इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
भारत सरकार सेमीकंडक्टर के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और देश के डिजिटल परिवर्तन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है
Posted On:
31 JUL 2024 4:22PM by PIB Bhopal
उद्योग के अनुमानों के अनुसार, भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार का आकार 2023 में लगभग 38 बिलियन डॉलर था, जिसके 2030 तक 109 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है। सरकार ने देश में सेमीकंडक्टरों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जो निम्नलिखित हैं:-
1. सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी प्रदान की है। कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर, प्रदर्शन विनिर्माण और डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
2. उपर्युक्त कार्यक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित चार योजनाएं शुरू की गई हैं:
i. 'भारत में सेमीकंडक्टर फैब्स की स्थापना के लिए संशोधित योजना' भारत में सिलिकॉन सीएमओएस आधारित सेमीकंडक्टर फैब्स की स्थापना के लिए समरूप आधार पर परियोजना लागत के 50% की राजकोषीय सहायता प्रदान की जाती है।
ii. 'भारत में डिस्प्ले फैब्स की स्थापना के लिए संशोधित योजना' भारत में डिस्प्ले फैब्स की स्थापना के लिए समरूप आधार पर परियोजना लागत के 50% की राजकोषीय सहायता प्रदान की जाती है।
iii. 'भारत में कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर्स फैब/डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब और सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग एंड पैकेजिंग (एटीएमपी)/ओसैट सुविधाओं की स्थापना के लिए संशोधित योजना’ भारत में कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स (एसआईपीएच)/सेंसर (एमईएमएस सहित), फैब/डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब और सेमीकंडक्टर एटीएमपी/ओएसएटी सुविधाओं की स्थापना के लिए समरूप आधार पर पूंजीगत व्यय के 50% की राजकोषीय सहायता प्रदान की जाती है।
iv. 'डिज़ाइन लिंक्ड प्रोत्साहन (डीएलआई) योजना' भारत में डिज़ाइन अवसंरचना के समर्थन के अलावा, यह योजना प्रति आवेदन 15 करोड़ रुपये की सीमा के अधीन पात्र व्यय के 50% तक "उत्पाद डिज़ाइन लिंक्ड प्रोत्साहन" और "परिनियोजन लिंक्ड प्रोत्साहन" प्रदान करती है। प्रति आवेदन 30 करोड़ रुपये की सीमा के अधीन, 5 वर्षों में शुद्ध बिक्री कारोबार का 6% से 4% तक प्रोत्साहन।
3. सरकार ने सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला, मोहाली का आधुनिकीकरण ब्राउनफील्ड फैब के रूप में करने की मंजूरी प्रदान की है।
इसके अलावा, सरकार इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण और घटक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर केंद्रित निम्नलिखित कार्यक्रमों को लागू कर रही है:
1.इलेक्ट्रॉनिक घटकों और सेमीकंडक्टरों के निर्माण को बढ़ावा देने की योजना (स्पेक्स) को 01.04.2020 को अधिसूचित किया गया और 31.03.2024 तक आवेदन प्राप्त करने के लिए खुला था। यह योजना इलेक्ट्रॉनिक संघटकों, ई-अपशिष्ट पुनर्चक्रण, यांत्रिकी, माइक्रो/नैनो-इलेक्ट्रॉनिक घटकों, सौर प्रकाशवोल्टीय (एसपीवी) पॉलीसिलिकॉन, एसपीवी वेफर्स और सौर सेलों, विशेष उप-असेंबली और उपर्युक्त वस्तुओं के विनिर्माण के लिए पूंजीगत वस्तुओं के लिए पूंजीगत व्यय पर 25% का वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। 30.06.2024 तक, स्पेक्स योजना के अंतर्गत 8,803.14 करोड़ रुपये का वृद्धिशील निवेश किया गया और इससे 30 जून, 2024 तक 18,083.55 करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ।
2. बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना: घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रॉनिक घटकों और सेमीकंडक्टर पैकेजिंग सहित मोबाइल फोन मूल्य श्रृंखला में निवेश को आकर्षित करने के लिए, बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) 01.04.2020 को अधिसूचित किया गया। यह योजना देश में निर्मित वस्तुओं की वृद्धिशील बिक्री (आधार वर्ष से अधिक) पर 3% से 6% तक का प्रोत्साहन देती है और पात्र कंपनियों को 5 वर्ष की अवधि के लिए मोबाइल फोन और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटकों जैसे लक्षित खंडों के अंतर्गत कवर किया जाता है। 30.06.2024 तक, पीएलआई योजना के अंतर्गत 8,390 करोड़ रुपये का वृद्धिशील निवेश किया गया और इससे 30 जून, 2024 तक 5,14,960 करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ।
सरकार देश के डिजिटल परिवर्तन और इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के महत्व को स्वीकार करती है। प्रतिभा विकास को बढ़ावा देने के लिए, भारत में कई पहल शुरू की गई है:
- "सेमीकंडक्टर प्रतिभा देश के रूप में भारत" के लिए एक रोडमैप विकसित करने के लिए, अगस्त 2022 में सेमीकंडक्टर उद्योग, शिक्षा और सरकार के प्रतिनिधियों के साथ एक समिति का गठन किया गया।
- अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने सेमीकंडक्टर डोमेन में प्रतिभा पूल के निर्माण की दिशा में एक कदम के रूप में 18.02.2023 को सेमीकंडक्टर डोमेन में अंतर स्नातक, डिप्लोमा, माइनर डिग्री के लिए निम्नलिखित मॉडल पाठ्यक्रम शुरू किया गया:
- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक (वीएलएसआई डिजाइन और प्रौद्योगिकी)
- आईसी विनिर्माण में डिप्लोमा
- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में माइनर डिग्री (वीएलएसआई डिजाइन और प्रौद्योगिकी)
- 113 शैक्षणिक संस्थानों/अनुसंधान एवं विकास संगठनों/स्टार्ट-अप/एमएसएमई में कार्यान्वित किए जा रहे चिप्स टू स्टार्टअप (सी2एस) कार्यक्रम के अंतर्गत, कई क्षेत्रों में 85,000 उच्च गुणवत्ता वाले और योग्य इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें बहुत बड़े पैमाने पर एकीकरण (वीएलएसआई) और एम्बेडेड सिस्टम डिजाइन के साथ-साथ 175 एएसआईसी (एप्लिकेशन स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट) का विकास, 20 सिस्टम ऑन चिप्स (एसओसी) के कामकाजी प्रोटोटाइप, 30 एफपीजीए आधारित डिजाइन और 5 वर्षों की अवधि में 30 आईपी कोर शामिल हैं।
यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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