सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार सृजन

Posted On: 25 JUL 2024 5:02PM by PIB Delhi

सरकार ने उद्यम पंजीकरण पोर्टल का शुभारम्भ 01.07.2020 को किया था। 22.07.2024 तक, उद्यम पंजीकरण पोर्टल और उद्यम सहायता प्लेटफ़ॉर्म पर एमएसएमई द्वारा रिपोर्ट किए गए कुल रोजगार 20.51 करोड़ हैं। वर्षवार विवरण इस प्रकार हैं:

 

अवधि / वित्तीय वर्ष

उद्यम पंजीकरण पोर्टल

उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म

कुल

2020-21
(01/07/2020 - 31/03/2021)

2,72,97,074

-

2,72,97,074

2021-22

3,49,53,245

-

3,49,53,245

2022-23

4,47,02,696

13,32,489

4,60,35,185

2023-24

5,59,09,619

1,85,46,114

7,44,55,733

2024-25
(22/07/2024 तक)

1,86,90,757

37,44,638

2,24,35,395

कुल

18,15,53,391

2,36,23,241

20,51,76,632

 

सरकार एमएसएमई क्षेत्र सहित देश में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई), ग्रामीण स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई), दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) आदि विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू कर रही है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) एमएसएमई क्षेत्र के संवर्धन और विकास के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करता है, जिससे एमएसएमई क्षेत्र में अधिक रोजगार सृजित होते हैं। इन योजनाओं और कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), एमएसएमई चैंपियंस योजना, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई), सूक्ष्म और लघु उद्यम - क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी), एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाना और तेज करना (आरएएमपी) शामिल हैं।

सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को मदद करने के लिए कई पहल की हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  1. क्रेडिट गारंटी योजना के तहत सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के माध्यम से ऋण की विभिन्न श्रेणियों के लिए 85% तक की गारंटी कवरेज के साथ एमएसई को 500 लाख यानी पांच करोड़ रुपये की सीमा तक (01.04.23 से प्रभावी) जमानत मुक्त ऋण।
  • ii. स्वयं निर्भर भारत कोष के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी का निवेश। इस योजना में भारत सरकार की ओर से 10,000 करोड़ रुपये के कोष का प्रावधान है।
  1. उच्च सीमा के साथ एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए नए संशोधित मानदंड।
  • iv. व्यापार करने में आसानी के लिए 'उद्यम पंजीकरण पोर्टल' के माध्यम से एमएसएमई का पंजीकरण।
  1. एमएसएमई की स्थिति में ऊपर की ओर बदलाव के मामले में गैर-कर लाभ 3 साल के लिए बढ़ाए गए।
  • vi. 5 वर्षों में 6,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाने और तेजी लाने वाले (आरएएमपी) कार्यक्रम की शुरुआत।
  1. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के स्किल इंडिया डिजिटल के साथ उद्यम पंजीकरण पोर्टल का एकीकरण। पंजीकृत एमएसएमई को प्रशिक्षित श्रमशक्ति और क्षमता निर्माण तक पहुंचने में सक्षम बनाया गया है।
  2. विवाद से विश्वास-I के तहत, एमएसएमई को कटौती की गई प्रदर्शन सुरक्षा, बोली सुरक्षा और परिसमाप्त क्षति के 95% की वापसी के माध्यम से राहत प्रदान की गई। अनुबंधों के निष्पादन में चूक के लिए प्रतिबंधित एमएसएमई को भी राहत प्रदान की गई।
  • ix. अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए औपचारिक दायरे में लाने के लिए उद्यम सहायता मंच (यूएपी) का शुभारंभ।
  1. 18 पारंपरिक व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को अंतिम से अंतिम समग्र लाभ प्रदान करने के लिए 17.09.2023 को ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का शुभारंभ।

समान पारिश्रमिक अधिनियम- 1976 एमएसएमई क्षेत्र पर भी लागू होता है जिसमें पुरुष और महिला श्रमिकों को समान पारिश्रमिक के भुगतान का प्रावधान किया गया है।

यह जानकारी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/एआर/एके/डीए

 



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