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श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 2024-25 के बजट को भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की राह में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया


विकसित भारत का बजट वास्तव में जनोन्मुखी, विकास-प्रेरक, समावेशी और प्रगतिशील है: श्री धर्मेंद्र प्रधान

शिक्षा, कौशल, रोजगार सृजन, अनुसंधान और नवाचार को प्राथमिकता देते हुए बजट दुनिया के लिए टैलेंट बास्केट, कौशल केंद्र और समाधान प्रदाता के रूप में भारत की साख को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करता है: श्री धर्मेंद्र प्रधान

Posted On: 23 JUL 2024 9:19PM by PIB Delhi

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 2024-25 के बजट को 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने के पथ पर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।

'गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता' के कल्याण और सशक्तिकरण पर खास ध्यान देने और ठोस उपायों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि विकसित भारत के लिए बजट वास्तव में एक जन-उन्मुख, विकास-प्रेरक, समावेशी और प्रगतिशील है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा, कौशल, रोजगार सृजन, अनुसंधान और नवाचार को प्राथमिकता देकर विकसित भारत के लिए बजट दुनिया के लिए टैलेंट बास्केट, कौशल केंद्र और समाधान प्रदाता के रूप में भारत की साख को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करता है।

उन्होंने कहा कि यह बजट जीवन को आसान बनाने, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बढ़ावा देने, हरित विकास को बढ़ावा देने, सामाजिक न्याय को मजबूत करने, व्यावसायिक माहौल में सुधार करने, सपनों को साकार करने, हर घर में समृद्धि लाने और आर्थिक विकास के अगले चरण को प्राप्त करने के लिए में मदद करेगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को सशक्त बनाना और उनके सपनों को पूरा करना सरकार के दिल में है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का बजट युवाओं की आकांक्षाओं को नीति निर्माण के केंद्र में रखने की सरकार की विचारधारा को जारी रखता है।

श्री प्रधान ने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ के आवंटन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री पैकेज के बारे में विस्तार से बताया। इसमें शामिल हैं:

- कौशल और प्रशिक्षुता इकोसिस्‍टम को मजबूत करना;

- भारत की शीर्ष कंपनियों द्वारा 1 करोड़ युवाओं के लिए कौशल विकास और इंटर्नशिप के अवसर;

- विभिन्न क्षेत्रों में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन प्रदान करना;

- ईपीएफओ योगदान के लिए कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को प्रोत्साहन प्रदान करना;

25, 000 छात्रों को सालाना 7.5 लाख रुपये तक का मॉडल कौशल ऋण और 3% वार्षिक ब्याज अनुदान के साथ हर साल 1 लाख छात्रों को घरेलू उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए 10 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण प्रदान करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की ओर से व्यापक और ठोस उपाय किए गए हैं जो सभी हितधारकों-छात्रों, शिक्षाविदों और उद्योग के लिए लाभदायक होंगे। यह बजट हमारे युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने, आजीविका के अधिक अवसरों के साथ लोगों को सशक्त बनाने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल तक पहुंच बढ़ाने और अगले पांच वर्षों में 4.1 करोड़ से अधिक नई नौकरियों का सृजन करने वाला है।

बजट 2024-25 की मुख्य विशेषताएं

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 73,498 करोड़ रुपये का बजट आवंटन स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के लिए अब तक का सबसे अधिक है।

आरई 2023-24 से वित्त वर्ष 2024-25 में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के बजट आवंटन में 12,024 करोड़ रुपये (19.56 प्रतिशत) की कुल वृद्धि हुई है।

केवीएस और एनवीएस के स्वायत्त निकायों में अब तक का सबसे अधिक बजट आवंटन क्रमशः 9,302 करोड़ रुपये और 5,800 करोड़ रुपये देखा जा सकता है।

आरई 2023-24 की तुलना में प्रमुख योजनाओं में बजट आवंटन में वृद्धि हुई है यानी समग्र शिक्षा ( 4,500 करोड़), पीएम-पोषण ( 2,467 करोड़) और पीएम-श्री (3,250 करोड़)।

