इस्‍पात मंत्रालय

इस्पात की मांग और उत्पादन

Posted On: 26 JUL 2024 2:56PM by PIB Delhi


विश्व इस्पात संघ (डब्ल्यूएसए) द्वारा 2022 और 2023 के लिए जारी अनंतिम आंकड़े नीचे दिए गए हैं, साथ ही भारत द्वारा कच्चे इस्पात का उत्पादन और विश्व उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी भी दी गई है।

वर्ष

कच्चे इस्पात का उत्पादन (मीट्रिक टन)

विश्व *

भारत #

भारत का % हिस्सा*

2022

1890.2

125.4

6.6

2023

1892.2

140.8

7.4

स्रोत: *विश्व इस्पात संघ (डब्ल्यूएसए); # संयुक्त संयंत्र समिति

मीट्रिक टन=मिलियन टन; *अनंतिम

 

2023-24 और अप्रैल-जून 2024 (अनंतिम) के दौरान भारत में तैयार इस्पात की खपत के आंकड़े नीचे दिए गए हैं: -

 

वर्ष

तैयार स्टील की खपत (मिश्र धातु/स्टेनलेस + गैर-मिश्र धातु)

(मीट्रिक टन में)

2023-24

136.29

अप्रैल-जून 2024-25*

35.42

स्रोत: संयुक्त योजना समिति; * अनंतिम

 

2023 में भारत द्वारा इस्पात निर्यात के साथ-साथ विश्व के इस्पात निर्यात में इसकी हिस्सेदारी का डेटा नीचे दिया गया है: -

 

वर्ष

निर्यात (सेमी + तैयार स्टील)

(एमटी)

विश्व*

भारत #

भारत का % हिस्सा*

2023

434.7

7.8

1.8

स्रोत: ^ विश्व इस्पात संघ (डब्ल्यूएसए); # संयुक्त संयंत्र समिति; *अनंतिम

इस्पात एक विनियमन-मुक्त क्षेत्र है। सरकार इस्पात क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल नीतिगत माहौल बनाकर सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करती है। देश में इस्पात के उत्पादन और खपत में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम इस प्रकार हैं: -

  1. सरकारी खरीद के लिए भारत में निर्मित इस्पात को बढ़ावा देने के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित लौह एवं इस्पात उत्पाद (डीएमआई एवं एसपी) नीति का कार्यान्वयन।
  2. सरकार ने देश में 'स्पेशलिटी स्टील' के विनिर्माण को बढ़ावा देने और पूंजी निवेश को आकर्षित करके आयात को कम करने के लिए स्पेशलिटी स्टील के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है। स्पेशलिटी स्टील के लिए पीएलआई योजना के तहत अनुमानित अतिरिक्त निवेश 29,500 करोड़ रुपये है और स्पेशलिटी स्टील के लिए लगभग 25 मिलियन टन (एमटी) की अतिरिक्त क्षमता का निर्माण होगा।
  3. मेक इन इंडिया पहल और पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत रेलवे, रक्षा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, आवास, नागरिक उड्डयन, सड़क परिवहन और राजमार्ग, कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्रों सहित संभावित उपयोगकर्ताओं के साथ आगे की बातचीत की जाएगी, ताकि देश में इस्पात के उपयोग, इस्पात की समग्र मांग और इस्पात क्षेत्र में निवेश को बढ़ाया जा सके।
  4. इस्पात निर्माण के लिए अधिक अनुकूल शर्तों पर कच्चे माल की उपलब्धता को सुगम बनाने के लिए अन्य देशों के अलावा मंत्रालयों और राज्यों के साथ समन्वय करना।
  5. घरेलू स्तर पर उत्पन्न स्क्रैप की उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्टील स्क्रैप रीसाइक्लिंग नीति की अधिसूचना।
  6. गैर-मानकीकृत इस्पात के विनिर्माण और आयात को रोकने तथा आम जनता को गुणवत्तापूर्ण इस्पात उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए 145 इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों की अधिसूचना।

 

यह जानकारी केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/एआर/पीएस/डीके

 



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