शिक्षा मंत्रालय
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने अटल इनोवेशन मिशन और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के बीच आशय पत्र पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की
नवाचार आधारित ज्ञान अर्थव्यवस्था भारत को विकसित भारत 2047 की ओर ले जाएगी : श्री धर्मेंद्र प्रधान
Posted On:
22 JUL 2024 7:52PM by PIB Delhi
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में अटल नवाचार मिशन (एआईएम) और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के बीच आशय पत्र पर हस्ताक्षर करने को लेकर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
इस कार्यक्रम में डब्ल्यूआईपीओ अकादमी के कार्यकारी निदेशक श्री शेरिफ सदाल्लाह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी, नीति आयोग के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत, डब्ल्यूआईपीओ अकादमी की प्रमुख सुश्री अल्ताये टेडला और एआईएम के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि नवाचार आधारित ज्ञान अर्थव्यवस्था भारत को विकसित भारत 2047 की ओर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहल सभी विशेषकर वैश्विक दक्षिण के लाभ के लिए नवाचार, उद्यमिता और बौद्धिक संपदा कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने यह कहा कि नवाचार भारत की ताकत है और एआईएम और डब्ल्यूआईपीओ के बीच यह पथ प्रदर्शक साझेदारी भारत के सर्वोत्तम नवाचार मॉडल को उन देशों तक ले जाएगी जो समान विकास पथ पर हैं। स्कूल स्तर से ही आईपीआर के बारे में समझ और जागरूकता बढ़ाने के लिए काम करेंगे। दुनिया की नवाचार क्षमता में काम करेंगे और आगे समावेशी व टिकाऊ आर्थिक विकास करेंगे।
श्री प्रधान ने देश के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में रिकॉर्ड वृद्धि देखने के दृष्टिकोण के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में लगातार प्रगति दर्ज की है, जो रचनात्मकता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत-डब्ल्यूआईपीओ संयुक्त कार्यक्रम का दायरा/उद्देश्य
- प्रमुख एआईएम कार्यक्रमों (एटीएल, एआईसी मॉडल) को वैश्विक दक्षिण के देशों और परिवर्तनकारी देशों तक ले जाना, जिस देश को जैसी आवश्यकता होगी उसी हिसाब से विशिष्ट कार्यक्रमों के आधार पर संरचना शामिल होगी।
- भारत के विभिन्न हितधारकों, विशेषकर छात्रों, शिक्षकों, अन्वेषकों और उद्यमियों के बीच बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) की समझ को बढ़ाना।
- भारत के छात्रों, शिक्षकों, अन्वेषकों ˘(इनोवेटर्स) और उद्यमियों की शैक्षिक और प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर विचार करते हुए विकास और आर्थिक विकास के लिए आईपीआर के महत्व की समझ को बढ़ाना।
- नवाचार, रचनात्मकता और बौद्धिक संपदा (आईपी) के प्रशिक्षकों का पूरा एक नेटवर्क स्थापित करना
- लक्षित लाभार्थियों और शिक्षार्थियों को नवाचार और रचनात्मकता के सिद्धांतों से परिचित कराना।
डब्ल्यूआईपीओ और एआईएम-नीति आयोग दोनों भारत के इनोवेशन मॉडल (एटीएल और एआईसी) को अन्य देशों में ले जाने के लिए संयुक्त रूप से संरचना कार्यक्रमों पर काम करने का इरादा रखते हैं। दोनों संगठन पारिस्थितिकी तंत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए और लक्षित लाभार्थियों की प्रारंभिक आवश्यकताओं का आकलन करते हुए विभिन्न आईपी प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के डिजाइन और कार्यान्वयन में भी निकटता से सहयोग करेंगे।
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एमजी/एआर/आरकेजे
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