इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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कुल 212 करोड़ रुपये के धन वितरण के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा समर्थित 3600+ तकनीकी स्टार्टअप

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय देश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का विकास और वृद्धि सुनिश्चित कर रहा है

Posted On: 02 AUG 2024 7:10PM by PIB Bhopal

स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत, सरकार देश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास और वृद्धि के लिए लगातार विभिन्न प्रयास करती है। फ्लैगशिप योजनाएं जैसे स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (एसआईएसएफएस) और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसएस) स्टार्टअप्स को उनके व्यापार चक्र के विभिन्न चरणों में सहायता प्रदान करती हैं ताकि स्टार्टअप्स को एक स्तर तक आगे बढ़ने में सक्षम बनाया जा सके जिससे वे स्वयं निवेशकों अथवा उद्यम पूंजीपतियों से निवेश जुटा सकें अथवा वाणिज्यिक बैंकों अथवा वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर सकें। परिणामस्वरुप, 31 जुलाई, 2024 तक भारत में 1.43 लाख से अधिक डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप संचालित हो रहे हैं।

इस दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा की गई पहल निम्न प्रकार हैं:

  1. प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन और उद्यमियों का विकास (टीआईडीई 2.0) योजना: एमईआईटीवाई ने 5 वर्षों की अवधि में 264.62 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2019 में टीआईडीई 2.0 योजना शुरू की। यह उच्च शिक्षा के वित्तीय और तकनीकी सहायता संस्थानों और उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके आईसीटी स्टार्टअप का समर्थन करने में लगे प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठनों का विस्तार करता है। अब तक 51 टीआईडीई 2.0 इनक्यूबेशन केंद्रों को सहायता प्रदान की गई है और उन्हें संचालित किया गया है।
  2. उत्पाद नवाचार, वृद्धि और विकास (समृद्ध) योजना के लिए एमईआईटीवाई का स्टार्टअप एक्सेलेरेटर योजना: समृद्ध योजना को मौजूदा और आगामी एक्सेलेरेटर का समर्थन करने के लिए शुरू किया गया था ताकि भारत की तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए संभावित आईटी-आधारित स्टार्ट-अप का चयन किया जा सके और इसमें तेजी लाई जा सके और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव उत्पन्न किया जा सके। समृद्ध योजना चयनित एक्सेलेरेटर को 40 लाख रुपये तक की वन-टू-वन मैचिंग फंडिंग वित्त पोषण सहायता के साथ-साथ स्टार्ट-अप को एक्सेलेरेटर सेवाएं प्रदान करने के लिए सहायता प्रदान करेगी। समूह के पहले दौर में, 175 स्टार्टअप को समर्थन देने के लिए 14 राज्यों और 12 शहरों में देश के 22 एक्सेलेरेटर का चयन किया गया है। इन एक्सेलेरेटर में सरकार समर्थित संगठन, शैक्षणिक संस्थान, कॉर्पोरेट एक्सेलेरेटर और निवेश फर्म शामिल हैं।
  3. अगली पीढ़ी की इनक्यूबेशन योजना (एनजीआईएस): एनजीआईएस को सॉफ्टवेयर उत्पाद पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने और सॉफ्टवेयर उत्पाद (एनजीआईएस) 2019 पर राष्ट्रीय नीति के एक महत्वपूर्ण हिस्से को संबोधित करने के लिए अनुमोदित किया गया है। यह योजना 12 स्थानों अर्थात अगरतला, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, देहरादून, गुवाहाटी, जयपुर, लखनऊ और प्रयागराज, मोहाली/ चंडीगढ़, पटना और विजयवाड़ा से शुरू करने का प्रस्ताव है। इस योजना में समाधान उन्मुख संरचना है और इसका लक्ष्य 95.03 करोड़ रुपयेके कुल बजट परिव्यय के साथ 3 वर्षों की अवधि में टियर-2/3 शहरों में 300 टेक स्टार्ट-अप को संभालना है।
  4. डोमेन विशिष्ट उत्कृष्टता केंद्र (सीओई): एमईआईटीवाई ने आत्मनिर्भरता बढ़ाने और नए और उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर आधिपत्य जमाने की क्षमताओं का निर्माण करने के लिए राष्ट्रीय हित के विभिन्न क्षेत्रों में 42 उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) की परिकल्पना और संचालन किया है। ये डोमेन विशिष्ट सीओई प्रवर्तक के रूप में कार्य करते हैं और नवाचार के लोकतंत्रीकरण और प्रोटोटाइप की प्राप्ति के माध्यम से भारत को उभरती प्रौद्योगिकियों में एक नवाचार केंद्र बनाने में सहायता करते हैं।
  5. थीम आधारित इनक्यूबेशन सेंटर: नवाचार आधारित इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली और डिजाइन विनिर्माण के लिए, एसटीपीआई नई दिल्ली, कोचीन केरल में मेकर्स विलेज, आईआईआईटी पटना और बिहार सरकार के मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स और आईआईटी हैदराबाद में फैबलेस चिप डिजाइन इनक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से उद्यमी पार्क स्थापित किए गए हैं।

सरकार ने पिछले पांच वर्षों में संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न स्टार्टअप समर्थन योजनाओं/कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 10,000+ तकनीकी स्टार्टअप का समर्थन किया है, इन्क्यूबेटरों के माध्यम से स्टार्टअप्स को लगभग 580 करोड़ रुपये का वित्तपोषण किया गया जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा समर्थित 3600+ तकनीकी स्टार्टअप को 212 करोड़ रुपये का कुल फंडिंग शामिल है।

यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/एआर/एके


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