भारी उद्योग मंत्रालय
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ईवी और आईसीई वाहन के बीच अंतराल

Posted On: 30 JUL 2024 3:55PM by PIB Delhi

भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने और विनिर्माण (फेम-इंडिया) योजना, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (ईएमपीएस), ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई-एएटी), एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (पीएलआई-एसीसी) के विनिर्माण के संबंध में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी सब्सिडी योजनाओं के अलावा, केंद्र सरकार ने 15 मार्च, 2024 को वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने तथा भारत को ई-वाहनों के लिए विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना को अधिसूचित किया। स्वीकृत आवेदक कंपनियाँ अपने द्वारा निर्मित ई-4W के 8000 सीबीयू (वार्षिक) तक आयात कर सकेंगी, जिनका न्यूनतम सीआईएफ मूल्य 35,000 अमेरिकी डॉलर होगा, तथा सीमा शुल्क में 15% की कमी की जाएगी, बशर्ते वे ई-4W विनिर्माण सुविधाएँ न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित करें।

इसके अलावा, देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित पहल की गई हैं: -

इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जर/चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने घोषणा की है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को ग्रीन लाइसेंस प्लेट दी जाएगी और उन्हें परमिट आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी।

MoRTH ने राज्यों को ईवी पर रोड टैक्स माफ करने की सलाह देते हुए एक अधिसूचना जारी की, जिससे ईवी की शुरुआती लागत कम करने में मदद मिलेगी।

यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में भारी उद्योग और इस्पात राज्य मंत्री श्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने दी।

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एमजी/एआर/एकेपी/एचबी


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