शिक्षा मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

श्री संजय कुमार ने आईटीईपी, एनएमएम और एनपीएसटी पर राष्ट्रीय संवेदीकरण कार्यशाला का उद्घाटन किया

Posted On: 01 JUL 2024 7:42PM by PIB Delhi

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग में सचिव श्री संजय कुमार ने 28 जून 2024 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के पैराग्राफ 15.5, 15.11 और 5.20 पर विशेष जोर देते हुए एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी), राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन (एनएमएम) और शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों (एनपीएसटी) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संवेदीकरण कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के सहयोग से किया था। इसका आयोजन गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में किया गया। इसमें शैक्षिक प्रशासक, शिक्षक, शिक्षक प्रशिक्षक, संस्थानों के प्रमुख, राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश सरकारों के प्रतिनिधि और विभिन्न शीर्ष निकायों के नीति निर्माताओं सहित 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिनिधियों को आईटीईपी, एनएमएम और एनपीएसटी की संरचना और कार्यान्वयन के प्रति संवेदनशील बनाना था।

20240628094507_DSC08022.JPG

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, श्री संजय कुमार ने आईटीईपी की प्रासंगिकता और राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की भूमिका पर जोर दिया। एनसीटीई के अध्यक्ष प्रो. पंकज अरोड़ा ने प्रतिभागियों का कार्यक्रम में स्वागत करते हुए उन्हें संबोधित किया। एनसीटीई की सदस्य सचिव सुश्री केसांग वाई. शेरपा ने सभा को आईटीईपी की यात्रा और व्यापक दृष्टिकोण और एनईपी 2020 के साथ इसे जोड़ने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एनआईईपीए की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविंदर कुमार सिन्हा ने भी आईटीईपी के कार्यान्वयन पर विस्तार से चर्चा की। प्रो. वंदना सक्सेना और प्रो. के. रामचंद्रन द्वारा ‘शिक्षकों की विकसित भूमिकाएं’ और ‘एनईपी 2020 के आलोक में बहु-विषयक संस्थानों में आईटीईपी’ विषयों का पता लगाने के लिए तकनीकी सत्र आयोजित किए ।

20240628100946_IMG_7829.JPG

WhatsApp Image 2024-06-28 at 10.49.11 AM.jpeg

कार्यक्रम के दूसरे दिन का उद्घाटन प्रो. शशिकला वंजारी ने किया। उन्होंने बताया कि एनएमएम और एनपीएसटी किस तरह सेवारत शिक्षकों के क्षमता निर्माण और पेशेवर विकास के लिए समय की सबसे बड़ी जरूरत है। सुश्री केसांग वाई. शेरपा ने एनएमएम पर विस्तृत प्रस्तुति के साथ उपस्थित लोगों को संबोधित किया। एनसीटीई की दक्षिणी क्षेत्रीय समिति की अध्यक्ष डॉ. मीना राजीव चंदावरकर और एनसीटीई की पूर्वी क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष डॉ. दिव्यज्योति महंत ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया और शिक्षण के पारंपरिक दृष्टिकोण और शिक्षकों को 21वीं सदी के कौशल के साथ समर्थ बनाने के संदर्भ में जानकारी दी।

 

WhatsApp Image 2024-06-28 at 2.10.20 PM.jpeg

प्रतिभागी एनएमएम और एनपीएसटी से परिचित होने के लिए एनसीईआरटी के शिक्षक शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शरद सिन्हा, संस्कृत प्रमोशन फाउंडेशन के निदेशक प्रोफेसर सी.के. सलूजा, एनपीएसटी के संयोजक श्री डी.के. चतुर्वेदी और एनएमएम के संयोजक श्री अभिमन्यु यादव द्वारा आयोजित तकनीकी सत्रों में तल्‍लीन दिखाई दिए। प्रतिभागियों ने दोनों दिन आईटीईपी, एनएमएम और एनपीएसटी तथा उनके कार्यान्वयन से संबंधित विचारों और प्रश्नों का आदान-प्रदान करने के लिए इंटरैक्टिव सत्रों में बहुत प्रभावी ढंग से भाग लिया।

******

एमजी/एआर/केपी/डीवी


(Release ID: 2030113) Visitor Counter : 460


Read this release in: English , Urdu , Hindi_MP , Tamil