कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav g20-india-2023

विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने भारत के कृषि क्षेत्र को उभरते कौशल के साथ मजबूती देने के लिए कौशल ऑस्ट्रेलिया सरकार के साथ की साझेदारी

Posted On: 19 JUN 2024 7:00PM by PIB Bhopal

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के सहयोग से ऑस्ट्रेलिया-इंडिया क्रिटिकल एग्रीकल्चर स्किल्स पायलट प्रोजेक्ट से मिली सीख पर चर्चा करने के लिए एक व्यापक एवं उत्पादक राउंड टेबल बातचीत का आयोजन किया। बैठक का आयोजन कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी और ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग में मिनिस्‍टर काउंसलर (शिक्षा एवं अनुसंधान) मैथ्यू जॉनस्टन के नेतृत्व में किया गया। बैठक में इस पहल को आगे बढ़ाने, बड़े पैमाने पर लाने और इस मॉडल को अन्य क्षेत्रों में दोहराने के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), शिक्षा मंत्रालय (एमओई) और भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

पिछले साल मार्च में परिकल्पित यह परियोजना विशेषज्ञों, सरकारी संगठनों, अनुसंधान संगठनों, बहुपक्षीय संगठनों, गैर-लाभकारी संगठनों और उद्योग संघों के साथ व्‍यापक विचार-विमर्श के बाद सफलतापूर्वक शुरू की गई थी। स्कोपिंग अध्ययन में आमने-सामने के विचार-विमर्श, 64 संगठनों के 89 विशेषज्ञों के साथ वर्चुअल परामर्श और विभिन्न सरकारी रिपोर्टों की समीक्षा शामिल थी। इससे प्राप्‍त निष्कर्षों को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ साझा किया गया। बाद में पायलट परियोजनाओं के लिए कृषि क्षेत्र में उभरते 5 महत्वपूर्ण रोजगार की पहचान करने के लिए 107 उभरते रोजगार को मैप किया गया।

अगला कदम योग्यता मानकों को निर्धारित करना था। यह काम भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) और स्किल्स इम्पैक्ट (ऑस्ट्रेलिया में सेक्टर स्किल काउंसिल के समकक्ष उद्योग संस्‍था) ने मिलकर किया। इसे राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) से भी मंजूरी दिलानी थी।

 

लगभग पूरी हो चुकी छह परियोजनाएं चार राज्‍यों- आंध्र प्रदेश, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना में शुरू की गई हैं। इस क्षेत्र में उभरते नए रोजगार में डिजिटल एग्रीकल्‍चर एक्‍सटेंशन प्रमोटर, कार्बन फार्मिंग प्रैक्टिशनर, लाइवस्‍टॉक ग्रीन मैनेजमेंट प्रमोटर, ऑर्गेनिक फार्म एंड बिजनेस प्रमोटर और इंटीग्रेटेड फार्मिंग प्रैक्टिशनर शामिल हैं। ये रोजगार सतत विकास लक्ष्यों और मुख्य रूप से जलवायु संबंधी कार्रवाइयों, असमानताओं में कमी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे के अनुरूप हैं।

श्री अतुल कुमार तिवारी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग ने अच्छे परिणाम दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यह क्षेत्र खाद्य सुरक्षा और रोजगार सुनिश्चित करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया-इंडिया क्रिटिकल एग्रीकल्चर स्किल्स प्रोजेक्ट जैसे निरंतर प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि यह क्षेत्र आधुनिकीकरण और सस्‍टेनेबिलिटी की चुनौतियों का सामना करने में समर्थ है। श्री तिवारी ने उम्मीद जताई कि यही रफ्तार आगे भी जारी रहेगी और कई अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की पहल की जाएगी।

संबंधित नौकरी भूमिकाओं के लिए इस पाठ्यक्रम की सामग्री को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), महिंद्रा एंड महिंद्रा, ऑस्ट्रेलियन कॉलेज ऑफ एग्रीकल्‍चर एंड हॉर्टिकल्‍चर (एसीएएच), सेंटर ऑफ सस्‍टेनेबल एग्रीकल्‍चर (सीएसए), आयरनवुड इंस्टीट्यूट, भारतीय राष्ट्रीय कौशल फाउंडेशन (एनएसएफआई), अवंतिया इंस्टीट्यूट, आगा खान ग्रामीण सहायता कार्यक्रम और कार्बन फ्रेंडली के सहयोग से विकसित किया गया है।

ऑस्ट्रेलिया भारत का एक प्रमुख साझेदार रहा है। दोनों देश क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के मोर्चे पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं। दोनों देशों में बदलती जरूरतों और जनसांख्यिकी बदलाव को ध्‍यान में रखते हुए नए जमाने के पाठ्यक्रमों पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ प्रमुख क्षेत्रों में करीबी कौशल सहयोग के लिए अवसरों की पहचान की जा रही है। एनईपी 2020 के बाद भारत शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने के लिए नई पहल कर रहा है जिसमें संयुक्त/ दोहरी/ जुड़वां डिग्री के लिए नियम बनाने और भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों की स्थापना के लिए एक मसौदा विनियमन शामिल है।

****

 

एमजी/एएम/एसकेसी

 



(Release ID: 2026998) Visitor Counter : 49


Read this release in: English , Urdu , Hindi