खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही योजनाएं
Posted On:
08 AUG 2024 5:16PM by PIB Bhopal
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) तथा केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना को कार्यान्वित कर रहा है, जिसमें खेत से लेकर खुदरा दुकानों तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक अवसंरचना निर्माण और किसानों को बेहतर लाभ प्रदान करने, रोजगार के अवसर पैदा करने, अपशिष्ट को कम करने, प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाने तथा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने में सहायता शामिल है। ये तीनों योजनाएं मांग प्रेरित हैं और पूरे देश में चलाई जाती हैं।
पीएमकेएसवाई की उप-योजनाओं के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय 15वें वित्त आयोग चक्र के लिए 5520 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ उद्यमियों को अधिकतर क्रेडिट लिंक्ड वित्तीय सहायता (पूंजी सब्सिडी) प्रदान करता है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने 30 जून 2024 तक 41 मेगा फूड पार्क, 399 कोल्ड चेन प्रोजेक्ट, 76 कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, 588 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, 61 बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज प्रोजेक्ट और 52 ऑपरेशन ग्रीन्स प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) के अंतर्गत माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्यमों की स्थापना/उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता भी प्रदान करता है। यह योजना वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए चालू है, जिसका कुल परिव्यय 10,000 करोड़ रुपये है। 30 जून 2024 तक माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्यमों को कुल 92,549 स्वीकृतियां दी गई हैं।
पीएलआईएसएफपीआई का उद्देश्य अन्य बातों के साथ-साथ, वैश्विक खाद्य मैन्युफैक्चरिंग चैंपियनों को बनाने का समर्थन करना तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांडों का समर्थन करना है। यह योजना वर्ष 2021-22 से वर्ष 2026-27 तक छह वर्ष की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ चलाई जा रही है। अब तक 172 खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों को योजना की विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत सहायता के लिए स्वीकृतियां दी गई हैं।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नवीन उत्पाद और प्रक्रिया विकास की आवश्यकता को देखते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय पीएमकेएसवाई के अंतर्गत अपनी अनुसंधान एवं विकास योजना के माध्यम से संबंधित मांग आधारित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के लिए निजी क्षेत्र में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से मान्यता प्राप्त अनुसंधान और विकास इकाइयों सहित शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। वर्ष 2017-18 से 30 जून 2024 तक 26.12 करोड़ रुपये की स्वीकृत सब्सिडी के साथ 72 शोध परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
इसके अतिरिक्त, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टेम) कुंडली और निफ्टेम, तंजावुर भी इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को चला रहे हैं।
यह जानकारी आज लोकसभा में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में दी।
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