कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
सरकार ने देश भर में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं
5 अप्रैल, 2016 को शुरू की गई स्टैंड-अप इंडिया योजना को वर्ष 2025 तक बढ़ाया गया राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान ने समाज के विभिन्न वर्गों में उद्यमिता इको-सिस्टम को मजबूत करने के लिए आजीविका संवर्धन कार्यक्रम के कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता को लागू किया
Posted On:
29 JUL 2024 2:06PM by PIB Delhi
सरकार ने तमिलनाडु राज्य सहित देश भर में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) सहित समाज के विभिन्न वर्गों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सरकार के मंत्रालयों/विभागों द्वारा की गई विभिन्न पहलों का विवरण इस प्रकार है:
1. वित्तीय सेवा विभाग - प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) 8 अप्रैल, 2015 को सदस्य ऋण देने वाली संस्थाओं (एमएलआई), यानी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) द्वारा 10 लाख रुपये तक के जमानत मुक्त ऋण का विस्तार करने के लिए शुरू की गई थी। कोई भी व्यक्ति, जो अन्यथा ऋण लेने के लिए पात्र है और जिसके पास लघु व्यवसाय उद्यम के लिए व्यवसाय योजना है, वह तीन ऋण श्रेणियों में कृषि से संबद्ध गतिविधियों सहित विनिर्माण, व्यापार, सेवा क्षेत्रों में आय पैदा करने वाली गतिविधियों के लिए योजना के तहत ऋण ले सकता है, अर्थात शिशु (50,000 रुपये तक के ऋण), किशोर (50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक के ऋण) और तरुण (5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के ऋण)। योजना की शुरुआत से लेकर अब तक जून 2024 तक पीएमएमवाई के तहत कुल 48.78 करोड़ ऋण दिए जा चुके हैं, जिनमें से 5.55 करोड़ ऋण तमिलनाडु राज्य में स्वीकृत किए गए हैं।
5 अप्रैल, 2016 को शुरू की गई स्टैंड-अप इंडिया (एसयूआई) योजना को वर्ष 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य कृषि से संबद्ध गतिविधियों सहित विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए प्रति बैंक शाखा कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच मूल्य के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) से ऋण की सुविधा प्रदान करना है। स्टैंड अप इंडिया योजना ने देश भर में एससी/एसटी और महिला उद्यमियों को 2.35 लाख से अधिक ऋण की सुविधा प्रदान की है, जिनमें से जून 2024 तक तमिलनाडु राज्य में कुल 0.22 लाख ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
पीएमएमवाई और एसयूपीआई के तहत तमिलनाडु राज्य में पिछले पांच वर्षों के दौरान एससी/एसटी उद्यमियों को स्वीकृत ऋणों की जिलावार संख्या अनुलग्नक-I में है।
2. इलेक्ट्रॉनकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) - इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत स्टार्ट-अप, नवाचार और आईपीआर प्रभाग ने तमिलनाडु राज्य में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के नेतृत्व वाले स्टार्टअप सहित पूरे भारत में आईसीटी डोमेन में स्वदेशी उत्पादों को विकसित करने के लिए नवाचार आधारित स्टार्टअप इको-सिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न स्टार्टअप केंद्रित कार्यक्रम/योजनाएं शुरू की हैं। ये पहलें जाति के इतर स्टार्टअप और उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए हैं और एससी और एसटी के लिए भी लागू हैं। कुछ प्रमुख पहलों को यहां स्पष्ट किया गया है:
- टीआईडीई 2.0 योजना: टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन एंड डवलपमेंट ऑफ आंत्रप्रेन्योर (टीआईडीई 2.0) योजना वर्ष 2019 में शुरू की गई थी, ताकि आईओटी, एआई, ब्लॉक-चेन, रोबोटिक्स आदि जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके आईसीटी स्टार्टअप्स को समर्थन देने में लगे इनक्यूबेटरों को वित्तीय और तकनीकी सहायता के माध्यम से तकनीकी उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके। इस योजना का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर राष्ट्र हित के सात विषयगत क्षेत्रों में टेक-स्टार्टअप्स को व्यापक सहायता प्रदान करना है। समर्थित विषयगत क्षेत्र हैं स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन (डिजिटल भुगतान सहित), बुनियादी ढांचा और परिवहन तथा पर्यावरण और स्वच्छ तकनीक। उच्च शिक्षा संस्थानों और प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठनों में इनक्यूबेशन गतिविधियों को बढ़ावा देने के व्यापक उद्देश्य के साथ तीन स्तरीय संरचना के माध्यम से 51 इनक्यूबेटरों के माध्यम से इस योजना को लागू किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य पांच वर्षों की अवधि में लगभग 2000 तकनीकी स्टार्ट-अप को इनक्यूबेशन सहायता प्रदान करना है। टीआईडीई 2.0 योजना के अंतर्गत, तमिलनाडु राज्य में निम्नलिखित 6 इनक्यूबेशन केंद्र टीआईडीई 2.0 केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं:
क्रम सं.
|
टीआईडीई 2.0 केंद्र का नाम
|
केंद्र जिले से संबंधित है
|
स्टार्ट-अप समर्थित
|
|
फोर्ज एक्सेलेरेटर (कोयंबटूर इनोवेशन बिजनेस इनक्यूबेटर), कोयंबटूर
|
कोयंबटूर
|
32
|
|
पीएसजी विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता पार्क (पीएसजी-एसटीईपी), पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
|
कोयंबटूर
|
26
|
|
आईआईटीएम इनक्यूबेशन सेल (आईआईटी मद्रास इनक्यूबेशन सेल), चेन्नई
|
चेन्नई
|
38
|
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वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (वीआईटीटीबीआई), तिरुचिरापल्ली
|
तिरुचिरापल्ली
|
38
|
|
ओएसवाईएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, अन्ना विश्वविद्यालय, तिरुचिरापल्ली
|
तिरुचिरापल्ली
|
11
|
|
वेल टेक टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर, वेल टेक इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवल्लूर
|
तिरुवल्लूर
|
18
|
- फिनब्लू – फिनटेक सीओई - फिनटेक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) चेन्नई में फिनटेक स्टार्ट-अप को समर्थन देने के लिए की गई है। इसका लक्ष्य 58 स्टार्टअप को 5 वर्षों की अवधि में लाभान्वित करना है। इसका बजट परिव्यय 11.13 करोड़ रुपये है। उत्कृष्टता केंद्र को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, तमिलनाडु सरकार और एसटीपीआई का समर्थन प्राप्त है।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से, गैर-कृषि क्षेत्र में नए उद्यम स्थापित करने में उद्यमियों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) को लागू कर रहा है। इसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को उनके दरवाजे पर रोजगार के अवसर प्रदान करना है। पीएमईजीपी एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिलाएं, पूर्व सैनिक, दिव्यांगजनों, ट्रांसजेंडर, पूर्वोत्तर क्षेत्र, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों जैसे विशेष श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए है। इसके तहत मार्जिन मनी सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत है। विनिर्माण क्षेत्र में परियोजना की अधिकतम लागत 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये है। साथ ही, महिलाओं सहित विशेष श्रेणी के तहत लाभार्थियों का स्वयं का योगदान 05 प्रतिशत और सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों के लिए 10 प्रतिशत है। 2018-19 से, मौजूदा पीएमईजीपी/आरईजीपी/मुद्रा उद्यमों को भी उन्नयन और विस्तार के लिए दूसरे ऋण के साथ पिछले अच्छे प्रदर्शन के आधार पर समर्थन दिया जा रहा है। सभी श्रेणियों के लिए दूसरे ऋण पर पात्र सब्सिडी परियोजना लागत का 15 प्रतिशत (पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिए 20 प्रतिशत) है। स्थापना के बाद से यानी वित्त वर्ष 2008-09 में, 9.69 लाख से अधिक सूक्ष्म उद्यमों को 25,500 करोड़ रुपये से अधिक की मार्जिन मनी सब्सिडी के साथ सहायता प्रदान की गई है, जिससे लगभग 79 लाख लोगों को रोजगार मिला है। लगभग 50 प्रतिशत इकाइयां अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिलाओं द्वारा स्थापित की गई हैं और 80 प्रतिशत इकाइयां ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित की गई हैं। अगले 2 वर्षों के वित्त वर्ष (2024-25 से 2025-26) के दौरान, मंत्रालय ने 12.8 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन क्षमता वाले 1.6 लाख नए उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
