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सोशलिस्ट रिपब्लिक ऑफ श्रीलंका के सिविल सेवकों के लिए चौथा क्षमता निर्माण कार्यक्रम आज राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), मसूरी में शुरू हुआ

इस कार्यक्रम में सहायक सचिव, मंडल सचिव, सहायक जिला सचिव, उपनिदेशक समेत अन्य पदों पर कार्यरत 40 सिविल सेवक भाग ले रहे हैं

दो सप्ताह के कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को भारत के सुशासन और उन्नत प्रौद्योगिकी मॉडल के बारे में प्रशिक्षित करना है जिन्हें बेहतर प्रशासन के लिए लागू किया जा सकता है

Posted On: 22 JUL 2024 5:28PM by PIB Bhopal

नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) ने आज एनसीजीजी, मसूरी में सोशलिस्ट रिपब्लिक ऑफ श्रीलंका के वरिष्ठ सिविल सेवकों के लिए चौथा क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम 22 जुलाई से 2 अगस्त 2024 तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें 40 विशिष्ट प्रतिभागी शामिल होंगे।

एनसीजीजी के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में, श्री वी. श्रीनिवास ने भारत के 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने आधुनिक बुनियादी ढांचे और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका और "अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार" की नीति पर प्रकाश डाला। सामाजिक न्याय, पारदर्शिता और जवाबदेही पर केंद्रित नीतियों के माध्यम से सुशासन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना, जिसका लक्ष्य सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना है।

इस कार्यक्रम के दौरान, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एपी सिंह ने एनसीजीजी के कामकाज और कार्यक्रम के फोकस का अवलोकन प्रदान किया। इस कार्यक्रम में शासन के बदलते प्रतिमान, भारतीय सेवाओं का अवलोकन, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता पर इसका प्रभाव: नीतियां और वैश्विक प्रथाएं, सेवा का अधिकार: जीवन में आसानी, ई-ऑफिस, योजना और पर्यावरण के अनुकूल निर्माण जैसे विषयों पर व्याख्यान शामिल हैं। साथ ही स्मार्ट सिटी, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, डिजिटल इंडिया, भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन (स्वामित्व योजना और डीआईएलआरएमपी), भारत की विकास गाथा, आपदा प्रबंधन, और 2030 तक एसडीजी हासिल करने के दृष्टिकोण आदि पर भी चर्चा होगी। प्रतिभागी प्रमुख संस्थानों और स्थलों का भी दौरा करेंगे, जिनमें इंदिरा गांधी वन राष्ट्रीय अकादमी, वन अनुसंधान संस्थान, पंचकूला का जिला अटैचमेंट, चंडीगढ़ में साइबर अपराध केंद्र, राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, प्रधानमंत्री संग्रहालय और ताज महल शामिल हैं।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को भारत के सुशासन और उन्नत प्रौद्योगिकी मॉडल के बारे में शिक्षित करना है, जिससे श्रीलंका में बेहतर शासन प्रथाओं के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाया जा सके। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने एमईए के साथ साझेदारी में 17 देशों जैसे बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, नेपाल, भूटान, म्यांमार, इथियोपिया, इरिट्रिया और कंबोडिया के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया है।

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