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भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने विस्तारित सेवाओं के लिए एक से अधिक नेटवर्क सर्विस ऑपरेटर्स से वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर्स तक पहुंच के उद्देश्य से कनेक्टिविटी से संबंधित सिफारिशें जारी कीं
Posted On:
13 SEP 2024 9:32PM by PIB Delhi
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने विस्तारित सेवाओं के लिए एक से अधिक नेटवर्क सर्विस ऑपरेटर्स से वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर्स तक पहुंच के उद्देश्य से कनेक्टिविटी से संबंधित अपनी सिफारिशें जारी कर दी हैं।
दूरसंचार विभाग (डॉट) ने 'सेवाओं के लिए एक से अधिक नेटवर्क सर्विस ऑपरेटर्स से वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर्स तक पहुंच के उद्देश्य से कनेक्टिविटी' विषय पर दिनांक 07.07.2023 को जारी अपने पत्र के माध्यम से ट्राई अधिनियम, 1997 की धारा 11 (1) (ए) के तहत भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण से सिफारिशें मांगी थीं।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने इस संबंध में ने अपने हितधारकों की टिप्पणियों एवं प्रति-टिप्पणियों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से दिनांक 23.02.2024 को ‘एक से अधिक एनएसओ से एक्सेस सर्विस वीएनओ तक कनेक्टिविटी’ पर एक परामर्श पत्र शुरू किया। इस महत्वपूर्ण विषय पर नौ हितधारकों से टिप्पणियां प्राप्त हुई थीं और चार हितधारकों ने प्रति-टिप्पणियां प्रेषित की थीं। इसके अलावा, परामर्श पत्र के बारे में विचार-विमर्श हेतु ओपन हाउस चर्चा 08.05.2024 को आयोजित की गई।
इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने हितधारकों से प्राप्त हुई टिप्पणियों और अपने स्वयं के विश्लेषण के आधार पर सेवाओं के लिए एक से अधिक नेटवर्क सर्विस ऑपरेटर्स से वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर्स तक पहुंच से संबंधित अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया है।
दूरसंचार विभाग (डॉट) ने वर्ष 2016 में भारत में वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर्स (वीएनओ) की व्यवस्था शुरू की। इन वीएनओ को नेटवर्क सर्विस ऑपरेटर (एनएसओ) का ही विस्तार माना जाता है। वीएनओ आपसी सहमति के अनुसार एनएसओ से दूरसंचार से जुड़े विभिन्न नेटवर्क संसाधन प्राप्त करने के बाद दूरसंचार सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
देश में मौजूदा लाइसेंसिंग व्यवस्था के अनुसार, वीएनओ को विस्तारित सेवा के अतिरिक्त अन्य सभी सुविधाओं तथा ऐसी सेवाओं हेतु एक से अधिक एनएसओ के साथ समझौते करने की अनुमति है, जिनके लिए ग्राहकों की नंबरिंग और विशिष्ट पहचान किया जाना आवश्यक होता है। इन प्राधिकरण ने सिफारिशों के माध्यम से स्पष्ट किया है कि नेटवर्क सर्विस ऑपरेटरों (एनएसओ) की संख्या पर कोई सीमा नहीं होनी चाहिए, जिनसे एक्सेस सर्विस वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर (वीएनओ) लाइसेंस्ड सर्विस एरिया (एलएसए) में वायरलाइन एक्सेस सेवा प्रदान करने के लिए कनेक्टिविटी प्राप्त कर सकता है।
इन सिफारिशों के जरिये प्राधिकरण ने यह भी कहा है कि लाइसेंस्ड सर्विस एरिया में वायरलेस और वायरलाइन दोनों तरह की एक्सेस सेवाएं प्रदान करने का इरादा रखने वाले एक एक्सेस सर्विस वीएनओ को वायरलेस एक्सेस सेवा हेतु एक एनएसओ से तथा एलएसए में वायरलाइन एक्सेस सेवा के लिए अन्य एनएसओ से कनेक्टिविटी लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह लचीलापन उस मौजूदा व्यवस्था के अतिरिक्त उपलब्ध होना चाहिए, जिसके अंतर्गत एक ऐसा एक्सेस सर्विस वीएनओ, जो वास्तव में एलएसए में वायरलाइन और वायरलेस दोनों प्रकार की एक्सेस सेवाएं प्रदान करने का इरादा रखता है, उसको एलएसए में एक ही एनएसओ से वायरलाइन तथा वायरलेस दोनों प्रकार की एक्सेस सेवाओं के लिए कनेक्टिविटी लेने की अनुमति प्राप्त है।
प्राधिकरण ने ऐसा पाया है कि इन सिफारिशों के कार्यान्वयन से देश में वायरलाइन एक्सेस सेवाओं की गुणवत्ता को और बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह एक्सेस सर्विस वीएनओ को विभिन्न एनएसओ से वायरलेस एक्सेस सेवा और वायरलाइन एक्सेस सेवा के लिए कनेक्टिविटी प्राप्त करने में लचीलापन भी प्रदान करेगा। इस महत्वपूर्ण पहल के क्रियान्वित होने से एक्सेस सर्विस वीएनओ देश में दूरसंचार उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो जाएंगे।
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