पिछले 5 वर्षों के दौरान देश भर में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी के अंतर्गत सहायता प्राप्त कुल पीएमईजीपी इकाइयों की संख्या और सृजित अनुमानित रोजगार अनुलग्नक-II में दी गई है।
पिछले 5 वर्षों के दौरान तमिलनाडु में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी के अंतर्गत सहायता प्राप्त कुल पीएमईजीपी इकाइयों की संख्या और सृजित अनुमानित रोजगार अनुलग्नक-III में दी गई है।
- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय- एग्री-क्लिनिक एंड एग्री-बिजनेस सेंटर्स (एसी-एंड-एबीसी) योजना: इस योजना के तहत केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि और किसान कल्याण विभाग की एक समुच्चय योजना है, जिसका नाम कृषोन्नति योजना है। इसके तहत कृषि विस्तार प्रभाग सार्वजनिक विस्तार के प्रयासों को पूरक बनाने, कृषि विकास का समर्थन करने और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में योग्यता वाले बेरोजगार युवाओं के लिए लाभकारी स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए अप्रैल, 2002 से एक केंद्रीय क्षेत्र घटक, "एग्री-क्लिनिक एंड एग्री-बिजनेस सेंटर्स (एसी-एंड-एबीसी) की स्थापना" को कार्यान्वित कर रहा है। राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज), हैदराबाद प्रशिक्षण घटक के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) एसी और एबीसी कार्यक्रम के सब्सिडी घटक के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है। मैनेज देश के विभिन्न हिस्सों में मैनेज के साथ समझौता ज्ञापन के तहत चयनित नोडल प्रशिक्षण संस्थानों (एनटीआई) के माध्यम से कार्यान्वयन करता है।
कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित उम्मीदवारों द्वारा लिए गए बैंक ऋण पर क्रेडिट लिंक्ड बैक-एंडेड अपफ्रंट कंपोजिट सब्सिडी का प्रावधान है। महिलाओं, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों के संबंध में सब्सिडी 44 प्रतिशत और अन्य श्रेणियों के संबंध में 36 प्रतिशत है। सब्सिडी व्यक्तिगत रूप से 20 लाख रुपये तक और समूह परियोजनाओं (5 प्रशिक्षित उम्मीदवारों के समूह द्वारा स्थापित उद्यमों के लिए) के मामले में 100 लाख रुपये तक के ऋण के लिए स्वीकार्य है।
5. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) - निधि-प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर (टीबीआई), निधि-समावेशी प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर (आईटीबीआई) कार्यक्रम के माध्यम से युवा नवप्रवर्तकों और उद्यमियों को समर्थन देने के लिए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने तमिलनाडु सहित देश के विभिन्न हिस्सों में महानगरीय शहरों, टियर- II और टियर- III शहरों में स्टार्टअप इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित किए हैं। इन केंद्रों के माध्यम से, सामाजिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना टियर- II और टियर- III शहरों के युवाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रोटोटाइप/उत्पादों के विकास के लिए स्टार्टअप को सलाह और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
6. ग्रामीण विकास मंत्रालय - स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी), डीएवाई-एनआरएलएम कार्यक्रम के तहत उप-योजना स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) एसवीईपी को 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है, जिसमें 358 परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, 235 डीपीआर को मंजूरी दी गई है और 2.98 लाख उद्यमों को सहायता प्रदान की गई है। हालांकि, यह योजना विशेष रूप से एससी/एसटी आबादी पर केंद्रित नहीं है। एसवीईपी को तमिलनाडु राज्य के 10 ब्लॉकों में मंजूरी दी गई है। विवरण इस प्रकार हैं:
क्रम सं.
|
राज्य
|
ज़िला
|
ब्लॉक
|
1
|
तमिलनाडु
|
कांचीपुरम
|
थिरूपुरूर
|
2
|
तमिलनाडु
|
मदुरै
|
तिरूमंगलम
|
3
|
तमिलनाडु
|
नमक्कल
|
रासीपुरम और वेन्नांदूर (2)
|
4
|
तमिलनाडु
|
विल्लुपुरम
|
उलुंदुरपेट
|
5
|
तमिलनाडु
|
कल्लाकुरिची
|
चिन्नासलेम
|
6
|
तमिलनाडु
|
थूथुकुडी
|
कोविलपट्टी
|
7
|
तमिलनाडु
|
मदुरै
|
सेदापट्टी
|
8
|
तमिलनाडु
|
चेंगलपेट
|
अचारपक्कम
|
9
|
तमिलनाडु
|
त्रिची
|
पुल्लमपडी
|
10
|
तमिलनाडु
|
विरुधुनगर
|
वेम्बाकोट्टई
|
एसवीईपी के अंतर्गत तमिलनाडु राज्य में जिला/ब्लॉकवार समर्थित एससी/एसटी उद्यमी निम्नानुसार हैं:
क्रम सं.
|
ज़िला
|
ब्लॉक
|
कुल अनुसूचित जाति उद्यमी
|
कुल एसटी उद्यमी
|
1
|
चेंगलपट्टू
|
थिरूपुरूर
|
1112
|
24
|
2
|
कल्लाकुरिची
|
उलुंदुरपेट
|
443
|
0
|
3
|
मदुरै
|
तिरुमंगलम
|
30
|
0
|
4
|
नमक्कल
|
रासीपुरम और वेन्नादुर
|
55
|
0
|
|
|
1,640
|
24
|
- उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग - नवाचार को पोषित करने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने के इरादे से सरकार ने 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की। विशिष्ट उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम कार्यान्वित किए जाते हैं। पहल के तहत सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदम समावेशी हैं और तमिलनाडु राज्य सहित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी), शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यान्वित किए जाते हैं। ऐसी सरकारी पहलों का विवरण अनुलग्नक-IV के रूप में दिया गया है।
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय एक केंद्र प्रायोजित योजना, यानी प्रधानमंत्री सूक्ष्म अन्न प्रक्रिया उपक्रम योजना (पीएमएफएमई) को कार्यान्वित कर रहा है। इस योजना में एक क्षमता निर्माण निहित है, जिसमें जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा ऋण लिंक्ड अनुदान प्राप्त करने के लिए अनुशंसित सभी आवेदकों अर्थात व्यक्तियों और समूहों (एसएचजी/एफपीओ/सहकारिता) के लिए 24 घंटे/3 दिन, खाद्य प्रसंस्करण ईडीपी (उद्यमिता विकास कार्यक्रम) प्रशिक्षण और सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण में लगे पीएमएफएमई योजना के तहत सीड कैपिटल के एसएचजी लाभार्थियों को 8 घंटे/1 दिन का प्रशिक्षण प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। इस क्षमता निर्माण घटक के तहत प्रशिक्षित तमिलनाडु राज्य के एससी/एसटी लाभार्थियों का विवरण इस प्रकार है:
- तमिलनाडु राज्य के लिए पिछले 4 वर्षों के दौरान प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए पीएमएफएमई योजना के तहत ऋण स्वीकृत करने वाले एससी और एसटी उद्यमियों की कुल संख्या इस प्रकार है:
क्रम सं.
