पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
पोत निर्माण वित्तीय सहायता नीति
Posted On:
26 JUL 2024 12:40PM by PIB Bhopal
पोत निर्माण वित्तीय सहायता नीति (एसबीएफएपी) भारतीय शिपयार्डों को विदेशी शिपयार्डों के समान घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पोत निर्माण ऑर्डर पूरा करने के लिए समान अवसर प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य उन सभी पोत निर्माण अनुबंधों के लिए भारत में पोत निर्माण उद्योग को पुनर्जीवित करना और बढ़ावा देना है, जिन पर 2016 से 2026 तक हस्ताक्षर हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, चौगुले शिपयार्ड, मझगांव शिपयार्ड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स आदि जैसे सार्वजनिक और निजी शिपयार्डों को कई घरेलू और विदेशी पोत निर्माण ऑर्डर प्राप्त हुए हैं और इसके लिए उन्हें एसबीएफएपी के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध हो रही है। एसबीएफएपी योजना के तहत, इसकी शुरुआत से लेकर अब तक 39 शिपयार्डों को पोत निर्माण के 10,500 करोड़ रूपये मूल्य के कुल 313 ऑर्डर प्राप्त हुए हैं जिनमें घरेलू और निर्यात दोनों ऑर्डर शामिल हैं। इन शिपयार्डों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पोत मालिकों के लिए 135 पोतों का निर्माण करने और इनकी आपूर्ति करने के लिए 337 करोड़ रूपये की कुल वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
दरअसल, भारतीय शिपयार्डों की प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित करने वाले कारणों में वाणिज्यिक पोत निर्माण की घरेलू मांग में कमी, वित्त की उच्च लागत, अपेक्षाकृत छोटे सहायक उद्योग और कम स्वचालन आदि मुख्य हैं।
देश में घरेलू पोत निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की पहलों का विवरण इस प्रकार है:
(i) आधुनिक प्रौद्योगिकियों और मशीनरी के संबंध में स्वदेशी पोत निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने एसबीएफएपी दिशानिर्देशों में निम्नलिखित संशोधन किए हैं:
क) पवन ऊर्जा फार्म स्थापना करने वाले पोत और विशेष प्रकार के पोत के रूप में परिष्कृत ड्रेजरों का निर्माण, जो गैर-विशेष पोतों के लिए 40 करोड़ रुपये की ऊपरी सीमा से अधिक वित्तीय सहायता पाने के पात्र हैं।
ख) उन पोतों के लिए 30 प्रतिशत की वित्तीय सहायता, जिनमें मुख्य प्रणोदन मेथनॉल/अमोनिया/हाइड्रोजन ईंधन जैसे हरित ईंधन के माध्यम से प्राप्त किया जाता है,
ग) विद्युत प्रणोदन वाले पोतों या हाइब्रिड प्रणोदन प्रणाली से सुसज्जित पोतों के लिए 20 प्रतिशत की वित्तीय सहायता।
(ii) स्वदेशी पोत निर्माण को बढ़ावा देने के लिए, पोत निर्माण और पोत-स्वामित्व से संबंधित सरकारी संस्थाओं को भारत सरकार के सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश, 2017 के अनुसार स्थानीय सामग्री सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। इस आदेश के अनुसार, 200 करोड़ रुपये से कम के पोतों की खरीद भारतीय शिपयार्डों से की जानी चाहिए।
(iii) भारत सरकार ने 13 अप्रैल, 2016 को जारी राजपत्र अधिसूचना संख्या 112 के माध्यम से शिपयार्डों को बुनियादी ढांचे का दर्जा प्रदान किया है। इसमें "शिपयार्ड" को एक अस्थायी या भूमि-आधारित सुविधा के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें पोत निर्माण/मरम्मत/ब्रेकिंग गतिविधियों को करने के लिए अपेक्षित सुविधाएँ हैं। बुनियादी ढांचे का दर्जा मिलने से भारतीय शिपयार्ड पूंजी के सस्ते दीर्घकालिक स्रोत का लाभ उठाने में सक्षम होंगे और शिपयार्ड अपनी लागत में कमी लाने और क्षमता विस्तार में निवेश करने में सक्षम बनेंगे, जिससे भारतीय पोत निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
(iv) सरकार ने नवंबर, 2021 में भारतीय शिपयार्डों में बनाए जाने वाले टगों की खरीद के लिए प्रमुख बंदरगाहों में उपयोग के लिए पांच प्रकार के मानक टग डिजाइन जारी किए हैं।
(v) सरकार ने 19 मई 2016 को सरकारी विभागों या एजेंसियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा सरकारी उद्देश्यों या अपने स्वयं के उपयोग के लिए किसी भी प्रकार के पोत के अधिग्रहण करने के वास्ते नए पोत निर्माण आदेशों के मूल्यांकन और निविदाएं प्रदान करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों के अनुसार जब भी किसी पोत का अधिग्रहण निविदा के माध्यम से किया जाता है, तो योग्य भारतीय शिपयार्ड के पास "पहले इनकार का अधिकार" होगा, ताकि वे विदेशी शिपयार्ड द्वारा पेश किए गए न्यूनतम मूल्य से मेल खा सकें। इस कदम का उद्देश्य भारतीय शिपयार्ड में पोत निर्माण गतिविधियों को बढ़ाना है।
(vi) स्वदेशी पोत निर्माण को बढ़ावा देने के लिए, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने 20 सितंबर 2023 को सभी प्रकार की निविदाओं के लिए ‘पहले इनकार के अधिकार (आरओएफआर)’ के पदानुक्रम को संशोधित किया है। आरओएफआर का संशोधित पदानुक्रम इस प्रकार है:
(1) भारतीय निर्मित, भारतीय ध्वजांकित और भारतीय स्वामित्व वाली
(2) भारत में निर्मित, भारतीय ध्वजांकित और भारतीय आईएफएससीए स्वामित्व वाली
(3) विदेश में निर्मित, भारतीय ध्वजांकित और भारतीय स्वामित्व वाली
(4) विदेश में निर्मित, भारतीय ध्वजांकित और भारतीय आईएफएससीए स्वामित्व वाली
(5) भारत में निर्मित, विदेशी ध्वजांकित और विदेशी स्वामित्व वाली
यह जानकारी केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एआर/एसएम/एनजे
(Release ID: 2037562)