वित्त वर्ष 2024-25 में कुल बजट आवंटन 73,498 करोड़ में से, योजना आवंटन 57,804 करोड़ है और गैर-योजना आवंटन 15,693 करोड़ है।

2023-24 की तुलना में योजना आवंटन में 10,846 करोड़ की वृद्धि और गैर-योजना आवंटन में 1,177 करोड़ की वृद्धि की गई है।

2023-24 के अनुसार केवीएस में आवंटन में 802 करोड़ रुपये तक की वृद्धि की गई है जबकि एनवीएस में आवंटन 330 करोड़ रुपये तक की वृद्धि हुई है।

उच्च शिक्षा विभाग

वित्त वर्ष 2024-25 में कुल बजट आवंटन 47619.77 करोड़ रुपये है, जिसमें से योजना आवंटन 7487.87 करोड़ रुपये और गैर-योजना आवंटन 40131.90 करोड़ रुपये है।

वित्त वर्ष 2023-24 के संबंध में वित्त वर्ष 2024-25 में उच्च शिक्षा विभाग के बजट आवंटन में कुल मिलाकर 3525.15 करोड़ रुपये (7.99%) की बढ़ोतरी हुई है।

वित्त वर्ष 2024-25 में योजनाओं के बजट आवंटन में 1139.99 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

प्रमुख स्वायत्त निकायों को आवंटन

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आवंटन 15928.00 करोड़ रुपये रखा गया है अर्थात यह बजट अनुमान 2023-24 में आवंटन से 4314.03 करोड़ रुपये अधिक है।

मानद (डीम्ड) विश्वविद्यालयों को 2024-25 में 596 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, और यह बजट अनुमान 2023-24 से 96 करोड़ रुपये अधिक है।

आईआईटी को 2024-25 में 10202.5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और यह 2023-24 में बजट अनुमान आवंटन से 841.00 करोड़ अधिक है।

एनआईटी के लिए, वित्त वर्ष 2024-25 में आवंटन बढ़ाकर 5040 करोड़ रुपये किया गया है। बजट अनुमान 2023-24 की तुलना में इसमें 219.40 करोड़ रूपए की वृद्धि की गई है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस फॉर एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) में आवंटन 1540 करोड़ रुपये रखा गया है, जिससे बजट अनुमान 2023-24 में आवंटन में 78 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) को 2024-25 में 875.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो बजट अनुमान 2023-24 में आवंटन से 60.37 करोड़ रुपये अधिक है।

प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटन

  • प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-यूएसए) (पूर्व में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) के रूप में जाना गया) के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट 1814.94 करोड़ रुपये रखा गया है, जो 2023-24 में आवंटन से 314.94 करोड़ रुपये अधिक है
  • प्रतिष्ठित  संस्थानों (आईओई) के लिए 1800 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो बजट अनुमान 2023-24 के आवंटन से 300.00 करोड़ रुपये अधिक है
  • प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना (पीएम-यूएसपी) योजना के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में बजट आवंटन 1558 करोड़ रुपये रखा गया है, जो बजट अनुमान 2023-24 में आवंटन से 4.00 करोड़ रुपये अधिक है
  • 'राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस)' में वित्त वर्ष 2024-25 में 600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो 2023-24 में आवंटन से 160.00 करोड़ रुपये अधिक है
  • 'आईसीटी के माध्यम से शिक्षा में राष्ट्रीय मिशन' योजना में वित्त वर्ष 2024-25 में 480 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो 2023-24 में आवंटन से 80.00 करोड़ रुपये अधिक है
  • 'मल्टीडिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च इम्प्रूवमेंट इन टेक्निकल एजुकेशन-ईएपी योजना (मेरिट)' में वित्त वर्ष 2024-25 में 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो 2023-24 में आवंटन से 100 प्रतिशत अधिक है।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में उत्कृष्टता के 3 केंद्रों (सीओई) की स्थापना' योजना की घोषणा की गई थी, इसके लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 255 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

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