विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) भारतीय स्टार्टअप के लिए लंबी छलांग लगाएगा


आईआईएसईआर पुणे में आई-हब क्वांटम टेक्नोलॉजी फाउंडेशन प्रस्तावों के लिए कॉल जारी करता है

Posted On: 06 AUG 2024 4:57PM by PIB Bhopal

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने आज स्टार्टअप्स को समर्थन और पोषण देने के लिए दिशानिर्देशों के एक नए सेट के बाद राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत क्वांटम टेक्नोलॉजीज में स्टार्टअप्स का समर्थन करने के प्रस्तावों के लिए पहली कॉल लॉन्च की।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने क्वांटम प्रौद्योगिकियों में स्टार्टअप का समर्थन और पोषण करने के लिए राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) द्वारा तैयार किए गए व्यापक दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है। ये दिशानिर्देश स्टार्टअप्स के लिए संसाधनों, फंडिंग, मेंटरशिप और बुनियादी ढांचे के समर्थन तक पहुंचने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की रूपरेखा तैयार करते हैं। साथ ही डीप-टेक स्टार्टअप नीति से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्वांटम क्षेत्र में खुद को स्थापित करने में मदद मिलेगी। हालाँकि, यह एक नया क्षेत्र है जो विकसित हो रहा है और जैसा कि हम सीखते हैं हम आवश्यकता के अनुसार नीतियों और दिशानिर्देशों को परिष्कृत करेंगे, ”भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय के सूद ने कहा।

प्रोफेसर अभय करंदीकर ने बताया कि उदार दिशानिर्देश क्वांटम प्रौद्योगिकी स्टार्टअप का एक सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि “युवा और मध्यम स्तर के स्टार्टअप सबसे महत्वपूर्ण गहरे तकनीकी क्षेत्रों में से एक से जुड़े कॉल से बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं और इसमें वैश्विक नेता बनने की दिशा में भारत की यात्रा में योगदान कर सकते हैं। वित्त पोषण (फंडिंग) तंत्र और इक्विटी संरचनाओं पर काम किया जा रहा है ताकि इस मिशन के परिणाम शीघ्रातिशीघ्र मिल सके।''

दिशानिर्देश पात्रता और चयन मानदंड, मूल्यांकन प्रक्रिया, वित्त पोषण तंत्र और प्रगति निगरानी और सुविधाओं तक पहुंच जैसे अन्य पहलुओं का विस्तार से विवरण देते हैं। इसका उद्देश्य इन नवोन्मेषी स्टार्ट-अप्स को लक्षित सहायता प्रदान करके एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जहां नवोन्मेषी पल्लवित हो सके एवं रोजगार के नए अवसर पैदा हो और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी के शुरुआती चरण को देखते हुए, अनुसंधान और व्यावसायीकरण के बीच अंतर को पाटने के लिए मजबूत समर्थन की आवश्यकता है। नए दिशानिर्देश इस चुनौती से निपटने के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करते हैं और उन स्टार्टअप्स का समर्थन करते हैं जिनके लिए पर्याप्त मात्रा में वित्तपोषण और संस्थागत ढांचे की आवश्यकता होती है। मिशन शासी परिषद गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री अजय चौधरी ने कहा कि "भारत का स्टार्टअप समुदाय क्वांटम मिशन को बहुत गंभीरता से ले रहा है और ये दिशानिर्देश उन्हें वांछित परिवर्तन लाने में सहायक बनेंगे।" वर्तमान में यह कार्यक्रम आई-हब क्वांटम टेक्नोलॉजी फाउंडेशन (क्यूटीएफ), भारतीय विज्ञान शिक्षा अनुसंधान संस्थान (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च -आईआईएसईआर) पुणे में प्रौद्योगिकी नवोन्मेष केंद्र (टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब -टीआईएच) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जो अंत: विषयी साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (इंटरडिसिप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स - एनएम – आईसीपीएस) के अंतर्गत स्थापित है और क्वांटम स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावों को आमंत्रित कर रहा है। बाद में इसे क्वांटम मिशन के तहत स्थापित किए जाने वाले हब द्वारा ले लिया जाएगा। यह सक्रिय दृष्टिकोण भारत में एक गतिशील क्वांटम स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के सरकार के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालता है। यह कार्यक्रम स्टार्टअप्स को आवश्यक संसाधनों तक पहुंचने और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में निहित चुनौतियों से पार पाने का एक स्पष्ट मार्ग भी प्रदान करता है। भाग लेने में रुचि रखने वाले स्टार्टअप्स को विस्तृत दिशानिर्देशों की समीक्षा करने और निर्दिष्ट समय सीमा, 31 अगस्त, 2024 से पहले आईआईएसईआर पुणे में आई-हब क्यूटीएफ को प्रस्ताव जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भारतीय विज्ञान शिक्षा अनुसंधान संस्थान (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च -आईआईएसईआर) पुणे के निदेशक प्रो. सुनील एस. भागवत; भू-स्थानिक डेटा संवर्धन एवं विकास समिति (जिओ स्पैचियल डाटा प्रमोशन एंड डेवलपमेंट कमिटी -जीडीपीडीसी) के अध्यक्ष श्री श्रीकांत शास्त्री; विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) में एफएफटी डिवीजन की प्रमुख डॉ. एकता कपूर; राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के निदेशक डॉ. जेबीवी रेड्डी, एनक्यूएम से ही डॉ. स्वात रावल डांग और डॉ. डीवी फणी कुमार तथा कई क्वांटम पेशेवर इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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