श्रम और रोजगार मंत्रालय
श्रमिकों पर अत्यधिक गर्मी के मौसम के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिये उठाये गये कदम
Posted On:
22 JUL 2024 6:47PM by PIB Delhi
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी कर नियोक्ताओं/ उद्योगों को बहु-क्षेत्रीय एवं बहुआयामी प्रशासनिक दृष्टिकोण के माध्यम से श्रमिकों पर अत्यधिक गर्मी के मौसम के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिये प्रभावी कदम उठाने के लिये आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था। सुझाये गये उपायों में से कुछ इस प्रकार थे:
- विभिन्न क्षेत्रों में कर्मचारियों/ श्रमिकों के लिये कार्य घंटों का पुनर्निर्धारण,
- गर्मियों के दौरान शारीरिक कार्य करने के लिये पीस रेट और आवश्यकता/ तात्कालिकता को विनियमित करने के लिये आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करना,
- कार्य स्थल पर पर्याप्त पेयजल सुविधायें सुनिश्चित करना,
- श्रमिकों की नियमित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने के लिये स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करना,
- निर्माण श्रमिकों के लिये आपातकालीन आइस पैक और गर्मी से बचाव सामग्री का प्रावधान करना।
इसके अलावा, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने अपने विभिन्न संगठनों के माध्यम से बाहरी श्रमिकों और मजदूरों के लिये गर्म हवा से निपटने के तरीकों पर केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम/ जागरूकता सत्र भी आयोजित किये, जो अत्यधिक गर्मी की स्थिति के संपर्क में सबसे अधिक आते हैं।
इसके अलावा, कर्मचारी राज्य बीमा के तहत, बीमित व्यक्ति ईएसआई अधिनियम, 1948 की धारा 46(1)(ए) के तहत बीमारी लाभ के लिये पात्र हैं। यदि गर्मी के कारण काम से दूर रहना आवश्यक हो और वे बीमारी लाभ के लिये पात्रता और अंशदायी शर्तों को पूरा करते हैं, तो इस उद्देश्य के लिये नियुक्त चिकित्सा अधिकारी द्वारा विधिवत प्रमाणित किया जाता है।
केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री श्रीमती शोभा करंदलाजे ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एआर/एसवी
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