सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

जलवायु परिवर्तन जागरूकता और एमएसएमई के लिए वित्तपोषण

Posted On: 22 JUL 2024 4:43PM by PIB Delhi

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने 20 दिसंबर, 2023 को आरएएमपी कार्यक्रम के अंतर्गत दो उप-योजनाएं शुरू की हैं, जिनके नाम हैं (i) एमएसई हरित निवेश और परिवर्तन के लिए वित्तपोषण योजना (एमएसई गिफ्ट योजना) और (ii) सर्कुलर अर्थव्यवस्था में संवर्धन और निवेश के लिए एमएसई योजना (एमएसई स्पाइस योजना)।

एमएसई ग्रीन इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंसिंग फॉर ट्रांसफॉर्मेशन स्कीम (एमएसई गिफ्ट स्कीम) का उद्देश्य एमएसएमई को ब्याज अनुदान और ऋण गारंटी सहायता के साथ हरित प्रौद्योगिकी अपनाने में मदद करना है। इस योजना में 3 वर्षों (2023-24 से 2025-26) के लिए कुल 478 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है, जिसमें 350 करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान परिव्यय, 125 करोड़ रुपये का जोखिम साझाकरण कोष और 3 करोड़ रुपये का सूचना शिक्षा और संचार (आईईसी) घटक शामिल है। इस योजना का समग्र उद्देश्य एमएसई को स्वच्छ/हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए रियायती दर पर संस्थागत वित्त तक पहुंचने में सहायता प्रदान करना और उन्हें हरित और टिकाऊ व्यवसाय संचालन में बदलने में मदद करना है।

सर्कुलर इकोनॉमी में संवर्द्धन और निवेश के लिए एमएसई योजना (एमएसई स्पाइस योजना) भारत सरकार की पहली योजना है जो सर्कुलर इकोनॉमी परियोजनाओं का समर्थन करती है। इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य संसाधन दक्षता को बढ़ावा देना, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना और भारत में एमएसई की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है। इस योजना में 2023-24 से 2026-27 की अवधि के लिए कुल 472.50 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है, जिसमें 450 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी, 15 करोड़ रुपये की जागरूकता सृजन और मांग सृजन और 7.50 करोड़ रुपये का सूचना शिक्षा और संचार (आईईसी) घटक शामिल है।

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) को दोनों उप-योजनाओं अर्थात (i) एमएसई-गिफ्ट और (ii) एमएसई-स्पाइस के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।

यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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