सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
आत्मनिर्भर भारत योजना की क्रियान्वयन स्थिति
Posted On:
05 AUG 2024 4:22PM by PIB Delhi
सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत कई पहलें की हैं। इसमे शामिल है:
(i). दबावग्रस्त एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपये का अधीनस्थ ऋण।
(ii). एमएसएमई सहित व्यवसायों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना, जिसे बाद में बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया।
(iii. )आत्मनिर्भर भारत कोष के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश
(iv). एमएसएमई का वर्गीकरण करने के नए संशोधित मानदंड।
(v). ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए 'उद्यम पंजीकरण' के माध्यम से एमएसएमई का पंजीकरण।
(vi). 200 करोड़ रुपये तक की खरीद के लिए वैश्विक निविदा नहीं।
अधीनस्थ ऋण के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसएसडी) का उद्देश्य दबावग्रस्त एमएसएमई के प्रवर्तकों को बैंकों के माध्यम से वैयक्तिक ऋण प्रदान करना है जिससे पुनर्गठन के लिए पात्र कारोबार में इक्विटी/अर्ध इक्विटी के रूप में निवेश किया जा सके। यह योजना 31.03.2023 तक चालू थी। 31.03.2023 तक, 96.81 करोड़ रुपये की राशि से 803 गारंटी स्वीकृत की गई।
आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) में योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार पात्र राशि के संबंध में 100% गारंटी के साथ मौजूदा पात्र उधारकर्ताओं को आनुशंगिक मुक्त ऋण प्रदान किए गए हैं। ईसीएलजीएस पर भारतीय स्टेट बैंक की 23.01.2023 की शोध रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 14.6 लाख एमएसएमई खाते, जिनमें से लगभग 93.8% खाते एमएसई श्रेणियों में थे, सुरक्षित किए गए।
आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) फंड 50,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें भारत सरकार की ओर से 10,000 करोड़ रुपये निजी इक्विटी/वेंचर कैपिटल फंड के माध्यम से 40,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है। 30.06.2024 तक, कुल 53 सहायक निधियों को सूचीबद्ध किया गया है और 8,353 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है और 450 संभावित एमएसएमई को सहायता प्रदान की गई।
सरकार ने समय-समय पर एमएसएमई के लिए पर्याप्त वित्त उपलब्ध कराने और उन्नत प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल की हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- क्रेडिट गारंटी योजना के अंतर्गत सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के माध्यम से ऋण की विभिन्न श्रेणियों के लिए 85% तक गारंटी कवरेज के साथ सूक्ष्म और लघु उद्यमों को 500 लाख रुपये (01.04.2023 से) तक का आनुशंगिक मुक्त ऋण। स्थापना के बाद से 30.06.2024 तक, 6,78,326.81 करोड़ रुपये की कुल 91,76,248 गारंटी जारी हो चुकी है।
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत, गैर-कृषि क्षेत्र में नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी प्रदान की जाती है। विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख रुपये तक और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए परियोजना लागत का 15% से 35% तक मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की जाती है। महिलाओं सहित विशेष श्रेणियों के लाभाथयों के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत है।
इसके अलावा, टूल रूम और तकनीकी संस्थानों के अंतर्गत, एमएसएमई मंत्रालय ने प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों के साथ एमएसएमई का समर्थन करने के लिए सामान्य इंजीनियरिंग, स्वचालन, हैंड टूल्स, प्लास्टिक, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, फोर्जिंग और फाउंड्री, खेल के सामान, चमड़ा और जूते, सुगंध और स्वाद आदि जैसे क्षेत्रों में 18 टूल रूम और तकनीकी संस्थान स्थापित किए हैं, जिन्हें प्रौद्योगिकी केंद्रों (टीसी) के रूप में जाना जाता है।
यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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