विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के कार्यकारी उपाध्यक्ष एडवर्ड नाइट के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, महत्वपूर्ण धातुओं एवं सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अनुकूल माहौल बना है

नासा की भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने में रुचिः डॉ. सिंह

सरकार में 90 प्रतिशत कार्य अब ऑनलाइन हो रहा है- डॉ. जितेन्द्र सिंह

Posted On: 10 JUL 2024 5:48PM by PIB Bhopal

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के कार्यकारी उपाध्यक्ष एडवर्ड नाइट के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां नार्थ ब्लाक में केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी), अमेरिका और भारत में काम करने वाली शीर्ष वैश्विक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है, यह दोनों देशों में कारोबार जगत और सरकारों के बीच संपर्क स्थापित करती है। इसमें लगभग 200 कंपनियां सदस्य हैं जिनमें 70 प्रतिशत अमेरिकी हैं जबकि शेष 30 प्रतिशत भारत से हैं। यूएसआईबीसी के कार्यालय भारत में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु में हैं जबकि इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में है। यूएसआईबीसी यू.एस. चैंबर आफ कॉमर्स का भी हिस्सा है।


 

केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, महत्वपूर्ण धातुओं और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अनुकूल परिवेश बना है।’’ मंत्री महोदय ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री की हाल की अमेरिका यात्रा को याद करते हुए भारत में ग्रीनफील्ड नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी भंडारण और उभरती हरित प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को लेकर जारी संयुक्त वक्तव्य का भी उल्लेख किया।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में सरकार के दृष्टिकोण पर जोर दिया और इसके यूएसआईबीसी द्वारा विकसित एआई टास्क फोर्स के साथ एकीकरण को लेकर उम्मीद जताई। उन्होंने यह भी कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वृहद भाषा मॉडल पर काम किया जा रहा है जो कि टास्क फोर्स के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के मामले में भारत अब अग्रणी राष्ट्रो में शामिल है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को अनुसंधान एनआरएफ के बारे में भी बताया जो कि अमेरिका के नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की तर्ज पर बना है।


 

बातचीत के दौरान पृथ्वी विज्ञान मंत्री ने बताया कि आने वाले वर्षों में दुनिया दो महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखेगी जिसमें एक भारतीय गहरे समुद्र में पहुंचा होगा और दूसरा भारतीय अंतरिक्ष में पहुंचेगा। उन्होंने यह जानकारी भी साझा की कि भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शिक्षाविद्-उद्योग और स्टार्टअप एकीकरण तथा इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी प्रौद्योगिकी में अवसरों के साथ सशक्त हुआ है।

पिछले दशक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुये उन्होंने याद किया कि बायोटेक उद्योग 4,000 से अधिक कंपनियों के साथ 140 अरब डालर तक पहुंच गया है। नासा और इसरो के संयुक्त मिशन- एनआईएसएआर भी अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत का प्रमाण है। उन्होंने नई अंतरिक्ष नीति और हाल के महीनों में इससे मिले लाभ के बारे में भी बताया।

केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पिछले 10 साल के दौरान सिविल सेवाओं में सुधारों का उल्लेख करते हुये कहा ‘‘सरकार का 90 प्रतिशत कामकाज अब ऑनलाइन हो रहा है।’’ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अधिक से अधिक नागरिक केन्द्रित प्रशासन के साथ ही सरकार का आकार भी छोटा होना चाहिये। उन्होंने कहा कि आदान-प्रदान कार्यक्रमों और क्षमता निर्माण के माध्यम से भारत और अमेरिका सिविल सेवाओं में सुधारों पर काम कर सकते हैं।


 

डॉ. जितेन्द्र सिंह की उपस्थिति में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. अभय करंदीकर ने कहा कि उद्योग और अकादमिक दोनों के साथ भारत क्वांटम समन्वय समिति का हिस्सा है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने टीकों के विकास और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत- अमेरिका सहयोग का उल्लेख किया।

डॉ. जितेन्द्र सिंह की उपस्थिति में सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसल्वी ने बताया कि सीएसआईआर के पास धातु, धातु विज्ञान और खानों के क्षेत्र में काम करने वाली तीन समर्पित प्रयोगशालायें हैं और क्षेत्र में दोनों देशों के पास सहयोग के पर्याप्त अवसर हैं। उन्होंने इस पर भी प्रकाश डाला कि अमेरिका ने हमारी स्टील स्लैग रोड प्रौद्योगिकी में रुचि दिखाई है।

नास्डाक के कार्यकारी उपाध्यक्ष और यूएसआईबीसी ग्लोबल बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के अध्यक्ष एडवर्ड नाइट ने हाल में संपन्न आम चुनावों में जीत हासिल करने और तीसरी बार मंत्री पद संभालने पर डॉ. जितेन्द्र सिंह को बधाई दी। उन्होंने जैम ट्रिनिटी और डीबीटी के भारत के माडल की भी सराहना की और डॉ. जितेन्द्र सिंह को 49वीं इंडिया आइडियाज समिट 2024 के लिये आमंत्रित किया।

यूएसआईबीसी के अध्यक्ष, राजदूत अतुल केशप, यूएसआईबीसी के प्रबंध निदेशक अलेक्जेंडर स्लेटर, यूएसआईबीसी के वरिष्ठ निदेशक आदित्य कौशिक, यूएसआईबीसी के निदेशक डॉ. समीर गुदूरू भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।

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