|
वर्ग
|
अनुसूचित जाति
|
अनुसूचित जनजाति
|
1
|
डीएलसी लाभार्थी
|
1583
|
110
|
2
|
सीड कैपिटल लाभार्थी (एसएचजी सदस्य)
|
1760 (व्यक्तिगत), 362 (समूह)
1 (गतिविधि समूह)
|
62 (व्यक्तिगत)
13 (समूह)
|
- योजना के उपरोक्त घटक के अंतर्गत तमिलनाडु के मयिलादुथुराई और तंजावुर जिलों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को प्राप्त सीड कैपिटल लाभ निम्नानुसार हैं:
क्रम सं.
|
जिलों
|
सीड कैपिटल श्रेणी (एसएचजी सदस्य)
|
अनुसूचित जाति
|
अनुसूचित जनजाति
|
1
|
माइलादुत्रयी
|
एकल
|
13
|
1
|
2
|
तंजावुर
|
एकल
|
45
|
0
|
9. कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) के माध्यम से तमिलनाडु राज्य सहित पूरे देश में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) सहित उद्यमियों के सशक्तिकरण, उत्थान और विकास के लिए काम कर रहा है। उठाए गए कदमों का विवरण इस प्रकार है:
(i) एनआईईएसबीयूडी ने सीमान्त आबादी सहित समाज के विभिन्न वर्गों में उद्यमिता इको सिस्टम को मजबूत करने के लिए एमएसडीई के कौशल अधिग्रहण और आजीविका संवर्धन के ज्ञान जागरूकता (संकल्प) कार्यक्रम को लागू किया है। तमिलनाडु में इस परियोजना के माध्यम से कुल 90 एससी/एसटी प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है। जिलेवार विवरण इस प्रकार है:
राज्य
|
ज़िला
|
अनुसूचित जाति
|
अनुसूचित जनजाति
|
तमिलनाडु
|
मदुरै
|
6
|
2
|
चेन्नई
|
10
|
0
|
मदुरै
|
38
|
1
|
विल्लुपुरम
|
19
|
1
|
शिवगंगा
|
2
|
0
|
त्रिवल्लूर
|
11
|
0
|
कुल
|
86
|
4
|
कुल योग
|
90
|
(ii) एनआईईएसबीयूडी ने जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) में प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास कार्यक्रम के माध्यम से उद्यमशीलता का माहौल बनाने के लिए एक परियोजना लागू की। परियोजना के तहत तमिलनाडु में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों का जिलावार विवरण इस प्रकार है:
राज्य
|
ज़िला
|
अनुसूचित जाति
|
अनुसूचित जनजाति
|
तमिलनाडु
|
चेन्नई
|
8
|
1
|
मदुरै
|
३१
|
1
|
सलेम
|
68
|
11
|
कुल
|
107
|
13
|
कुल योग
|
120
|
(iii) स्ट्राइव परियोजना - एमएसडीई की औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिए कौशल सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव) परियोजना के तहत, एनआईईएसबीयूडी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई) में प्रशिक्षुओं (और भावी प्रशिक्षकों) के लिए उद्यमिता जागरूकता, उद्यमिता विकास कार्यक्रम और मार्गदर्शन का आयोजन कर रहा है। तमिलनाडु में स्ट्राइव परियोजना के तहत कुल 456 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है। जिलेवार विवरण इस प्रकार हैः
राज्य
|
ज़िला
|
अनुसूचित जाति
|
अनुसूचित जनजाति
|
तमिलनाडु
|
चेन्नई
|
18
|
79
|
गदग
|
199
|
121
|
तुमकुरु
|
14
|
25
|
कुल
|
231
|
225
|
कुल योग
|
456
|
(iv) पीएम जनमन - माननीय प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर, 2023 को झारखंड के खूंटी जिले में जनजातीय गौरव दिवस पर जनजातीय मामलों के मंत्रालय की एक योजना प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) का शुभारंभ किया। इस मिशन का उद्देश्य 1 केंद्र शासित प्रदेश सहित 18 राज्यों में रहने वाले 75 विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों का लक्षित विकास करना है। इन समुदायों को मंत्रालयों/विभागों की योजनाओं/हस्तक्षेपों से काफी हद तक बाहर रखा गया था, और इसलिए उन्हें इस मिशन के माध्यम से बहु-क्षेत्रीय सहायता की आवश्यकता है। यह योजना 200 जिलों के लगभग 22,000 गांवों में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय सहित 9 प्रमुख मंत्रालयों से संबंधित 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है। मिशन में प्रमुख हस्तक्षेपों में से एक इन समुदायों के उपयुक्त कौशल के अनुसार पीवीटीजी बस्तियों, बहुउद्देशीय केंद्रों, आदिवासी छात्रावासों, प्रशिक्षण कौशल, वन धन विकास केंद्र के उद्यमिता विकास में कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना है। तमिलनाडु में पीएम जनमन परियोजना के तहत कुल 627 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है। जिलेवार विवरण इस प्रकार हैं:
राज्य
|
ज़िला
|
पीवीटीजी
|
तमिलनाडु
|
अरियालुर
|
305
|
चेंगलपट्टू
|
170
|
कोयंबटूर
|
46
|
नमक्कल
|
2
|
नीलगिरी
|
104
|
कुल
|
627
|
अनुलग्नक-I
पिछले पांच वर्षों के दौरान तमिलनाडु राज्य में पीएमएमवाई और एसयूपीआई के तहत एससी/एसटी उद्यमियों को स्वीकृत ऋणों की जिलावार संख्या निम्नानुसार है:
क्रम सं .
