जल शक्ति मंत्रालय
यमुना के बाढ़ के मैदानों में सतत भूजल विकास के माध्यम से फरीदाबाद में जल आपूर्ति में बढ़ोतरी का अध्ययन करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू)
Posted On:
14 AUG 2024 8:38PM by PIB Delhi
साल 2031 तक फरीदाबाद स्मार्ट सिटी के लिए अनुमानित जल आपूर्ति की कमी को दूर करने को लेकर केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) और फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह यमुना के बाढ़ के मैदानों में भूजल संसाधनों के सतत विकास के माध्यम से शहर की जल आपूर्ति को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) के दायरे में यमुना बाढ़ के मैदानों में भूजल की क्षमता और गुणवत्ता का आकलन करने के लिए एक व्यापक अध्ययन शामिल है। इस अध्ययन के आधार एक व्यापक भूजल प्रबंधन योजना तैयार की जाएगी, जिसमें फरीदाबाद जिले में तय अध्ययन क्षेत्र के भीतर भूजल संसाधनों के कृत्रिम पुनर्भरण और आगे के विकास के लिए रणनीतियों को शामिल किया जाएगा। यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) 31 मार्च, 2025 तक वैध है और इस अवधि तक अध्ययन के पूरा हो जाने की आशा है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के तहत तेजी से विस्तार कर रहा फरीदाबाद शहर वर्तमान में अपनी जल संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए भूजल पर निर्भर है। इस आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा फरीदाबाद जिले में यमुना नदी के बाढ़ मैदानों के किनारे स्थित रेनी वेलों से प्राप्त होता है। शहर के अनुमानित विकास और बढ़ती हुई जल की मांग को देखते हुए साल 2031 तक पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त भूजल संसाधनों की खोज और विकास की काफी अधिक जरूरत है।
इस अध्ययन के निष्कर्ष न केवल फरीदाबाद की स्मार्ट सिटी पहल की सफलता में योगदान देंगे, बल्कि लंबी अवधि के लिए शहर की जल संबंधित जरूरतों को पूरा करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह सहयोगात्मक प्रयास शहरी नियोजन और जल संसाधन प्रबंधन में दूरदर्शी रणनीतियों के महत्व को रेखांकित करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि फरीदाबाद भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बना रहे।
यह पहल वैज्ञानिक जल संसाधन प्रबंधन और सतत शहरी विकास के संबंध में केन्द्र सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता के साथ-साथ सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने को लेकर समर्पण को दिखाती है।
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एमजी/एआर/आरपी/एचकेपी
(Release ID: 2045717)
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