विद्युत मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने 'थर्मल परियोजनाओं का ऑनलाइन निगरानी पोर्टल' (प्रॉम्प्ट) लॉन्च किया


ये पोर्टल रियल टाइम ट्रैकिंग और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करता है जिससे परियोजना प्रबंधक और हितधारक त्वरित निर्णय लेने में सक्षम होते हैं

Posted On: 20 AUG 2024 7:32PM by PIB Bhopal

केंद्रीय विद्युत, आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने आज नई दिल्ली में 'थर्मल परियोजनाओं का ऑनलाइन निगरानी पोर्टल' (प्रॉम्प्ट) लॉन्च किया।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में हो रही आर्थिक गतिविधियों के लिए बिजली ही प्रमुख कारक है। इसी के चलते बिजली की मांग भी बढ़ रही है और जारी योजनाओं एवं थर्मल परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रॉम्प्ट पोर्टल के शुभांरभ से देश में बिजली के क्षेत्र में पारदर्शी, समन्वित और प्रभावी कामकाज संभव हो पाएगा।


केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) नियमित निर्माण स्थलों के दौरे, डेवलपर्स के साथ बातचीत और हितधारकों के साथ समय-समय पर समीक्षा बैठकों के जरिए निर्माणाधीन बिजली परियोजनाओं की प्रगति की सक्रिय निगरानी कर रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य बिजली परियोजनाओं का परिचालन समयबद्ध ढंग से शुरू करना सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों की पहचान करना और उनका समाधान करना है। इन ताप विद्युत परियोजनाओं की निगरानी की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए, और विद्युत परियोजना डेवलपर्स को निगरानी की डिजिटल प्रक्रिया की ओर ले जाने के लिए, ये ऑनलाइन थर्मल परियोजना निगरानी पोर्टल विकसित किया गया है। एनटीपीसी ने इस पोर्टल को विकसित करने में मदद की है।

नए शुरू किए गए इस प्रॉम्प्ट पोर्टल को थर्मल परियोजनाओं की रियल टाइम ट्रैकिंग और विश्लेषण को सुगम करने के लिए बनाया गया है। ये ऑनलाइन मंच परियोजना प्रबंधकों और हितधारकों को सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, जिससे सुनिश्चित होता है कि संभावित देरी और मुद्दों की जल्द पहचान हो तथा उनका तुरंत समाधान किया जाए।

प्रॉम्प्ट की मुख्य विशेषताएं और लाभ:

रियल टाइम ट्रैकिंग और विश्लेषण: परियोजना निष्पादन के सभी पहलुओं की निगरानी के लिए ये पोर्टल एक केंद्रीकृत मंच प्रदान करता है, जिससे संभावित मुद्दों की त्वरित पहचान और समाधान संभव होता है।

पारदर्शिता और जवाबदेही: ये पोर्टल निगरानी प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर परियोजना प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करता है, जिससे मुद्दों का समय पर समाधान होता है, समय और लागत में कमी आती है, और परियोजना निष्पादन दक्षता में वृद्धि होती है।

संसाधन अनुकूलन: पोर्टल पूर्वानुमानित संसाधन उपलब्धता का समर्थन करता है जिससे देश की बिजली की मांग को उचित मूल्य पर पूरा करने में सहायता मिलती है और अंततः उपभोक्ता लाभान्वित होते हैं।

पोर्टल की कार्यक्षमता से हितधारकों को परिचित कराने के लिए सभी परियोजना डेवलपर्स के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप अधिकांश डेवलपर्स ने मासिक आधार पर पोर्टल में डेटा दर्ज करना शुरू कर दिया है जिससे निगरानी प्रक्रिया में और सुधार हुआ है।


विद्युत मंत्रालय भारत के बिजली क्षेत्र की दक्षता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बढ़ाने वाले अभिनव डिजिटल समाधानों को अपनाने को प्रतिबद्ध है, जिससे सभी के लिए विश्वसनीय और सस्ती बिजली सुनिश्चित होती है।

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