नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
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भूतापीय ऊर्जा (आरडीडीएंडडी) परियोजनाएं

Posted On: 30 JUL 2024 4:46PM by PIB Delhi

भारत में भूतापीय ऊर्जा के विकास और वर्तमान स्थिति का विवरण निम्नलिखित हैं:-

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने विभिन्न मान्यताप्राप्त भूतापीय क्षेत्रों में भूतापीय ऊर्जा की खोज की है, जिसमें विभिन्न भूतापीय क्षेत्रों में तापमान, डिस्चार्ज और पानी की गुणवत्ता/ रसायन विज्ञान पर डेटा एकत्र करना शामिल है। जीएसआई ने पूरे भारत में 381 तापीय रूप से असामान्य क्षेत्रों का अध्ययन किया है और 'भारत का भूतापीय एटलस, 2022' शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। देश में लगभग 10,600 मेगावाट भूतापीय बिजली की क्षमता का अनुमान लगाया गया है।

सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) ने तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले के मनुगुरु क्षेत्र में 20 किलोवाट का पायलट भूतापीय बिजली संयंत्र चालू किया है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) विभिन्न अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के माध्यम से "नवीकरणीय ऊर्जा अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम (आरई-आरटीडी)" को कार्यान्वित कर रहा है, ताकि भूतापीय ऊर्जा का दोहन करने सहित नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के व्यापक इस्तेमाल के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और विनिर्माण को कुशल और सस्ते तरीके से विकसित किया जा सके।

एमएनआरई द्वारा पिछले पांच वर्षों में भूतापीय ऊर्जा के लिए अनुसंधान एवं विकास बजट में कोई विशेष आवंटन नहीं किया गया है। कोयला मंत्रालय द्वारा 2.42 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसका उपयोग तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले के मनुगुरु क्षेत्र में 20 किलोवाट के पायलट भूतापीय बिजली संयंत्र की स्थापना के लिए किया गया है।

भारत में भूतापीय ऊर्जा प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठनों/ देशों के साथ सहयोग/ साझेदारी, इत्यादि में निम्नलिखित शामिल हैं: -

भारत और आइसलैंड के बीच 9 अक्टूबर, 2007 को हस्ताक्षरित और प्रभावी समझौता ज्ञापन के तत्वावधान में, दोनों पक्षों ने भूतापीय ऊर्जा को सहयोग के क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है।

भारत ने 29 अक्टूबर, 2019 को सऊदी अरब के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें भूतापीय ऊर्जा को सहयोग के क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है।

भारत और अमेरिका के बीच 29 अगस्त, 2023 को शुरू किए गए अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी एक्शन प्लेटफॉर्म (आरईटीएपी) के तहत, भूतापीय ऊर्जा को अन्य बातों के साथ-साथ एक फोकस क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है।

मनुगुरु में 20 किलोवाट का पायलट भूतापीय बिजली संयंत्र बंद लूप बाइनरी ऑर्गेनिक रैंकिन साइकिल प्रक्रिया प्रौद्योगिकी पर आधारित है, जिसका सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया है।

एमएनआरई भूतापीय ऊर्जा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं सहित अक्षय ऊर्जा अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम के तहत सरकारी/ गैर-लाभकारी अनुसंधान संगठनों को शत-प्रतिशत तक और उद्योग, स्टार्ट-अप, निजी संस्थानों, उद्यमियों और विनिर्माण इकाइयों को 70 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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