|
जिले का नाम
|
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई)
|
स्टैंड अप इंडिया योजना (एसयूपीआई)
|
अनुसूचित जाति
|
अनुसूचित जनजाति
|
अनुसूचित जाति
|
अनुसूचित जनजाति
|
1
|
अरियालुर
|
23,055
|
3,259
|
0
|
0
|
2
|
चेंगलपट्टू
|
40,888
|
3,907
|
9
|
0
|
3
|
चेन्नई
|
202,755
|
15,654
|
489
|
१३
|
4
|
कोयंबटूर
|
53,630
|
9,473
|
178
|
10
|
5
|
कुड्डालोर
|
177,717
|
27,622
|
51
|
7
|
6
|
धर्मपुरी
|
53,923
|
6,558
|
33
|
4
|
7
|
डिंडीगुल
|
38,988
|
3,868
|
66
|
35
|
8
|
इरोड
|
64,625
|
8,440
|
88
|
3
|
9
|
कल्लाकुरिची
|
22,189
|
1,492
|
2
|
0
|
10
|
कांचीपुरम
|
152,231
|
49,981
|
121
|
4
|
11
|
कन्याकुमारी
|
30,216
|
6,521
|
109
|
10
|
12
|
करूर
|
11,451
|
1,002
|
16
|
5
|
१३
|
कृष्णागिरी
|
36,986
|
9,600
|
25
|
2
|
14
|
मदुरै
|
40,125
|
5,194
|
207
|
17
|
15
|
माइलादुत्रयी
|
14,018
|
259
|
12
|
0
|
16
|
नागपट्टिनम
|
93,179
|
4,478
|
18
|
0
|
17
|
नमक्कल
|
68,657
|
9,934
|
35
|
8
|
18
|
नीलगिरी
|
72,909
|
4,964
|
38
|
7
|
19
|
पेरम्बलुर
|
13,038
|
357
|
32
|
0
|
20
|
पुदुक्कोट्टई
|
28,500
|
2,474
|
24
|
2
|
21
|
रामनाथपुरम
|
30,522
|
4,721
|
21
|
2
|
22
|
रानीपेट
|
14,346
|
655
|
0
|
0
|
23
|
सलेम
|
78,152
|
13,670
|
114
|
8
|
24
|
शिवगंगा
|
20,204
|
7,432
|
49
|
5
|
25
|
तेनकासी
|
6,127
|
789
|
1
|
0
|
26
|
तंजावुर
|
86,976
|
4,958
|
30
|
5
|
27
|
थेनी
|
25,680
|
2,273
|
36
|
0
|
28
|
तिरुवल्लुर
|
166,075
|
25,028
|
154
|
10
|
29
|
थिरुवरुर
|
116,642
|
12,685
|
24
|
1
|
30
|
तिरुचिरापल्ली
|
30,436
|
7,539
|
69
|
4
|
३१
|
तिरुनेलवेली
|
99,729
|
41,474
|
128
|
3
|
32
|
तिरुपथुर
|
50,888
|
9,624
|
10
|
0
|
33
|
तिरुपूर
|
38,050
|
2,309
|
23
|
2
|
34
|
तिरुवन्नामलाई
|
39,930
|
6,075
|
129
|
10
|
35
|
तूतीकोरिन
|
101,860
|
33,488
|
48
|
8
|
36
|
वेल्लोर
|
146,971
|
51,426
|
106
|
3
|
37
|
विल्लुपुरम
|
119,763
|
29,601
|
89
|
26
|
38
|
विरुधुनगर
|
32,981
|
7,876
|
46
|
5
|
39
|
अन्य #
|
237,831
|
7,403
|
0
|
0
|
कुल
|
|
2,682,243
|
444,063
|
2,630
|
219
|
# कुछ एनबीएफसी/एमएफआई के लिए जिलावार डेटा उपलब्ध नहीं है।
अनुलग्नक-II
पिछले 5 वर्षों में देश भर में सहायता प्राप्त पीएमईजीपी इकाइयों की कुल संख्या और अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत सृजित अनुमानित रोजगार निम्नानुसार है:
क्रम सं.
|
राज्य
|
2019-20
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
1
|
अंडमान निकोबार
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
329
|
2,632
|
303
|
2,424
|
414
|
3,312
|
526
|
4,208
|
1,216
|
9,728
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
1
|
8
|
-
|
-
|
-
|
-
|
1
|
8
|
-
|
-
|
4
|
असम
|
207
|
1,656
|
191
|
1,528
|
207
|
1,656
|
115
|
920
|
109
|
872
|
5
|
बिहार
|
206
|
1,648
|
198
|
1,584
|
194
|
1,552
|
398
|
3,184
|
701
|
5,608
|
6
|
चंडीगढ़-यूटी
|
2
|
16
|
1
|
8
|
7
|
56
|
2
|
16
|
1
|
8
|
7
|
छत्तीसगढ
|
302
|
2,416
|
286
|
2,288
|
294
|
2,352
|
259
|
2,072
|
299
|
2,392
|
8
|
दादरा नगर हवेली
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
9
|
दमन और दीव
|
1
|
8
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
10
|
दिल्ली
|
15
|
120
|
7
|
56
|
7
|
56
|
6
|
48
|
6
|
48
|
11
|
गोवा
|
5
|
40
|
-
|
-
|
3
|
24
|
-
|
-
|
1
|
8
|
12
|
गुजरात
|
263
|
2,104
|
189
|
1,512
|
313
|
2,504
|
243
|
1,944
|
274
|
2,192
|
13
|
हरियाणा
|
409
|
3,272
|
296
|
2,368
|
307
|
2,456
|
298
|
2,384
|
250
|
2,000
|
14
|
हिमाचल प्रदेश
|
387
|
3,096
|
416
|
3,328
|
427
|
3,416
|
304
|
2,432
|
343
|
2,744
|
15
|
जम्मू कश्मीर
|
254
|
2,032
|
229
|
1,832
|
537
|
4,296
|
374
|
2,992
|
658
|
5,264
|
16
|
झारखंड
|
107
|
856
|
99
|
792
|
92
|
736
|
115
|
920
|
130
|
1,040
|
17
|
कर्नाटक
|
629
|
5,032
|
808
|
6,464
|
1,146
|
9,168
|
1,063
|
8,504
|
877
|
7,016
|
18
|
केरल
|
164
|
1,312
|
152
|
1,216
|
169
|
1,352
|
245
|
1,960
|
292
|
2,336
|
19
|
लद्दाख
|
1
|
8
|
1
|
8
|
2
|
16
|
-
|
-
|
-
|
-
|
20
|
लक्षद्वीप
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
21
|
मध्य प्रदेश
|
132
|
1,056
|
447
|
3,576
|
921
|
7,368
|
725
|
5,800
|
653
|
5,224
|
22
|
महाराष्ट्र
|
843
|
6,744
|
502
|
4,016
|
627
|
5,016
|
510
|
4,080
|
374
|
2,992
|
23
|
मणिपुर
|
20
|
160
|
27
|
216
|
16
|
128
|
9
|
72
|
4
|
32
|
24
|
मेघालय
|
3
|
24
|
3
|
24
|
9
|
72
|
1
|
8
|
2
|
16
|
25
|
मिजोरम
|
3
|
24
|
3
|
24
|
4
|
32
|
1
|
8
|
-
|
-
|
26
|
नगालैंड
|
7
|
56
|
1
|
8
|
11
|
88
|
-
|
-
|
3
|
24
|
27
|
ओडिशा
|
277
|
2,216
|
313
|
2,504
|
393
|
3,144
|
320
|
2,560
|
248
|
1,984
|
28
|
पुदुचेरी
|
१३
|
104
|
8
|
64
|
16
|
128
|
5
|
40
|
6
|
48
|
29
|
पंजाब
|
569
|
4,552
|
417
|
3,336
|
502
|
4,016
|
423
|
3,384
|
370
|
2,960
|
30
|
राजस्थान
|
340
|
2,720
|
266
|
2,128
|
238
|
1,904
|
140
|
1,120
|
92
|
736
|
31
|
सिक्किम
|
7
|
56
|
5
|
40
|
7
|
56
|
1
|
8
|
6
|
48
|
32
|
तमिलनाडु
|
508
|
4,064
|
534
|
4,272
|
691
|
5,528
|
765
|
6,120
|
823
|
6,584
|
33
|
तेलंगाना
|
301
|
2,408
|
328
|
2,624
|
449
|
3,592
|
354
|
2,832
|
347
|
2,776
|
34
|
त्रिपुरा
|
100
|
800
|
117
|
936
|
143
|
1,144
|
99
|
792
|
93
|
744
|
35
|
उतार प्रदेश
|
785
|
6,280
|
1,109
|
8,872
|
1,405
|
11,240
|
1,279
|
10,232
|
1,685
|
13,480
|
36
|
उत्तराखंड
|
307
|
2,456
|
399
|
3,192
|
290
|
2,320
|
279
|
2,232
|
223
|
1,784
|
37
|
पश्चिम बंगाल
|
260
|
2,080
|
253
|
2,024
|
320
|
2,560
|
282
|
2,256
|
278
|
2,224
|
पिछले 5 वर्षों में देश भर में एसटी श्रेणी के तहत सहायता प्राप्त पीएमईजीपी इकाइयों की कुल संख्या और अनुमानित रोजगार सृजन निम्नानुसार है:
क्रम सं.
