वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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बॉयलर विधेयक, 2024 राज्यसभा में पेश किया गया

नया विधेयक एक सदी पुराने कानून की जगह लेगा

बॉयलर विधेयक अपराधों को अपराधमुक्त करके विश्वास को बेहतर बनाएगा

7 में से 3 अपराधों को अपराधमुक्त किया गया, सभी गैर-आपराधिक अपराधों के लिए त्वरित निवारण की व्यवस्था की गई

कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए अप्रचलित प्रावधानों को हटाया गया

श्रमिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए नया अधिनियम

Posted On: 06 AUG 2024 7:31PM by PIB Bhopal

बॉयलर विधेयक, 2024 को आज (6 अगस्त, 2024 को) राज्यसभा में पेश किया गया। यह बॉयलर अधिनियम, 1923 (1923 का 5) को निरस्त करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 2 अगस्त, 2024 को मौजूदा बॉयलर अधिनियम, 1923 को निरस्त करने और संसद में “बॉयलर विधेयक, 2024” पेश करने को मंजूरी दी थी।

यह पुनः अधिनियमित विधेयक देश में उद्योग, बॉयलरों पर/उनके साथ काम करने वाले कर्मचारियों और इसके कार्यान्वयनकर्ताओं सहित हितधारकों की वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करता है और वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप है। विधेयक की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

i. विधेयक के प्रावधानों को अधिक स्पष्ट बनाने के लिए इसे आधुनिक मसौदा पद्धतियों के अनुसार तैयार किया गया है। अधिनियम को आसानी से पढ़ने और समझने के लिए बॉयलर अधिनियम, 1923 में विभिन्न स्थानों पर मौजूद समान प्रावधानों को छह अध्यायों में एक साथ रखा गया है। किसी भी भ्रम की स्थिति से बचने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्रीय बॉयलर बोर्ड के सभी कार्यों/शक्तियों को विस्तार से सूचीबद्ध किया गया है।

ii. व्यापार करने में आसानी (ईओडीबी) यानी कारोबारी सुगमता के लिए, विधेयक से एमएसएमई क्षेत्र सहित बॉयलर उपयोगकर्ताओं को लाभ होगा, क्योंकि विधेयक में गैर-अपराधीकरण से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं। बॉयलर और बॉयलर की देखरेख करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सात अपराधों में से उन चार प्रमुख अपराधों में आपराधिक दंड बरकरार रखा गया है, जिनके परिणामस्वरूप जान और संपत्ति का नुकसान हो सकता है। अन्य अपराधों के लिए, आर्थिक दंड का प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा, सभी गैर-आपराधिक मामलों के लिए ‘जुर्माने’ को ‘दंड’ में बदल दिया गया है, जिसे पहले की तरह अदालतों के बजाय कार्यकारी तंत्र के माध्यम से लगाया जाएगा।

iii. प्रस्तावित विधेयक सुरक्षा को बढ़ाएगा क्योंकि विधेयक में बॉयलर के अंदर काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट प्रावधान किए गए हैं और बॉयलर की मरम्मत योग्य एवं सक्षम व्यक्तियों द्वारा की जाएगी।

पृष्ठभूमि

भारत सरकार वर्तमान समय में उनकी उपयुक्तता और प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से सभी संविधान-पूर्व अधिनियमों का परीक्षण कर रही है।

बॉयलर अधिनियम, 1923, संविधान-पूर्व अधिनियम, जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से संबंधित है। इसलिए, मौजूदा अधिनियम के प्रावधानों की समीक्षा करके और संसद में एक नया बॉयलर विधेयक, 2024 पेश करके अधिनियमन को जारी रखना महत्वपूर्ण है।

वर्ष 2007 में भारतीय बॉयलर (संशोधन) अधिनियम, 2007 द्वारा बॉयलर अधिनियम, 1923 में व्यापक संशोधन किया गया था, जिसमें स्वतंत्र तृतीय पक्ष निरीक्षण प्राधिकरणों द्वारा निरीक्षण और प्रमाणन की शुरुआत की गई थी। हालांकि, मौजूदा अधिनियम का और परीक्षण करने पर, अधिनियम की समीक्षा करने और जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुरूप गैर-अपराधीकरण प्रावधानों को शामिल करने की आवश्यकता महसूस की गई है।

