कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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उभरती हुई तकनीकें और एआई की शुरुआत आईटीआई को फिर से परिकल्पित करने में मदद करेगी: कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी


माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी में, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएसटीआई)- वुमेन, नोएडा में अग्रणी एआई प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) ने चार प्रमुख समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए

एमओयू कौशल विकास, डिजिटल वाणिज्य और महिला उद्यमिता को बढ़ाएंगे

महाराष्ट्र लघु उद्योग विकास निगम लिमिटेड (एमएसएसआईडीसी), सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

Posted On: 13 AUG 2024 6:15PM by PIB Delhi

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने कई कार्यक्रमों के शुभारंभ की घोषणा की। भारत के व्यावसायिक प्रशिक्षण परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने और डिजिटल अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए अपने कार्यबल को सशक्त बनाने के उद्देश्य से अभूतपूर्व पहल की गई है। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने आज नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएसटीआई)- वुमेन, नोएडा में अपने मुख्य भाषण के दौरान यह घोषणा की।


सभी आईटीआई और एनएसटीआई में माइक्रोसॉफ्ट एआई प्रोग्रामिंग असिस्टेंट प्रोग्राम

आज की घोषणा का मुख्य बिंदु इस शैक्षणिक सत्र से 200 आईटीआई में डिजिटल उत्पादकता और एआई कौशल के लिए माइक्रोसॉफ्ट के स्किलसक्षम प्रोग्राम का विस्तार करना है, जिसमें 10,000 से अधिक उम्मीदवारों को लक्षित किया गया है और शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लगभग 15 एनएसटीआई में ‘एआई प्रोग्रामिंग असिस्टेंट’ पाठ्यक्रम की शुरुआत के लिए इसका समर्थन है। आईटीआई में सीटीएस कार्यक्रम के पिछले सत्र में स्किलसक्षम कार्यक्रम के तहत 8,500 से अधिक छात्रों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है।

हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि यह प्रशिक्षण हमारे देश के हर कोने तक पहुंचे। माइक्रोसॉफ्ट 2024 शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले 15 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के तहत ‘एआई प्रोग्रामिंग असिस्टेंट’ पाठ्यक्रम के रोलआउट का समर्थन करेगा। इस प्रकार, देश भर के 15 एनएसटीआई के छात्रों को एआई-केंद्रित 1200 घंटे का प्रशिक्षण मिलेगा। इसके अलावा, लगभग 400 अतिरिक्त घंटे एडवांस एआई कौशल और वर्चुअल ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी) के लिए समर्पित होंगे, जिसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा सुगम बनाया जाएगा। यह राष्ट्रव्यापी तैनाती भविष्य के कौशल तक पहुंच को सक्षम करने में मदद करेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को एआई-संचालित भविष्य में नेतृत्व करने का अवसर मिले।

माननीय मंत्री श्री जयंत चौधरी ने कहा "हम एक पीढ़ीगत बदलाव के पड़ाव पर हैं। माइक्रोसॉफ्ट के साथ हमारी साझेदारी सिर्फ एक सहयोग नहीं, उससे कहीं अधिक है- यह एक साहसिक वक्तव्य है कि भारत की व्यावसायिक शिक्षा प्रणाली न केवल समय के साथ चल रही है, बल्कि तीव्र गति भी तय कर रही है।"

"हमें प्रशिक्षकों और शिक्षकों का एक समूह बनाने की आवश्यकता है, जो नई तकनीकों और एआई को समझते हों। इस तरह के प्रशिक्षण से निकले व्यक्ति भविष्य की प्रतिभाओं को नए नौकरी के माहौल के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उभरती हुई तकनीकें और एआई की शुरुआत आईटीआई को फिर से कल्पित करने में मदद करेगी। हमारे छात्रों को एआई की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करने के लिए तैयार करके, हम 2025 तक भारत की अपेक्षित जीडीपी वृद्धि को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”

माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष श्री पुनीत चंडोक ने कहा, "जैसा कि हम माइक्रोसॉफ्ट और प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के बीच सफल पांच साल की साझेदारी का उत्सव मना रहे हैं, हम भारत के युवाओं को महत्वपूर्ण डिजिटल कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मिशन सभी के लिए एआई है, हम देश के प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक संगठन को और भी अधिक उपलब्धि हासिल करने में सक्षम बनाना चाहते हैं। हजारों युवा प्रतिभा पहले से ही हमारे एआई-केंद्रित कौशल कार्यक्रमों से लाभान्वित हो रहे हैं, साथ ही साइबर सुरक्षा और डिजिटल उत्पादकता के साथ, हम अब भारत में व्यावसायिक शिक्षा के लिए इस प्रभाव का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उद्योग जगत के भागीदारों के साथ मिलकर, हम अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाएंगे और 200 से अधिक आईटीआई और 15 एनएसटीआई तक पहुंच का विस्तार करेंगे, जिससे भारत को 'अविश्वसनीय अवसर' से 'विश्वसनीय प्रभाव' तक की अपनी नवाचार यात्रा में मदद मिलेगी।"

एमएसएमई और उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए रणनीतिक साझेदारी

एआई प्रोग्राम के अलावा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने और उद्यमशीलता कौशल विकास का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण साझेदारियां भी की जा रही हैं:

एनआईईएसबीयूडी-एमएसएसआईडीसी साझेदारी: एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाने और तेज करने (आरएएमपी) कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र में महिलाओं के स्वामित्व वाली एमएसएमई इकाइयों के लिए तैयार क्षमता निर्माण प्रशिक्षण पर केंद्रित है। इस पहल का उद्देश्य राज्य में एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना है।

एनआईईएसबीयूडी-गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) सहयोग: एनआईईएसबीयूडी प्रशिक्षुओं को जीईएम के डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा पेश किए गए विशाल अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए एक औपचारिक संस्थागत तंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे बाजार तक पहुंच और उपस्थिति बढ़ेगी।

जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन: यह साझेदारी उद्यमशीलता शिक्षा और कौशल को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों की ताकत का उपयोग करेगी, जिससे अंततः स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ सहयोग: एनआईईएसबीयूडी और ओएनडीसी उद्यमिता कौशल विकास को आगे बढ़ाने और स्वरोजगार पहलों का समर्थन करने के लिए आपसी सहयोग के अवसरों का पता लगाएंगे।

 

केंद्रीय मंत्री श्री जयंत चौधरी ने कहा, "ये साझेदारियां अधिक कुशल, विकसित और आत्मनिर्भर हमारे सपनों के भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगी। अब तक जो एक मौन क्रांति रही है, वह अब बड़े विस्तृत तौर पर गति प्राप्त करने वाली है।"


 

भविष्य की राह

भारत जैसे-जैसे डिजिटल भविष्य की ओर बढ़ रहा है, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की पहल ऐसे कार्यबल की नींव रख रही है, जो भविष्य के लिए तैयार रहने के साथ-साथ इसका नेतृत्व करने के लिए भी सुसज्जित है। रणनीतिक साझेदारी और व्यावसायिक प्रशिक्षण में एआई जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के एकीकरण के माध्यम से, भारत डिजिटल नवाचार और आर्थिक विकास में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने के लिए तैयार है।

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