स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के संबंध में जानकारी

गर्भवती महिलाओं को उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की व्यक्तिगत समझ व उस पर नजर रखने और अतिरिक्त प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान सत्रों के प्रावधान के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करने हेतु विस्तारित पीएमएसएमए रणनीतियां शुरू की गईं

उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की सूची को 10 श्रेणियों से बढ़ाकर 25 श्रेणी तक कर दिया गया है, ताकि रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने के लिए शीघ्र पहचान तथा समय पर उनका उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके

Posted On: 02 AUG 2024 7:23PM by PIB Bhopal

भारत सरकार ने "प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान" (पीएमएसएमए) कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य गर्भावस्था के दूसरी/तीसरी तिमाही में सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसूति विशेषज्ञों/चिकित्सा अधिकारियों द्वारा नामित सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर हर महीने की 9 तारीख को निश्चित दिन, निःशुल्क, सुनिश्चित, व्यापक एवं गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल सेवा प्रदान करना है।

पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के अंतर्गत प्रसवपूर्व देखभाल प्राप्त करने वाली गर्भवती महिलाओं की वर्षवार संख्या अनुलग्नक-1 में संलग्न है।

संभावित जटिलताओं की शुरुआती पहचान के लिए उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) पर निगाह बनाए रखना महत्वपूर्ण है, जिससे समय पर हस्तक्षेप और विशेष देखभाल संभव हो सके। यह सक्रिय दृष्टिकोण प्रतिकूल घटनाओं को रोककर मातृ एवं नवजात शिशु के स्वास्थ्य परिणामों में उल्लेखनीय सुधार करता है, जिससे मां और नवजात बच्चा दोनों की जान बच जाती है।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के माध्यम से सुरक्षित तरीके से मातृत्व सुनिश्चित करने के प्रयासों को जारी रखते हुए तथा इसमें आगे भी सुधार की दृष्टि से गर्भवती महिलाओं हेतु गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करने, उच्च जोखिम गर्भावस्था की व्यक्तिगत समझ के साथ देखभाल और प्रत्येक माह की 9 तारीख के अलावा भी अतिरिक्त पीएमएसएमए सत्रों का प्रावधान करने के लिए एक विस्तारित पीएमएसएमए रणनीति शुरू की गई है।

भारत सरकार ने जटिलताओं की शीघ्र पहचान और समय पर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की सूची को 10 श्रेणियों से बढ़ाकर 25 उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था श्रेणियों में विस्तारित किया है, ताकि रुग्णता और मृत्यु दर को कम किया जा सके तथा निकटतम प्राथमिल रेफरल इकाई (एफआरयू) के साथ संबंधित करके संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किया जा सके। 25 उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) श्रेणियों की सूची अनुलग्नक-2 में संलग्न है।

अनुलग्नक 1

क्रम संख्या

वित्त वर्ष

पीएमएसएमए के अंतर्गत प्रसवपूर्व देखभाल प्राप्त करने वाली कुल गर्भवती महिलाओं की संख्या

1

2021-2022

4748258

2

2022-2023

7357311

3

2023-2024

9316278

4

1 अप्रैल 2024 से 26 जुलाई 2024 तक

3239555

 

अनुलग्नक 2

 

क्रम संख्या

उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) श्रेणियां

1

एच.आई.वी.

2

सिफलिस

3

गंभीर एनीमिया

4

गर्भावस्था प्रेरित उच्च रक्तचाप

5

गर्भावधि मधुमेह मेलिटस

6

हाइपोथायरायडिज्म

7

तपेदिक

8

मलेरिया

9

प्रीवीअस एलएससीएस

10

सेफालो-पेल्विक असंतुलन

11

खराब प्रसूति इतिहास

12

जुड़वा/एक से अधिक गर्भावस्था

13

हेपेटाइटिस बी

14

असामान्य भ्रूण हृदय गति

15

किशोरावस्था गर्भावस्था

16

तेज बुखार

17

आर.टी.आई./एस.टी.आई.

18

एच/ओ स्टिल बर्थ

19

जन्मजात विकृति

20

नकारात्मक रक्त समूह

21

प्रारंभिक प्राइमी

22

एल्डर्ली प्राइमी

23

ग्रैंड मल्टीपारा

24

छोटा कद

25

अन्य

 

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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