कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

मिशन कर्मयोगी- सरकारी कर्मचारियों को निरंतर शिक्षण और कौशल उन्नयन प्रदान करने के उद्देश्य से सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम


“पिछले दो वर्षों के दौरान कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा किसी भी सिविल सेवक को विदेश में सार्वजनिक नीति और सार्वजनिक प्रबंधन का अध्ययन या प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रायोजित नहीं किया गया है”: डॉ. सिंह

Posted On: 24 JUL 2024 6:17PM by PIB Delhi

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “भारत की विकास पर आधारित आकांक्षाओं और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूरा करने में सिविल सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देते हुए, सरकार ने सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) - मिशन कर्मयोगी शुरू किया था।

 

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन कर्मयोगी के तहत केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण योजनाएं बना रहे हैं और उन्हें लागू कर रहे हैं। सरकार ने आज लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए एक एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच, iGOT भी लॉन्च किया है।

डॉ. सिंह ने बताया कि मिशन कर्मयोगी लाखों सरकारी कर्मचारियों को अपने कौशल को उन्नत करने और लोगों पर केंद्रित दृष्टिकोण को सुविधाजनक बनाने के लिए निरंतर शिक्षण के अवसर प्रदान करेगा। सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों को अन्य संस्थानों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, विशेष रूप से अग्रणी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि प्रशिक्षण में सेवा के दौरान अनुभव आधारित शिक्षण सामग्री, संकाय, अनुसंधान, प्राथमिकता पूर्वक पारस्परिक आधार पर लाया जा सके।

इसके अलावा, शैक्षणिक संस्थान विशेष रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) सिविल सेवकों के लिए लोक नीति और प्रबंधन पर लंबी और छोटी अवधि के पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं। आईआईएम अपने लोक नीति कार्यक्रमों में सर्वोत्तम वैश्विक सिद्धांत और कार्य प्रणालियों को लाने के लिए संकाय विकास सहित वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोगी कार्यक्रम भी आयोजित कर रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों के दौरान किसी भी सिविल सेवक को विदेश में लोक नीति और लोक प्रबंधन का अध्ययन करने या प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा प्रायोजित नहीं किया गया है।

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