सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) – त्रैमासिक बुलेटिन [अप्रैल-जून 2024]
Posted On:
16 AUG 2024 5:50PM by PIB Delhi
मुख्य निष्कर्ष-
- 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के बीच शहरी क्षेत्रों में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) अप्रैल-जून, 2023 के 48.8% के मुकाबले अप्रैल-जून, 2024 में बढ़कर 50.1% हो गई है।
- शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए एलएफपीआर अप्रैल-जून, 2023 के 73.5% की तुलना में बढ़कर अप्रैल-जून, 2024 के दौरान 74.7% हो गई, जो पुरुष एलएफपीआर में समग्र वृद्धि की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
- शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के बीच एलएफपीआर अप्रैल-जून, 2023 के 23.2% की तुलना में अप्रैल-जून, 2024 के दौरान बढ़कर 25.2% हो गई।
- शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) अप्रैल-जून, 2023 के 45.5% की तुलना में बढ़कर अप्रैल-जून, 2024 में 46.8% हो गई।
- शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए डब्ल्यूपीआर अप्रैल-जून, 2023 के 69.2% की तुलना में अप्रैल-जून, 2024 के दौरान बढ़कर 70.4% हो गई, जो पुरुष डब्ल्यूपीआर में समग्र वृद्धि की प्रवृत्ति को दर्शाती है।
- शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए डब्ल्यूपीआर अप्रैल-जून, 2023 के 21.1% की तुलना में बढ़कर अप्रैल-जून, 2024 के दौरान 23.0% हो गई, जो महिला डब्ल्यूपीआरमें समग्र वृद्धि की प्रवृत्ति को दर्शाती है।
- अप्रैल-जून, 2024 के दौरान शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच बेरोजगारी दर (यूआर) 6.6% रही।
- 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के बीच यूआर अप्रैल-जून, 2023 के 5.9% की तुलना में घटकर अप्रैल-जून, 2024 के दौरान 5.8% हो गई।
- 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के बीच यूआर अप्रैल-जून, 2023 के 9.1% की तुलना में घटकर अप्रैल-जून, 2024 में 9.0% हो गई।
परिचय
अपेक्षाकृत अधिक नियमित समय अंतराल पर श्रम बल के आंकड़ों की उपलब्धता की अहमियत को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) की शुरुआत की थी।
पीएलएफएस के मुख्यत: दो उद्देश्य हैं:
- वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में केवल शहरी क्षेत्रों के लिए तीन माह के अल्पकालिक अंतराल पर प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों (अर्थात् श्रमिक-जनसंख्या अनुपात, श्रम बल भागीदारी दर, बेरोजगारी दर) का अनुमान लगाना।
- प्रति वर्ष ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य स्थिति (पीएस+एसएस) और सीडब्ल्यूएस दोनों में रोजगार एवं बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान लगाना।
दिसंबर 2018 को समाप्त तिमाही से मार्च 2024 को समाप्त तिमाही तक पीएलएफएस के 22 त्रैमासिक बुलेटिन पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन त्रैमासिक बुलेटिन में श्रम बल संकेतकों अर्थात् श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर), रोजगार में व्यापक स्थिति के आधार पर श्रमिकों का वितरण और शहरी क्षेत्रों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में कार्य उद्योग के अनुमान प्रस्तुत किए गए हैं।
वर्तमान त्रैमासिक बुलेटिन अप्रैल-जून 2024 तिमाही की श्रृंखला में 23वां है।
जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के दौरान पीएलएफएस फील्डवर्क
अप्रैल-जून, 2024 की अवधि के लिए आवंटित सभी नमूनों (सैंपल्स) के संबंध में सूचना एकत्र करने के लिए फील्डवर्क फर्स्ट विजिट के साथ-साथ रीविजिट नमूनों का काम समय पर पूरा कर लिया गया, 8 फर्स्ट विजिट एफएसयू के; जिनमें त्रिपुरा राज्य में तीन; मध्य प्रदेश, पंजाब, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्यों में से प्रत्येक में एक और 14 रीविजिट एफएसयू (मणिपुर राज्य से 5, तेलंगाना और महाराष्ट्र राज्यों से दो और पश्चिम बंगाल, मेघालय, त्रिपुरा, केरल और कर्नाटक राज्यों में से एक)को छोड़कर, जिन्हें संकटग्रस्त माना गया।
संबंधित तिमाही के लिए पीएलएफएस के अनुमानों का उपयोग करते समय इन पहलुओं को ध्यान में रखा जा सकता है।
पीएलएफएस का नमूना डिजाइन
शहरी क्षेत्रों में एक रोटेशनल पैनल नमूनाकरण डिजाइन का उपयोग किया गया है। इस रोटेशनल पैनल योजना में, शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक चयनित घर का चार बार, शुरुआत में 'फर्स्ट विजिट के कार्यक्रम' के साथ और तीन बार समय-समय पर 'रीविजिट के कार्यक्रम', के साथ दौरा किया जाता है। रोटेशन की योजना यह सुनिश्चित करती है कि पहले चरण की सैंपलिंग यूनिट्स (एफएसयू) का 75 प्रतिशत लगातार दो यात्राओं के बीच मेल खाता है।
नमूना आकार
अखिल भारतीय स्तर पर, शहरी क्षेत्रों में, अप्रैल-जून 2024 तिमाही के दौरान कुल 5,735 एफएसयू (शहरी फ्रेम सर्वेक्षण से शहरी नमूना इकाई) का सर्वेक्षण किया गया है। सर्वेक्षण किए गए शहरी परिवारों की संख्या 45,016 थी और शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण किए गए व्यक्तियों की संख्या 1,71,121 थी।