|
राज्य
|
2019-20
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
1
|
अंडमान निकोबार
|
2
|
16
|
5
|
40
|
8
|
64
|
-
|
-
|
-
|
-
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
108
|
864
|
87
|
696
|
82
|
656
|
115
|
920
|
203
|
1,624
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
158
|
1,264
|
89
|
712
|
196
|
1,568
|
155
|
1,240
|
166
|
1,328
|
4
|
असम
|
421
|
3,368
|
353
|
2,824
|
474
|
3,792
|
310
|
2,480
|
271
|
2,168
|
5
|
बिहार
|
51
|
408
|
61
|
488
|
61
|
488
|
81
|
648
|
88
|
704
|
6
|
चंडीगढ़-यूटी
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
7
|
छत्तीसगढ
|
323
|
2,584
|
273
|
2,184
|
320
|
2,560
|
267
|
2,136
|
212
|
1,696
|
8
|
दादरा नगर हवेली
|
-
|
-
|
6
|
48
|
2
|
16
|
1
|
8
|
1
|
8
|
9
|
दमन और दीव
|
2
|
16
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
10
|
दिल्ली
|
-
|
-
|
1
|
8
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
11
|
गोवा
|
2
|
16
|
4
|
32
|
2
|
16
|
1
|
8
|
3
|
24
|
12
|
गुजरात
|
120
|
960
|
142
|
1,136
|
171
|
1,368
|
127
|
1,016
|
94
|
752
|
13
|
हरियाणा
|
-
|
-
|
3
|
24
|
1
|
8
|
2
|
16
|
2
|
16
|
14
|
हिमाचल प्रदेश
|
117
|
936
|
107
|
856
|
171
|
1,368
|
128
|
1,024
|
107
|
856
|
15
|
जम्मू कश्मीर
|
83
|
664
|
73
|
584
|
226
|
1,808
|
175
|
1,400
|
235
|
1,880
|
16
|
झारखंड
|
149
|
1,192
|
130
|
1,040
|
162
|
1,296
|
167
|
1,336
|
206
|
1,648
|
17
|
कर्नाटक
|
169
|
1,352
|
188
|
1,504
|
307
|
2,456
|
305
|
2,440
|
286
|
2,288
|
18
|
केरल
|
12
|
96
|
6
|
48
|
19
|
152
|
16
|
128
|
१३
|
104
|
19
|
लद्दाख
|
303
|
2,424
|
271
|
2,168
|
292
|
2,336
|
90
|
720
|
117
|
936
|
20
|
लक्षद्वीप
|
-
|
-
|
2
|
16
|
7
|
56
|
2
|
16
|
-
|
-
|
21
|
मध्य प्रदेश
|
78
|
624
|
256
|
2,048
|
567
|
4,536
|
466
|
3,728
|
368
|
2,944
|
22
|
महाराष्ट्र
|
112
|
896
|
92
|
736
|
113
|
904
|
91
|
728
|
79
|
632
|
23
|
मणिपुर
|
610
|
4,880
|
548
|
4,384
|
403
|
3,224
|
211
|
1,688
|
140
|
1,120
|
24
|
मेघालय
|
348
|
2,784
|
315
|
2,520
|
581
|
4,648
|
272
|
2,176
|
259
|
2,072
|
25
|
मिजोरम
|
756
|
6,048
|
805
|
6,440
|
645
|
5,160
|
410
|
3,280
|
401
|
3,208
|
26
|
नगालैंड
|
1,102
|
8,816
|
739
|
5,912
|
1,228
|
9,824
|
469
|
3,752
|
513
|
4,104
|
27
|
ओडिशा
|
122
|
976
|
115
|
920
|
214
|
1,712
|
169
|
1,352
|
94
|
752
|
28
|
पुदुचेरी
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
29
|
पंजाब
|
3
|
24
|
1
|
8
|
-
|
-
|
-
|
-
|
1
|
8
|
30
|
राजस्थान
|
266
|
2,128
|
227
|
1,816
|
236
|
1,888
|
170
|
1,360
|
121
|
968
|
31
|
सिक्किम
|
27
|
216
|
25
|
200
|
38
|
304
|
34
|
272
|
68
|
544
|
32
|
तमिलनाडु
|
20
|
160
|
42
|
336
|
63
|
504
|
३१
|
248
|
48
|
384
|
33
|
तेलंगाना
|
267
|
2,136
|
235
|
1,880
|
319
|
2,552
|
352
|
2,816
|
387
|
3,096
|
34
|
त्रिपुरा
|
197
|
1,576
|
192
|
1,536
|
215
|
1,720
|
147
|
1,176
|
116
|
928
|
35
|
उत्तर प्रदेश
|
18
|
144
|
27
|
216
|
28
|
224
|
27
|
216
|
३१
|
248
|
36
|
उत्तराखंड
|
52
|
416
|
56
|
448
|
62
|
496
|
40
|
320
|
38
|
304
|
37
|
पश्चिम बंगाल
|
22
|
176
|
21
|
168
|
12
|
96
|
19
|
152
|
13
|
104
|
अनुलग्नक-III
पिछले 5 वर्षों में तमिलनाडु में अनुसूचित जाति श्रेणी के अंतर्गत सहायता प्राप्त पीएमईजीपी इकाइयों की कुल संख्या और अनुमानित रोजगार सृजन निम्नानुसार है:
क्रम सं.