इस क्रम में, मौजूदा अधिनियम की समीक्षा की गई है जिसमें अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधानों को हटा दिया गया है और नियमों एवं विनियमों के लिए कुछ मूलभूत सक्षम प्रावधान किए गए हैं जो पहले प्रदान नहीं किए गए थे। विधेयक के प्रावधानों को और अधिक स्पष्ट बनाने के लिए कुछ नई परिभाषाएं भी शामिल की गई हैं और कुछ मौजूदा परिभाषाओं में संशोधन किया गया है। (संलग्न अनुलग्नक में विस्तृत जानकारी दी गई है)

अनुलग्नक

बॉयलर विधेयक, 2024 की मुख्य विशेषताएं

  1. अधिनियम को छह अध्यायों में विभाजित किया गया है तथा प्रावधानों को अध्यायवार पुनर्व्यवस्थित किया गया है। (मौजूदा अधिनियम में कोई अध्याय नहीं है तथा समान प्रावधान विभिन्न स्थानों पर हैं)।
  2. बॉयलर अधिनियम, 1923 में निम्नलिखित अनावश्यक/ अप्रचलित प्रावधानों को हटा दिया गया है;
  1. धारा 1(2): अधिनियम की संपूर्ण भारत पर प्रयोज्यता,
  2. धारा 2ए: अधिनियम की फीड-पाइप पर प्रयोज्यता, और
  3. धारा 2बी: अधिनियम की इकोनॉमाइसर पर प्रयोज्यता।
  1. बॉयलर विधेयक, 2024 के खंड-2 में निम्नलिखित नई परिभाषाएं शामिल की गई हैं: 2(के): अधिसूचना, 2(पी): विनियम, 2(क्यू): राज्य सरकार।
  2. अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप बॉयलर विधेयक, 2024 के खंड-2 में निम्नलिखित परिभाषाओं में संशोधन किया गया है: 2(डी): बॉयलर घटक, 2(एफ): सक्षम प्राधिकारी, 2(जे): निरीक्षण प्राधिकारी।
  3. जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक में निहित बॉयलर अधिनियम, 1923 के लिए गैर-अपराधीकरण प्रावधानों को खंड 27, 28, 29, 30, 31, 39 और 42 में शामिल किया गया है और दो नए खंड अर्थात् 35 (न्यायिक निर्णय) और 36 (अपील) को बॉयलर विधेयक, 2024 में शामिल किया गया है। इस क्रम में, गैर-आपराधिक मामलों के लिए ‘जुर्माने’ को ‘दंड’ में बदल दिया गया है (खंड: 27, 28, 30(1) और 31)
  4. अधिनियम में मौजूद नियमों और विनियमों के लिए मूलभूत सक्षम प्रावधान करने के उद्देश्य से विधेयक में निम्नलिखित प्रावधान शामिल किए गए हैं: खंड 3(7), 5(8), 10(1)(एफ), 10(2), 11(2), 12(9), 23(4) और 32(2)
  5. विधेयक में विभिन्न प्रावधानों के अनुरूप, नियम बनाने की केंद्र सरकार की शक्ति (खंड 39); नियम बनाने की बोर्ड की शक्ति (खंड 40) और नियम बनाने की राज्य सरकार की शक्ति (खंड 42) को विस्तार से सूचीबद्ध किया गया है।
  6. विधेयक में निम्नलिखित नए प्रावधान शामिल किए गए हैं:
    1. खंड 43 (कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति): बॉयलर अधिनियम, 2024 के प्रावधानों को तीन वर्ष की अवधि के भीतर प्रभावी करने में किसी भी कठिनाई को दूर करने की व्यवस्था।
    2. खंड 44 (निरसन और जारी रखना): बॉयलर अधिनियम, 1923 के अंतर्गत विभिन्न नियमों, विनियमों, आदेशों आदि को तब तक जारी रखने के लिए जब तक कि पुनः अधिनियमित बॉयलर अधिनियम, 2024 के अंतर्गत नए नियम, विनियमन, आदेश आदि अधिसूचित नहीं कर दिए जाते।
  1. वर्तमान प्रारूपण/ मसौदा पद्धतियों के अनुसार विभिन्न खंडों का पुनः प्रारूपण किया गया और विभिन्न प्रावधानों का संदर्भ शामिल किया गया।

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