1- त्रैमासिक बुलेटिन के लिए प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का वैचारिक ढांचा: आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर) आदि जैसे प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान देता है। इन संकेतकों और 'वर्तमान साप्ताहिक स्थिति' को निम्नानुसार परिभाषित किया गया है:
2. श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर): एलएफपीआर को जनसंख्या में श्रम बल (अर्थात् काम करने या काम की तलाश करने या काम के लिए उपलब्ध) में व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।
3. श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर): डब्ल्यूपीआर को जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।
4. बेरोजगारी दर (यूआर): यूआर को श्रम बल में व्यक्तियों के बीच बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।
5. वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस): सर्वेक्षण की तारीख से पहले पिछले 7 दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित गतिविधि की स्थिति को व्यक्ति की वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के रूप में जाना जाता है।
6- अप्रैल-जून 2024 तिमाही के लिए त्रैमासिक बुलेटिन मंत्रालय की वेबसाइट (https://mospi.gov.in) पर उपलब्ध है। मुख्य परिणाम संलग्न वक्तव्यों में दिए गए हैं।
अनुलग्नक
पीएलएफएस, तिमाही बुलेटिन (अप्रैल-जून 2024) के मुख्य निष्कर्ष
1-15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) में वृद्धि का रुझान
अप्रैल-जून 2024 में शहरी क्षेत्रों में एलएफपीआर 15 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए 50.1% थी। जबकि पुरुषों के लिए एलएफपीआर अप्रैल-जून 2024 में 74.7% रही और महिलाओं के लिए,इस अवधि के दौरान एलएफपीआर 25.2% थी।
विवरण 1: शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर (प्रतिशत में)
अखिल भारतीय
|
सर्वे की अवधि
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पुरुष
|
महिला
|
व्यक्ति
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
अप्रैल- जून 2023
|
73.5
|
23.2
|
48.8
|
जुलाई- सितंबर 2023
|
73.8
|
24.0
|
49.3
|
अक्टूबर- दिसंबर 2023
|
74.1
|
25.0
|
49.9
|
जनवरी- मार्च 2024
|
74.4
|
25.6
|
50.2
|
अप्रैल- जून 2024
|
74.7
|
25.2
|
50.1
|
15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर)
शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए अप्रैल-जून 2024 में डब्ल्यूपीआर 46.8% रही। पुरुषों के लिए, यह अप्रैल-जून 2024 में 70.4% रही, जबकि महिलाओं के लिए, इस अवधि के दौरान यह 23.0% रही थी।
विवरण 2: शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में डब्ल्यूपीआर (प्रतिशत में)
अखिल भारतीय
|
सर्वेक्षण अवधि
|
पुरुष
|
महिला
|
व्यक्ति
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
अप्रैल- जून2023
|
69.2
|
21.1
|
45.5
|
जुलाई- सितंबर 2023
|
69.4
|
21.9
|
46.0
|
अक्टूबर- दिसंबर 2023
|
69.8
|
22.9
|
46.6
|
जनवरी- मार्च 2024
|
69.8
|
23.4
|
46.9
|
अप्रैल- जून2024
|
70.4
|
23.0
|
46.8
|
- 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर (यूआर)
शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए अप्रैल-जून 2024 में बेरोजगारी दर 6.6% थी। पुरुषों के लिए, अप्रैल-जून 2024 में बेरोजगारी दर 5.8% थी और महिलाओं के लिए, इसी अवधि के दौरान शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 9.0% थी।
विवरण 3: शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में यूआर (प्रतिशत में)
अखिल भारतीय
|
सर्वेक्षण अवधि
|
पुरुष
|
महिला
|
व्यक्ति
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
अप्रैल- जून2023
|
5.9
|
9.1
|
6.6
|
जुलाई- सितंबर 2023
|
6.0
|
8.6
|
6.6
|
अक्टूबर- दिसंबर 2023
|
5.8
|
8.6
|
6.5
|
जनवरी- मार्च 2024
|
6.1
|
8.5
|
6.7
|
अप्रैल- जून2024
|
5.8
|
9.0
|
6.6
|
ई. प्रमुख श्रम बाजार संकेतकों के त्रैमासिक अनुमानों की मुख्य विशेषताएं
- 2022 से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) में रुझान
जनवरी-मार्च, 2022 तिमाही से शहरी क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं के लिए एलएफपीआर का रुझान आंकड़ा 1 और 2 में प्रस्तुत किया गया है।
- वर्ष 2022 से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में रुझान
जनवरी-मार्च, 2022 तिमाही से शहरी क्षेत्रों में पुरुष और महिला के लिए डब्ल्यूपीआर में रुझान चित्र 3 और 4 में दिए गए हैं।
- वर्ष 2022 से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बेरोजगारी दर (यूआर) में रुझान
जनवरी-मार्च, 2022 तिमाही से शहरी क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं के लिए यूआर में रुझान चित्र 5 और 6 में दिए गए हैं।
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एमजी/ एआर/ केजे/
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