|
ज़िला
|
2019-20
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
सहायता प्राप्त इकाइयाँ
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयाँ
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयाँ
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयाँ
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयाँ
|
रोजगार सृजन
|
1
|
अरियालुर
|
11
|
88
|
11
|
88
|
8
|
64
|
7
|
56
|
5
|
40
|
2
|
चेंगलपेट
|
0
|
0
|
१३
|
104
|
21
|
168
|
22
|
176
|
24
|
192
|
3
|
चेन्नई
|
16
|
128
|
17
|
136
|
42
|
336
|
25
|
200
|
27
|
216
|
4
|
कोयंबटूर
|
14
|
112
|
12
|
96
|
5
|
40
|
21
|
168
|
15
|
120
|
5
|
कुड्डालोर
|
14
|
112
|
14
|
112
|
34
|
272
|
30
|
240
|
18
|
144
|
6
|
धर्मपुरी
|
9
|
72
|
17
|
136
|
7
|
56
|
6
|
48
|
10
|
80
|
7
|
डिंडीगुल
|
17
|
136
|
18
|
144
|
20
|
160
|
21
|
168
|
17
|
136
|
8
|
इरोड
|
8
|
64
|
17
|
136
|
8
|
64
|
9
|
72
|
18
|
144
|
9
|
कल्लाकुरिची
|
0
|
0
|
4
|
32
|
10
|
80
|
19
|
152
|
34
|
272
|
10
|
कांचीपुरम
|
15
|
120
|
20
|
160
|
23
|
184
|
28
|
224
|
20
|
160
|
11
|
कन्याकुमारी
|
2
|
16
|
1
|
8
|
5
|
40
|
3
|
24
|
3
|
24
|
12
|
करूर
|
7
|
56
|
8
|
64
|
14
|
112
|
33
|
264
|
16
|
128
|
13
|
कृष्णागिरी
|
9
|
72
|
7
|
56
|
11
|
88
|
१३
|
104
|
6
|
48
|
14
|
मदुरै
|
15
|
120
|
25
|
200
|
24
|
192
|
३१
|
248
|
34
|
272
|
15
|
माइलादुत्रयी
|
0
|
0
|
0
|
0
|
3
|
24
|
49
|
392
|
29
|
232
|
16
|
नागपट्टिनम
|
24
|
192
|
37
|
296
|
३१
|
248
|
25
|
200
|
14
|
112
|
17
|
नमक्कल
|
8
|
64
|
17
|
136
|
24
|
192
|
23
|
184
|
39
|
312
|
18
|
नीलगिरी
|
7
|
56
|
12
|
96
|
12
|
96
|
18
|
144
|
१३
|
104
|
19
|
पेरम्बलुर
|
8
|
64
|
15
|
120
|
16
|
128
|
19
|
152
|
14
|
112
|
20
|
पुडुकोट्टई
|
15
|
120
|
26
|
208
|
28
|
224
|
32
|
256
|
18
|
144
|
21
|
रामनाथपुरम
|
7
|
56
|
6
|
48
|
8
|
64
|
7
|
56
|
10
|
80
|
22
|
रानीपेट
|
0
|
0
|
0
|
0
|
8
|
64
|
20
|
160
|
20
|
160
|
23
|
सलेम
|
7
|
56
|
19
|
152
|
18
|
144
|
25
|
200
|
१३
|
104
|
24
|
शिवगंगा
|
१३
|
104
|
14
|
112
|
10
|
80
|
१३
|
104
|
3
|
24
|
25
|
तेनकासी
|
0
|
0
|
4
|
32
|
4
|
32
|
11
|
88
|
19
|
152
|
26
|
तंजावुर
|
44
|
352
|
34
|
272
|
61
|
488
|
51
|
408
|
85
|
680
|
27
|
थेनी
|
15
|
120
|
9
|
72
|
6
|
48
|
10
|
80
|
15
|
120
|
28
|
तिरुचिरापल्ली
|
19
|
152
|
17
|
136
|
12
|
96
|
12
|
96
|
21
|
168
|
29
|
तिरुवल्लुर
|
57
|
456
|
29
|
232
|
47
|
376
|
41
|
328
|
46
|
368
|
30
|
थिरुवरुर
|
35
|
280
|
28
|
224
|
44
|
352
|
29
|
232
|
३१
|
248
|
३१
|
थूथुकुडी(तूतीकोरिन)
|
17
|
136
|
12
|
96
|
22
|
176
|
21
|
168
|
22
|
176
|
32
|
तिरुनेलवेली
|
18
|
144
|
१३
|
104
|
19
|
152
|
12
|
96
|
16
|
128
|
33
|
तिरुपत्तुर
|
0
|
0
|
2
|
16
|
22
|
176
|
3
|
24
|
16
|
128
|
34
|
तिरुपुर
|
5
|
40
|
4
|
32
|
8
|
64
|
9
|
72
|
16
|
128
|
35
|
तिरुवन्नामलाई
|
17
|
136
|
18
|
144
|
12
|
96
|
20
|
160
|
17
|
136
|
36
|
वेल्लोर
|
24
|
192
|
१३
|
104
|
9
|
72
|
11
|
88
|
37
|
296
|
37
|
विल्लुपुरम
|
19
|
152
|
18
|
144
|
21
|
168
|
19
|
152
|
27
|
216
|
38
|
विरुधुनगर
|
12
|
96
|
3
|
24
|
14
|
112
|
17
|
136
|
35
|
280
|
पिछले 5 वर्षों में तमिलनाडु में जिलावार सहायता प्राप्त पीएमईजीपी इकाइयों की कुल संख्या और एसटी श्रेणी के अंतर्गत सृजित अनुमानित रोजगार निम्नानुसार है:
तालिका
क्रम सं.
