों के उत्तरदाताओं के बीच विश्वास बनाने की आवश्यकता तथा डेटा की सटीकता और विश्वसनीयता पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। इसके बाद, श्री आनंद कुमार, अध्यक्ष, रेरा, दिल्ली और श्री शिव दास मीना, अध्यक्ष, रेरा, तमिलनाडु ने अपने संबोधन में नियोजन और नीति उद्देश्यों के लिए सटीक डेटा के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने सभी हाउसिंग सोसाइटियों से डेटा संग्रह में एनएसएसओ के साथ सहयोग करने की अपील की और आग्रह किया कि रेरा, एनएसएसओ सर्वेक्षणों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर संभव समर्थन प्रदान करे।

विचार-मंथन सत्र में उत्तर देने से जुड़े हाल के रुझानों, डेटा की गुणवत्ता पर उनके प्रभावों और उच्च आय समूहों के बीच सर्वेक्षण में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और अनुकूलित रणनीतियों का लाभ उठाने पर चर्चा शामिल थी। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम तौर-तरीकों पर प्रकाश डाला गया और डेटा संग्रह को सुविधाजनक बनाने में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की भूमिका पर चर्चा की गई।

प्रतिष्ठित संस्थानों, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र की सर्वेक्षण एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और भवन निर्माता संघों आदि के विशेषज्ञों ने उत्तर न देने की समस्या को कम करने के लिए संभावित रणनीतियों पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। आरडब्ल्यूए द्वारा विचारों को साझा करने और खुली चर्चा के लिए भी सत्र आयोजित किया गया।

चर्चा के आधार पर, निम्नलिखित प्रमुख सुझाव सामने आए:

  • सोशल मीडिया सहित विभिन्न चैनलों के माध्यम से सर्वेक्षणों के उद्देश्य और उपयोगिता के बारे में आम जनता तक पहुँचने के लिए सर्वेक्षणों का व्यापक प्रचार।
  • राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) में उपलब्ध डेटा के उपयोग की संभावना का पता लगाना,
  • आरडब्ल्यूए से संपर्क करने के लिए उपयुक्त प्रशासनिक मशीनरी का उपयोग करना
  • ईमेल/वेब लिंक/सीएटीआई आदि जैसे डेटा संग्रह के वैकल्पिक तरीके का उपयोग करना
  • संवेदनशील बनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय स्तर पर इसी तरह के सत्रों की योजना बनाई जा सकती है।
  • डेटा संग्रह में सुविधाजनक समय-अवधि दृष्टिकोण का उपयोग करना।
  • उत्तरदाताओं की थकान को कम करने के लिए प्रश्नावली को छोटा करना।
  • उच्च आय वर्ग के समूहों में महिलाओं की बेहतर आर्थिक और सामाजिक स्थिति को देखते हुए, उनके बीच जागरूकता पैदा करने पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।

इस पहल के माध्यम से, एमओएसपीआई का उद्देश्य सहयोग बढ़ाना, विश्वास का निर्माण करना और डेटा की सटीकता और व्यापकता में सुधार करना है। यह सत्र एनएसएसओ की डेटा गोपनीयता प्रथाओं और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए सर्वेक्षण भागीदारी के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है। उच्च आय समूहों और सुरक्षापूर्ण सोसाइटियों के साथ सीधे जुड़कर, एमओएसपीआई उत्तर देने की दरों को बढ़ावा देने और सर्वेक्षण की विश्वसनीयता को मजबूत करने का प्रयास करता है।

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एमजी / एआर / आरपी / जेके



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