इस्‍पात मंत्रालय
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भारत में कुल परिष्कृत स्टेनलेस स्टील की खपत के आंकड़े 5 साल की अवधि के दौरान 4.36 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाते हैं

Posted On: 30 JUL 2024 3:52PM by PIB Bhopal

इस्पात एक विनियमन-मुक्त क्षेत्र है और उत्पादित इस्पात की किस्म से संबंधित निर्णय व्यक्तिगत इस्पात उत्पादकों द्वारा बाजार की मांग और अन्य वाणिज्यिक विचारों के आधार पर लिए जाते हैं। पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान भारत में कुल परिष्कृत स्टेनलेस स्टील की खपत के आंकड़े नीचे दिए गए हैं, जो इस 5-वर्ष की अवधि के दौरान 4.36 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाते हैं:-

वर्ष

कुल परिष्‍कृत स्टेनलेस स्टील की खपत (मीट्रिक टन)

सीएजीआर

2018-19

3.03

-

2019-20

2.71

-10.56

2020-21

2.39

-11.81

2021-22

3.04

27.20

2022-23

3.43

12.83

2023-24

3.75

9.33

स्रोत: संयुक्त संयंत्र समिति; मीट्रिक टन=मिलियन टन

औसत सीएजीआर: 4.36 प्रतिशत

 

चूंकि इस्पात एक विनियमन-मुक्त क्षेत्र है, इसलिए वर्ष 2014 से इस्पात क्षेत्र को कोई सब्सिडी नहीं दी गई है। हालांकि, इस्पात क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल नीतिगत माहौल बनाने और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने निम्नलिखित पहल की हैं: -

  1. सरकारी खरीद के लिए भारत में निर्मित इस्पात को बढ़ावा देने के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित लौह एवं इस्पात उत्पाद (डीएमआई एवं एसपी) नीति का कार्यान्वयन।
  2. सरकार ने देश में 'स्पेशलिटी स्टील' के विनिर्माण को बढ़ावा देने और पूंजी निवेश को आकर्षित करके आयात को कम करने के लिए स्पेशलिटी स्टील के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है। स्पेशलिटी स्टील के लिए पीएलआई योजना के तहत अनुमानित अतिरिक्त निवेश 29,500 करोड़ रुपये है जिससे स्पेशलिटी स्टील के लिए लगभग 25 मिलियन टन (एमटी) की अतिरिक्त क्षमता का निर्माण होगा।
  3. मेक इन इंडिया पहल और पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत रेलवे, रक्षा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, आवास, नागर विमानन, सड़क परिवहन और राजमार्ग, कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्रों सहित संभावित उपयोगकर्ताओं के साथ आगे बातचीत की जाएगी, ताकि देश में स्टील के उपयोग, इस्पात की समग्र मांग और इस्पात क्षेत्र में निवेश को बढ़ाया जा सके।
  4. इस्पात निर्माण के लिए अधिक अनुकूल शर्तों पर कच्चे माल की उपलब्धता में सहायता प्रदान करने के लिए अन्य देशों के अलावा मंत्रालयों और राज्यों के साथ समन्वय करना।
  5. घरेलू स्तर पर जुटी स्क्रैप की उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्टील स्क्रैप रीसाइक्लिंग नीति की अधिसूचना।
  6. गैर-मानकीकृत इस्पात के विनिर्माण और आयात को रोकने तथा आम जनता को गुणवत्तापूर्ण इस्पात उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए 145 संख्या वाले इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों की अधिसूचना।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश/निजीकरण की नीति इस आर्थिक सिद्धांत पर आधारित है कि सरकार को उन क्षेत्रों में निवेश बंद कर देना चाहिए, जहां प्रतिस्पर्धी बाज़ार विकसित हो चुके हैं और ऐसी संस्थाओं की आर्थिक क्षमता को विभिन्न कारकों जैसे कि पूंजी निवेश, तकनीकी उन्नयन और कुशल प्रबंधन प्रथाओं के कारण रणनीतिक निवेशकों के साथ तालमेल में बेहतर तरीके से खोजा जा सकता है। रणनीतिक विनिवेश बिक्री का मतलब प्रबंधन नियंत्रण हस्तांतरण के साथ पीएसई की सरकारी हिस्सेदारी की पूरी या पर्याप्त बिक्री से है।

इस्पात संयंत्रों के निजीकरण का विवरण:-

वर्ष

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम का नाम

विनिवेश की विधि

2022-23

नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल)

रणनीतिक विनिवेश/निजीकरण

 

 

यह जानकारी केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/एआर/आईपीएस/एमपी


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