उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

उपभोक्ता मामले विभाग ने जागरूकता बढ़ाने के लिए "डार्क पैटर्न और दिशा-निर्देशों को लागू करने की रणनीति" विषय पर आयोजित संवादात्मक सत्र में हिस्सा लिया


भ्रामक डिजाइन का उपयोग करने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 के “अनुचित व्यापार व्यवहार” के अधीन आते हैं: सचिव, उपभोक्ता मामले विभाग

Posted On: 18 JUN 2024 6:45PM by PIB Bhopal

उपभोक्ता मामले विभाग ने आज नई दिल्ली में "दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए डार्क पैटर्न और रणनीतियां" विषय पर आयोजित एक संवादात्मक सत्र में हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य डार्क पैटर्न से संबंधित मुद्दों, ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर भ्रामक डिजाइनों के उपयोग के निरंतर अभ्यास और डार्क पैटर्न पर दिशानिर्देशों को लागू करने के प्रभावी तरीकों पर विस्तार से चर्चा करना था।

भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों को डार्क पैटर्न का उपयोग करने के खिलाफ सचेत किया। उनका कहना था कि यह “अनुचित व्यापार व्यवहार” की प्रकृति का कार्य है और उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करता है। ऐसे भ्रामक डिजाइनों का उपयोग करने से बचने या उपयोगकर्ता इंटरफेस जैसे कि- उपभोक्ता प्रतिक्रिया पर विश्वास करना, उपभोक्ता संतुष्टि, पुनरावृत्ति उपयोगकर्ता दर, इन-बिल्ट एप/फीचर्स का उपयोग करने में सुधार करने के विभिन्न तरीके सुझाए गए, जिससे उन पैटर्न की पहचान की जा सके, जो दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं हैं और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा ऐसे निर्दिष्ट डार्क पैटर्न का स्व-लेखा परीक्षण किया जा सके।

विभाग ने नवंबर, 2023 में डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश- 2023 को अधिसूचित किया था। इस दिशानिर्देश में 13 डार्क पैटर्न निर्दिष्ट किए गए हैं। इनमें फर्जी तात्कालिकता, बास्केट स्नीकिंग, कन्फर्म शेमिंग, बलपूर्वक कार्रवाई, सदस्यता जाल, इंटरफेस हस्तक्षेप, प्रलोभन युक्ति, ड्रिप मूल्य निर्धारण, प्रच्छन्न विज्ञापन और छिद्रान्वेषी, ट्रिक वर्डिंग, सास बिलिंग और हानिकारक मैलवेयर शामिल हैं।

आईआईटी, बीएचयू के सहयोग से एक अग्रणी पहल- डार्क पैटर्न बस्टर हैकाथॉन (डीपीबीएच-2023) का उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से 15 मार्च, 2024 को सफलतापूर्वक समापन किया गया था। डीओसीए की ओर से 26 अक्टूबर, 2023 को चार दौर का हैकथॉन शुरू किया गया, जो भ्रामक ऑनलाइन अभ्यासों से निपटने की दिशा में एक निरंतर प्रयास है। हैकथॉन का उद्देश्य अभिनव एप या सॉफ्टवेयर आधारित समाधानों जैसे कि- ब्राउजर एक्सटेंशन, प्लगइन्स, ऐड-ऑन, मोबाइल एप्लिकेशन आदि जो ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के लिए डार्क पैटर्न के उपयोग, प्रकार और पैमाने का पता लगा सकते हैं, को डिजाइन और प्रोटोटाइप करना था। डीपीबीएच-2023 में पूरे देश से उल्लेखनीय भागीदारी देखी गई। इस पहल में 150 से अधिक कॉलेज शामिल हुए।

ये सत्र हाइब्रिड मोड में आयोजित किए गए थे। इनमें आईआईटी, बीएचयू जैसे विभिन्न हितधारकों और ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, जोमैटो, इजमाईट्रिप, अर्बन कंपनी, उबर, क्रेड आदि के उद्योग प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। अपनी उल्लेखनीय उपलब्धि के तहत आज के संवादात्मक सत्र में आईआईटी, बीएचयू के छात्रों की एक टीम द्वारा एक प्रदर्शनात्मक वीडियो प्रदर्शित किया गया, जिसमें विकास चरण के अधीन उनके एक्सटेंशन टूल के यूज-केस को रेखांकित किया गया।

इस विस्तृत प्रस्तुति में यह दिखाया गया है कि यह उपकरण किस प्रकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न की पहचान करता है और लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम), जनरेटिव एआई व अन्य जटिल मॉडलों का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं को सचेत करता है।

सभी ने विभाग और आईआईटी, बीएचयू के प्रयासों की सराहना की। साथ ही उद्योग के हितधारकों ने अपने प्लेटफार्मों पर भ्रामक डिजाइनों को वास्तविक डिजाइनों से अलग करने के लिए सहायता और उनके डेटा सेट तक पहुंच प्रदान करके ऐसे पैटर्न की पहचान करने में सहयोग करने का संकल्प लिया।

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