|
ज़िला
|
2019-20
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
सहायता प्राप्त इकाइयां
|
रोजगार सृजन
|
1
|
अरियालुर
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
2
|
चेंगलपेट
|
0
|
0
|
1
|
8
|
0
|
0
|
0
|
0
|
1
|
8
|
3
|
चेन्नई
|
0
|
0
|
0
|
0
|
1
|
8
|
0
|
0
|
0
|
0
|
4
|
कोयंबटूर
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
5
|
कुड्डालोर
|
0
|
0
|
0
|
0
|
1
|
8
|
1
|
8
|
1
|
8
|
6
|
धर्मपुरी
|
0
|
0
|
1
|
8
|
1
|
8
|
3
|
24
|
0
|
0
|
7
|
डिंडीगुल
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
1
|
8
|
0
|
0
|
8
|
इरोड
|
0
|
0
|
0
|
0
|
1
|
8
|
0
|
0
|
0
|
0
|
9
|
कल्लाकुरिची
|
0
|
0
|
1
|
8
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
10
|
कांचीपुरम
|
0
|
0
|
2
|
16
|
17
|
136
|
2
|
16
|
22
|
176
|
11
|
कन्याकुमारी
|
0
|
0
|
0
|
0
|
1
|
8
|
1
|
8
|
1
|
8
|
12
|
करूर
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
१३
|
कृष्णागिरी
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
1
|
8
|
14
|
मदुरै
|
1
|
8
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
15
|
माइलादुत्रयी
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
1
|
8
|
1
|
8
|
16
|
नागपट्टिनम
|
2
|
16
|
0
|
0
|
1
|
8
|
1
|
8
|
0
|
0
|
17
|
नमक्कल
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
3
|
24
|
18
|
नीलगिरी
|
0
|
0
|
5
|
40
|
4
|
32
|
2
|
16
|
7
|
56
|
19
|
पेरम्बलुर
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
20
|
पुडुकोट्टई
|
1
|
8
|
1
|
8
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
21
|
रामनाथपुरम
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
22
|
रानीपेट
|
0
|
0
|
2
|
16
|
2
|
16
|
1
|
8
|
1
|
8
|
23
|
सलेम
|
2
|
16
|
3
|
24
|
10
|
80
|
0
|
0
|
2
|
16
|
24
|
शिवगंगा
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
25
|
तेनकासी
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
26
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तंजावुर
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0
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0
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0
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0
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0
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0
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0
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0
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0
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0
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27
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थेनी
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0
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0
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0
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0
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0
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0
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0
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0
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1
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8
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28
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तिरुचिरापल्ली
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0
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0
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0
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0
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0
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3
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24
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0
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0
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29
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तिरुवल्लुर
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0
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0
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0
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0
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1
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8
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1
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8
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0
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30
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थिरुवरुर
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3
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0
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0
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0
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0
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1
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8
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३१
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थूथुकुडी(तूतीकोरिन)
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32
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तिरुनेलवेली
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0
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5
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40
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तिरुपत्तुर
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1
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तिरुपुर
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0
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0
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1
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8
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0
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0
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0
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0
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तिरुवन्नामलाई
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7
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56
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4
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32
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0
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0
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2
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16
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36
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वेल्लोर
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3
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24
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12
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96
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१३
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104
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4
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32
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विल्लुपुरम
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1
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8
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7
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56
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5
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2
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0
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0
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विरुधुनगर
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0
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0
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0
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0
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अनुलग्नक-IV
देश भर में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों का विवरण इस प्रकार है:
- स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान: स्टार्टअप इंडिया के लिए एक एक्शन प्लान का अनावरण 16 जनवरी 2016 को किया गया था। एक्शन प्लान में "सरलीकरण और हैंडहोल्डिंग", "वित्त पोषण सहायता और प्रोत्साहन" और "उद्योग-अकादमिक भागीदारी और इनक्यूबेशन" जैसे क्षेत्रों में फैले 19 एक्शन आइटम शामिल हैं। एक्शन प्लान ने देश में एक जीवंत स्टार्टअप इको-सिस्टम बनाने के लिए परिकल्पित सरकारी समर्थन, योजनाओं और प्रोत्साहनों की नींव रखी।
- स्टार्टअप इंडिया: द वे अहेड: स्टार्टअप इंडिया: स्टार्टअप इंडिया के 5 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में द वे अहेड 16 जनवरी 2021 को अनावरण किया गया, जिसमें स्टार्टअप के लिए व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने, विभिन्न सुधारों को क्रियान्वित करने में प्रौद्योगिकी की अधिक भूमिका, हितधारकों की क्षमता निर्माण और एक डिजिटल आत्मनिर्भर भारत को सक्षम करने के लिए कार्रवाई योग्य योजनाएं शामिल हैं।
- स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम: किसी उद्यम के विकास के शुरुआती चरणों में उद्यमियों के लिए पूंजी की आसान उपलब्धता आवश्यक है। इस स्तर पर आवश्यक पूंजी अक्सर अच्छे व्यावसायिक विचारों वाले स्टार्टअप के लिए मेक-ऑर-ब्रेक स्थिति प्रस्तुत करती है। इस योजना का उद्देश्य अवधारणा के प्रमाण, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के लिए स्टार्टअप को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। 2021-22 से शुरू होने वाले 4 वर्षों की अवधि के लिए इस योजना के तहत 945 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
