पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
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समुद्री जीव संसाधन और पारिस्थितिकी केंद्र (सीएमएलआरई) ने इंडोबिस पर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य समुद्री जैव विविधता प्रलेखन, अनुसंधान और संरक्षण को बढ़ावा देना है

Posted On: 03 SEP 2024 6:59PM by PIB Delhi

समुद्री जीव संसाधन और पारिस्थितिकी केंद्र (सीएमएलआरई), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से संबद्ध एक ने 03 सितंबर, 2024 को अपने कोच्चि परिसर में हिंद महासागर जैव विविधता सूचना प्रणाली (इंडोबिस) पर एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की। इस कार्यशाला ने पूरे देश के विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को एक मंच प्रदान किया। कार्यशाला ने प्रतिभागियों के बीच समुद्री जैव विविधता डेटा प्रलेखन और प्रकाशन के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद की।

डॉ. एम. रविचंद्रन, सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने सीएमएलआरई को पहली इंडोबिस कार्यशाला का आयोजन सफलतापूर्वक करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत के गहरे महासागर मिशन के वर्टिकल 3 के अंतर्गत गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज एवं संरक्षण इस मिशन की समग्र सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह सीधे रूप से एसडीजी-14 के साथ संरेखित होता है: पानी के नीचे जीवन और कई अन्य एसडीजी की सफलता पर प्रभाव डालता है।

डॉ. जीवीएम गुप्ता, निदेशक, सीएमएलआरई ने कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में समुद्री जैव विविधता प्रलेखन और डेटा साझाकरण को आगे बढ़ाने, जलीय संसाधनों के सतत प्रबंधन का समर्थन करने और समुद्री जैव विविधता ज्ञान को साझा करने में क्षेत्रीय एवं वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में इंडोबिस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से, हम शोधकर्ताओं को वैज्ञानिक रूप से मानकीकृत समुद्री जैव विविधता डेटा प्रस्तुत करने और वैश्विक ज्ञान पूल में योगदान करने में सक्षम बनाना चाहते हैं। यह वैज्ञानिकों के लिए डेटा पेपर प्रकाशित करने, मौजूदा ज्ञान को एकत्रित करने और एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहयोग करने का एक मूल्यवान अवसर है।

इंडोबिस वैश्विक महासागर जैव विविधता सूचना प्रणाली (ओबीआईएस) का भारतीय क्षेत्रीय नोड है। ओबीआईएस समुद्री प्रजातियों की जानकारी के सबसे बड़े वैश्विक भंडारों में से एक है, जिसमें विश्व के शोधकर्ताओं, सरकारों और संगठनों द्वारा प्रदान किए गए हजारों डेटासेट के लाखों रिकॉर्ड शामिल हैं। यह दुनिया के महासागरों में प्रजातियों के वितरण पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिसमें उनकी उपस्थिति, आवास और पर्यावरणीय मापदंडों पर डेटा शामिल है। यह ऐसा उपकरण और सेवाएं प्रदान करता है जो उपयोगकर्ताओं को जैव विविधता डेटा खोजने, कल्पना करने और डाउनलोड करने की अनुमति प्रदान करता है। ओबीआईएस को लगभग 30 क्षेत्रीय बिंदुओं के नेटवर्क द्वारा समर्थित किया जाता है जो डेटा की गुणवत्ता और पहुंच सुनिश्चित करते हुए डेटा में योगदान देता है। ओबीआईएस समुद्री विज्ञान, संरक्षण और शिक्षा में एक तैयार संदर्भ संसाधन है। यह समुद्री विज्ञान, संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को के अंतर सरकारी समुद्र विज्ञान आयोग (आईओसी) द्वारा स्थापित किया गया है। यह अब आईओसी के अंतर्राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान डेटा और सूचना विनिमय (आईओडीई) का एक अभिन्न अंग है।

इंडोबिस कार्यशाला डेटा अधिग्रहण, विश्लेषण और प्रबंधन में प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण के लिए एक मूल्यवान मंच है, विशेष रूप से हिंद महासागर में समुद्री जैव विविधता के लिए। चूंकि इंडोबिस द्वारा स्वीकार किया गया डेटा वैज्ञानिक रूप से गुणवत्ता-नियंत्रित और जियोटैग किया हुआ है, इसका उपयोग प्रजातियों के विस्तार पर नज़र रखने, जैव विविधता हॉटस्पॉट की पहचान करने और जलवायु परिवर्तन प्रभावों तक पहुंचने जैसे नवीन अध्ययनों में किया जा सकता है, जो अनुकूलनीय प्रबंधन रणनीतियों को विकसित करने और सतत मत्स्य पालन का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण है।

समुद्री जैव विविधता के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए इंडोबिस के उद्देश्य के अनुरूप, सीएमएलआरई ने ओशन आइज़ नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन भी विकसित किया है। ओशन आइज़ मोबाइल ऐप समुद्री जैव विविधता निगरानी एवं अनुसंधान में डेटा संग्रह, साझाकरण और विश्लेषण के लिए एक नागरिक-केंद्रित और सामुदायिक-जुड़ाव दृष्टिकोण है। यह ऐप में उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस है और यह आईओएस और एंड्रॉइड दोनों प्लेटफार्मों पर मुफ्त में उपलब्ध है। नागरिक और उपयोगकर्ता देखे गए समुद्री प्रजातियों को रिकॉर्ड कर सकते हैं, पर्यावरण की स्थिति में लॉग इन कर सकते हैं और सीधे मोबाइल के माध्यम से जियोटैग की गई तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं। यह डेटा समय के साथ समुद्री जैव विविधता एवं पारिस्थितिक परिवर्तनों की व्यापक समझ स्थापित करने के लिए बहुत मूल्यवान है। ओशन आइज़ के माध्यम से इंडोबिस को अवलोकनों की रियल-टाईम रिपोर्टिंग भी संभव है।

इंडोबिस, ओबीआईएस का एकमात्र भारतीय क्षेत्रीय नोड है, जिसे सीएमएलआरई द्वारा विकसित किया गया है, सुगम बनाया गया है और चलाया जा रहा है। यह समुद्री जैव विविधता डेटा प्रकारों की कई श्रेणियों को स्वीकार करता है, जिसमें साहित्य एवं घटना, बहुतायत रिकॉर्ड, डीएनए-व्युत्पन्न या जीनोमिक प्रोफाइल आदि शामिल हैं।

सीएमएलआरई, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक प्रमुख शोध संस्थान है। 1998 में स्थापित, यह भारत में समुद्री जीवित संसाधनों के अध्ययन और स्थायी प्रबंधन के लिए समर्पित है। यह संस्थान समुद्री विज्ञान को बढ़ावा देने, अत्याधुनिक अनुसंधान करने और देश के समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा एवं संरक्षण के लिए नीति निर्माण एवं विकास का समर्थन करने में महत्वपूर्ण है। सीएमएलआरई, इंडोबिस के उद्देश्यों के भाग के रूप में गहरे समुद्र की जैव विविधता के वाउचर (संरक्षित) नमूने रखता है। इंडोबिस को https://indobis.in/ बेवसाइट पर प्राप्त किया जा सकता है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एक संबद्ध कार्यालय, सीएमएलआरई, कोच्चि में 03 सितंबर, 2024 को आयोजित पहली इंडोबिस कार्यशाला में प्रतिभागियों की समूहिक तस्वीर।

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