सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

महिला-नेतृत्व वाले एमएसएमई

Posted On: 22 JUL 2024 4:34PM by PIB Delhi

पिछले तीन वर्षों में उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकृत महिला-नेतृत्व वाले एमएसएमई का राज्यवार विवरण अनुलग्नक 'ए' में दिया गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (वित्तीय समावेशन एवं विकास विभाग, केंद्रीय कार्यालय) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वित्तीय समावेशन एवं विकास विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, 31 मार्च, 2023 तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के बकाया एमएसएमई ऋण में महिला स्वामित्व वाली एमएसएमई की हिस्सेदारी 7.09% थी।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वित्तीय संसाधनों तक आसान पहुंच के लिए सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना के तहत महिला उद्यमियों को निम्नलिखित अतिरिक्त लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।

  1. सामान्य गारंटी कवर 75% है, जबकि महिलाओं के लिए कवरेज बढ़ाकर 85% कर दिया गया है।
  2. महिला उद्यमियों को वार्षिक गारंटी शुल्क में 10% की छूट दी जाती है।

सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना के अंतर्गत महिला उद्यमियों के लिए स्वीकृत गारंटियों का विवरण नीचे दिया गया है:

सीजीटीएमएसई – महिला उद्यमी

गारंटी स्वीकृत

अवधि

संख्या

राशि करोड़ में

संख्या%

राशि %

वित्त वर्ष 2021-22

1,39,244

8,021

19%

14%

वित्त वर्ष 2022-23

3,65,582

16,373

31%

16%

वित्त वर्ष 2023-24

4,25,865

32,223

25%

16%

31/03/2024 तक संचयी

19,30,188

94,296

22%

15%

 

इसके अलावा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत, गैर-कृषि क्षेत्र में नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण से जुड़ी सब्सिडी प्रदान की जाती है। विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख रुपये तक और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए परियोजना लागत का 15% से 35% तक मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की जाती है। विशेष श्रेणियों से संबंधित लाभार्थियों के लिए, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में मार्जिन मनी सब्सिडी 35% और शहरी क्षेत्रों में 25% है।

एमएसएमई (महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई सहित) को बढ़ावा देने के लिए हाल मे की गई पहल नीचे दी गई हैं:

  1. एमएसएमई क्षेत्र के दायरे को व्यापक बनाने के लिए निवेश और कारोबार के आधार पर एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए नए संशोधित मानदंड।
  2. 200 करोड़ रुपये तक की खरीद के लिए कोई वैश्विक निविदा नहीं।
  3. कारोबार में आसानी के लिए एमएसएमई के लिए “उद्यम पंजीकरण”।
  4. एमएसएमई मंत्रालय ने अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को औपचारिक दायरे में लाने के लिए उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म नामक पोर्टल शुरू किया है, जिससे पंजीकृत आईएमई को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण का लाभ उठाने में मदद मिली है।
  5. 02.07.2021 से खुदरा और थोक व्यापारियों को एमएसएमई के रूप में शामिल करना।
  6. एमएसएमई की स्थिति में ऊपर की ओर परिवर्तन होने पर गैर-कर लाभ 3 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया।
  7. पीएम विश्वकर्मा योजना: पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने, उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करने, उन्नत कौशल प्रशिक्षण तक पहुंच, ब्रांड प्रचार और स्थानीय और वैश्विक बाजारों के साथ जोड़ने के लिए 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वित्तीय सहायता (महिलाओं का नामांकन 75.43%)
  8. एमएसएमई मंत्रालय ने वस्तुओं और सेवाओं के खरीदारों से एमएसई को बकाया राशि की निगरानी और शिकायत दर्ज करने के लिए समाधान पोर्टल शुरू किया है।
  9. शिकायतों के निवारण और एमएसएमई को सहायता प्रदान करने सहित ई-गवर्नेंस के कई पहलुओं को कवर करने के लिए जून, 2020 में एक ऑनलाइन पोर्टल "चैंपियंस" का शुभारंभ किया गया।

 

यह जानकारी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

अनुलग्नक-ए

 

पिछले तीन वर्षों में उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकृत महिला-नेतृत्व वाले एमएसएमई का राज्यवार विवरण।

क्रम सं.

राज्य का नाम

2021-22

2022-23

2023-24

कुल

1

अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह

733

984

936

2,653

2

आंध्र प्रदेश

34,625

70,811

1,22,863

2,28,299

3

अरुणाचल प्रदेश

692

1,457

1,687

3,836

4

असम

20,452

37,560

62,386

1,20,398

5

बिहार

38,440

53,357

69,031

1,60,828

6

चंडीगढ़

1,525

1,927

2,880

6,332

7

छत्तीसगढ

9,627

18,120

28,507

56,254

8

दिल्ली

21,888

31,646

38,787

92,321

9

गोवा

1,868

3,748

5,538

11,154

10

गुजरात

54,381

78,250

1,04,050

2,36,681

11

हरियाणा

24,575

41,925

61,745

1,28,245

12

हिमाचल प्रदेश

4,584

8,767

13,619

26,970

१३

जम्मू और कश्मीर

13,352

24,374

44,708

82,434

14

झारखंड

14,076

33,825

39,492

87,393

15

कर्नाटक

57,471

96,100

1,34,394

2,87,965

16

केरल

25,182

50,144

66,256

1,41,582

17

लद्दाख

354

511

970

1,835

18

लक्षद्वीप

20

58

36

114

19

मध्य प्रदेश

30,240

53,002

79,072

1,62,314

20

महाराष्ट्र

1,90,937

2,64,401

3,20,718

7,76,056

21

मणिपुर

5,173

9,864

9,266

24,303

22

मेघालय

643

2,305

3,943

6,891

23

मिजोरम

1,511

4,173

5,323

11,007

24

नगालैंड

1,109

3,041

4,253

8,403

25

ओडिशा

20,726

38,202

1,14,903

1,73,831

26

पुदुचेरी

2,285

3,452

4,176

9,913

27

पंजाब

28,678

58,074

97,560

1,84,312

28

राजस्थान

46,129

69,027

96,914

2,12,070

29

सिक्किम

600

1,033

1,641

3,274

30

तमिलनाडु

1,27,149

2,01,358

2,92,769

6,21,276

३१

तेलंगाना

35,337

55,820

1,41,463

2,32,620

32

दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव

691

926

1,212

2,829

33

त्रिपुरा

799

4,073

11,005

15,877

34

उत्तर  प्रदेश

58,555

1,00,918

1,90,571

3,50,044

35

उत्तराखंड

8,528

14,065

20,170

42,763

36

पश्चिम बंगाल

25,553

47,214

1,05,733

1,78,500

कुल:-

9,08,488

14,84,512

22,98,577

46,91,577

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