- स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स योजना: सरकार ने स्टार्टअप्स की फंडिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड के साथ योजना की स्थापना की है। डीपीआईआईटी निगरानी एजेंसी है और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) इस योजना के लिए संचालन एजेंसी है। इसने न केवल शुरुआती चरण, बीज चरण और विकास चरण में स्टार्टअप के लिए पूंजी उपलब्ध कराई है, बल्कि घरेलू पूंजी जुटाने, विदेशी पूंजी पर निर्भरता कम करने और घरेलू और नए उद्यम पूंजी कोष को प्रोत्साहित करने के मामले में उत्प्रेरक की भूमिका भी निभाई है।
- स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना: सरकार ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सेबी पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष के तहत वेंचर डेट फंड्स द्वारा डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को दिए गए ऋणों के लिए क्रेडिट गारंटी प्रदान करने के लिए स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना की स्थापना की है। सीजीएसएस का उद्देश्य पात्र उधारकर्ताओं जैसे डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को वित्तपोषित करने के लिए सदस्य संस्थानों द्वारा दिए गए ऋणों के मद्देनजर एक निर्दिष्ट सीमा तक क्रेडिट गारंटी प्रदान करना है।
- नियामक सुधार: कारोबार करने में आसानी, पूंजी जुटाने में आसानी और स्टार्टअप इको-सिस्टम के लिए अनुपालन बोझ को कम करने के लिए सरकार द्वारा 2016 से 55 से अधिक नियामक सुधार किए गए हैं।
- खरीद में आसानी: खरीद को आसान बनाने के लिए, केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को गुणवत्ता और तकनीकी विनिर्देशों को पूरा करने के अधीन सभी डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स के लिए पूर्व टर्नओवर और सार्वजनिक खरीद में पूर्व अनुभव की शर्तों में ढील देने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, सरकारी ई-मार्केटप्लेस स्टार्टअप्स से सरकार द्वारा उत्पादों और सेवाओं की खरीद को भी सुगम बनाता है और बढ़ावा देता है।
- श्रम और पर्यावरण कानूनों के तहत स्व-प्रमाणन: स्टार्टअप्स को निगमन की तारीख से 3 से 5 साल की अवधि के लिए 9 श्रम और 3 पर्यावरण कानूनों के तहत अपने अनुपालन को स्व-प्रमाणित करने की अनुमति है।
- तीन साल के लिए आयकर छूट: 1 अप्रैल 2016 को या उसके बाद निगमित स्टार्टअप आयकर छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप जिन्हें अंतर-मंत्रालयी बोर्ड प्रमाणपत्र दिया जाता है, उन्हें निगमन के बाद से 10 वर्षों में से लगातार 3 वर्षों की अवधि के लिए आयकर से छूट दी जाती है।
- स्टार्टअप्स के लिए तेज़ निकास: सरकार ने स्टार्टअप्स को 'फास्ट ट्रैक फर्म' के रूप में अधिसूचित किया है, जिससे उन्हें अन्य कंपनियों के लिए 180 दिनों की तुलना में 90 दिनों के भीतर परिचालन बंद करने में सक्षम बनाया गया है।
- अधिनियम (2019) की धारा 56 की उप-धारा (2) के खंड (VII)(बी) के प्रयोजन के लिए छूट: डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप आयकर अधिनियम की धारा 56(2)(viib) के प्रावधानों से छूट के लिए पात्र है।
- बौद्धिक संपदा संरक्षण के लिए सहायता: स्टार्टअप्स को पेटेंट आवेदन की त्वरित जांच और निपटान के लिए पात्र माना जाता है। सरकार ने स्टार्ट-अप्स बौद्धिक संपदा संरक्षण (एसआईपीपी) शुरू किया है, जो स्टार्टअप्स को केवल वैधानिक शुल्क का भुगतान करके उचित आईपी कार्यालयों में पंजीकृत सुविधाकर्ताओं के माध्यम से पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क के लिए आवेदन दाखिल करने की सुविधा प्रदान करता है। इस योजना के तहत सुविधाकर्ता विभिन्न आईपीआर पर सामान्य सलाह देने और अन्य देशों में आईपीआर की सुरक्षा और संवर्धन के बारे में जानकारी देने के लिए जिम्मेदार हैं। सरकार किसी भी संख्या में पेटेंट, ट्रेडमार्क या डिजाइन के लिए सुविधाकर्ताओं की पूरी फीस वहन करती है और स्टार्टअप केवल देय वैधानिक शुल्क का खर्च वहन करते हैं। स्टार्टअप्स को अन्य कंपनियों की तुलना में पेटेंट दाखिल करने में 80 प्रतिशत छूट और ट्रेडमार्क भरने में 50 प्रतिशत छूट प्रदान की जाती है।
- स्टार्टअप इंडिया हब: सरकार ने 19 जून 2017 को स्टार्टअप इंडिया ऑनलाइन हब लॉन्च किया, जो भारत में उद्यमशीलता इको-सिस्टम के सभी हितधारकों के लिए एक-दूसरे को खोजने, कनेक्ट करने और संलग्न करने के लिए अपनी तरह का एक ऑनलाइन मंच है। ऑनलाइन हब स्टार्टअप, निवेशक, फंड, मेंटर, शैक्षणिक संस्थान, इनक्यूबेटर, एक्सेलेरेटर, कॉरपोरेट्स, सरकारी निकाय आदि की मेजबानी करता है।
- भारतीय स्टार्टअप के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच: स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत प्रमुख उद्देश्यों में से एक विभिन्न जुड़ाव मॉडल के माध्यम से भारतीय स्टार्टअप इको-सिस्टम को वैश्विक स्टार्टअप इको-सिस्टम से जोड़ने में मदद करना है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार की साझेदारी, अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भागीदारी और वैश्विक कार्यक्रमों की मेजबानी के माध्यम से किया गया है। स्टार्टअप इंडिया ने लगभग 20 देशों के साथ संपर्क स्थापित किया है।
- स्टार्टअप इंडिया शोकेस: स्टार्टअप इंडिया शोकेस देश के सबसे होनहार स्टार्टअप्स के लिए एक ऑनलाइन डिस्कवरी प्लेटफॉर्म है, जिसे वर्चुअल प्रोफाइल के रूप में प्रदर्शित स्टार्टअप्स के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से चुना जाता है। मंच पर दिखाए गए स्टार्टअप अपने क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ के रूप में उभरे हैं। ये नवाचार विभिन्न अत्याधुनिक क्षेत्रों जैसे कि फिनटेक, एंटरप्राइजटेक, सोशल इम्पैक्ट, हेल्थटेक, एडटेक आदि में फैले हुए हैं। ये स्टार्टअप महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण नवाचार दिखाए हैं। इकोसिस्टम के हितधारकों ने इन स्टार्टअप्स का पोषण और समर्थन किया है, जिससे इस प्लेटफॉर्म पर उनकी उपस्थिति को मान्यता मिली है।
- राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद: सरकार ने जनवरी 2020 में राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद के गठन को अधिसूचित किया, ताकि देश में नवाचार और स्टार्टअप्स के पोषण के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने के लिए आवश्यक उपायों पर सरकार को सलाह दी जा सके, ताकि सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें। पदेन सदस्यों के अलावा, परिषद में कई गैर-आधिकारिक सदस्य भी हैं, जो स्टार्टअप इको-सिस्टम के विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार (एनएसए): राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार ऐसे उत्कृष्ट स्टार्टअप और इको-सिस्टम को मान्यता देने और पुरस्कृत करने की एक पहल है जो रोजगार सृजन या धन सृजन की उच्च क्षमता वाले अभिनव उत्पाद या समाधान और स्केलेबल उद्यम बना रहे हैं, जो मापनीय सामाजिक प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। सभी फाइनलिस्ट को विभिन्न ट्रैक जैसे कि निवेशक कनेक्ट, मेंटरशिप, कॉर्पोरेट कनेक्ट, सरकारी कनेक्ट, अंतर्राष्ट्रीय बाजार पहुंच, विनियामक सहायता, दूरदर्शन पर स्टार्टअप चैंपियंस और स्टार्टअप इंडिया शोकेस आदि में सहायता प्रदान की जाती है।
- राज्यों का स्टार्टअप रैंकिंग ढांचा (एसआरएफ): राज्यों का स्टार्टअप रैंकिंग ढांचा प्रतिस्पर्धी संघवाद की ताकत का दोहन करने और देश में एक समृद्ध स्टार्टअप इको-सिस्टम बनाने के लिए एक अनूठी पहल है। रैंकिंग अभ्यास का मुख्य उद्देश्य राज्यों को अच्छी प्रथाओं की पहचान करने, सीखने और बदलने में मदद करना, स्टार्टअप इको-सिस्टम को बढ़ावा देने और राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए राज्यों द्वारा नीतिगत हस्तक्षेप को उजागर करना है।
- दूरदर्शन पर स्टार्टअप चैंपियंस: दूरदर्शन पर स्टार्टअप चैंपियंस कार्यक्रम एक घंटे का साप्ताहिक कार्यक्रम है जिसमें पुरस्कार विजेता/राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की कहानियों को शामिल किया जाता है। इसे दूरदर्शन नेटवर्क चैनलों पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों में प्रसारित किया जाता है।
- स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक: सरकार राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस यानी 16 जनवरी के आसपास स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन सप्ताह का आयोजन करती है, जिसका प्राथमिक लक्ष्य देश के प्रमुख स्टार्टअप, उद्यमियों, निवेशकों, इनक्यूबेटरों, फंडिंग संस्थाओं, बैंकों, नीति निर्माताओं और अन्य राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को उद्यमिता का जश्न मनाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक साथ लाना है।
- एससीईएनडी: एससीईएनडी (स्टार्टअप क्षमता और उद्यमशीलता अभियान में तेजी) के तहत, सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों के लिए स्टार्टअप और उद्यमशीलता पर संवेदीकरण कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिसका उद्देश्य उद्यमशीलता के प्रमुख पहलुओं पर ज्ञान को बढ़ाना और बढ़ाना तथा इन राज्यों में एक मजबूत स्टार्टअप इको-सिस्टम बनाने की दिशा में प्रयास जारी रखना था।
- स्टार्टअप इंडिया इन्वेस्टर कनेक्ट पोर्टल को स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सिडबी के साथ मिलकर विकसित किया गया है, जो एक मध्यस्थ मंच के रूप में कार्य करता है जो विभिन्न उद्योगों, कार्यों, चरणों, क्षेत्रों और पृष्ठभूमि के उद्यमियों को पूंजी जुटाने में मदद करने के लिए स्टार्टअप और निवेशकों को जोड़ता है। पोर्टल को विशेष रूप से देश में कहीं भी स्थित शुरुआती चरण के स्टार्टअप को अग्रणी निवेशकों/उद्यम पूंजी कोषों के सामने खुद को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है।
- राष्ट्रीय मेंटरशिप पोर्टल (मार्ग): देश के हर हिस्से में स्टार्टअप के लिए मेंटरशिप तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मेंटरशिप, सलाह, सहायता, लचीलापन और विकास (मार्ग) कार्यक्रम विकसित और लॉन्च किया गया है।
यह जानकारी कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एआर/एकेपी/एसके
(Release ID: 2038684)
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