उप राष्ट्रपति सचिवालय
भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) 2022-23 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को दिए गए उपराष्ट्रपति के संबोधन का मूल पाठ
Posted On:
18 JUN 2024 8:28PM by PIB Delhi
आप सभी को शुभ संध्या! आपको देखकर मैं उत्साहित हो जाता हूँ, ऊर्जा से भर जाता हूँ। मैं 50 वर्ष से भी ज़्यादा पीछे चला जाता हूँ, जब मैं आपकी उम्र के करीब था, और आपकी जैसी स्थिति में ही था।
भारत के उपराष्ट्रपति के सचिव श्री सुनील कुमार गुप्ता जी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री संजय जाजू जैसे अधिकारियों के साथ यह भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय है। भारत संपूर्ण विश्व मानवता की 1/6 आबादी का घर है। आईआईएमसी, दिल्ली की निदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर। आप उन्हें हमेशा याद रखेंगे। वह बहुत सख्त भी रही होंगी। यह सख्ती आपको हमेशा दृढ़ बनाए रखेगी। सूचना प्रसारण मंत्रालय के प्रतिष्ठित सदस्य और मेरे कार्यालय से जुड़े लोग, उनमें से तीन आपकी सेवा से हैं।
जब कोई युवा ऊर्जा से परिपूर्ण अधिकारियों से मुलाकात करता है और वह भी भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों से, तो यह हमेशा प्रसन्नता की बात होती है। मैं आपको पूरे विश्वास के साथ आश्वासन दे सकता हूं कि भारत का तेजी से विकास, इसकी विकास गति आपकी सेवा की विकास गति की तरह ही है। आपकी सेवा की प्रासंगिकता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और मुझे विश्वास है कि आप इसके बारे में पूरी तरह से जानते हैं। वास्तव में आपकी सेवा वर्तमान में काफी चर्चा का विषय है क्योंकि सूचना ही शक्ति है, लेकिन यह सूचना बेहद खतरनाक शक्ति भी है इसलिए इस सूचना शक्ति को नियंत्रित किया जाना चाहिए। अनियंत्रित सूचनाएं, फर्जी खबरें तबाही मचा सकती हैं, क्योंकि ये तेजी से फैलती हैं।
इसलिए सही मायने में, आप एक बहुत ही महत्वपूर्ण सेवा का हिस्सा हैं। 1960 में शायद ऐसी स्थिति नहीं रही होगी, जब मैं 1989 में संसद में चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री बना था। मेरे पास संसदीय कार्यों का विभाग था। मेरे कैबिनेट मंत्री श्री उपेंद्र सूचना और प्रसारण मंत्री थे और मुझे स्मरण है कि श्री एसडी माथुर उस विभाग के सचिव थे, उस विभाग ने मुझे विकास के बड़े क्षेत्रों से परिचित कराया और यह वह समय था जब सूचना प्रौद्योगिकी आज के रूप में नहीं थी, तब मीडिया बेहद सीमित था। हमारे पास निजी चैनल नहीं थे। हमारे पास ऑल इंडिया रेडियो था और दूरदर्शन सप्ताह में सातों दिन नहीं आता था। अब जरा सोचिए कि आपने कितने आगे बढ़ चुके हैं। यह अकल्पनीय यानि कल्पना से परे है और अब आप उस व्यवस्था का हिस्सा हैं।
आपको एक ऐसी सेवा का हिस्सा बनने पर शुभकामनाएं, जो आपको मानवता के 1/6वें हिस्से की सेवा करने और विशेष रूप से इस सेवा का हिस्सा होने का अवसर देती है। ध्यान देने योग्य बात ये है कि किसी भी लोकतंत्र में अगर देखें तो भारत लोकतंत्र की जननी है, हमारी पृथ्वी पर भारत सबसे जीवंत कार्यात्मक लोकतंत्र है, सबसे बड़ा लोकतंत्र है। किसी भी लोकतंत्र में सरकार की वैधता इस बात पर निर्भर करती है कि लोगों को उसमें कितना भरोसा है। लोगों का विश्वास किसी भी लोकतंत्र के फलने-फूलने और उसके पोषण का मूल है। इसमें आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है, निर्णायक है। जो भी उपलब्धियां हों, आप संप्रेषण एजेंसी हैं क्योंकि आप सामान्य व्यक्ति के मन को विश्वास से भरते हैं। आधिकारिक मीडिया से जो कुछ भी सामने आता है, उसे बड़ी आबादी जमीनी हकीकत का प्रामाणिक प्रतिबिंब मानती है। भारत जैसे हमारे एक जीवंत लोकतंत्र के लिए यह बहुत आवश्यक भी है, और हम इस समय एक ऐसा लोकतंत्र भी हैं जो आर्थिक दृष्टि से बढ़ रहा है।
हमने मुश्किल समय को पार करते हुए दुनिया की 5 सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं से लेकर 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं तक का मार्ग तय किया है, और मुझे लगता है कि अगले 2-3 वर्षों में हम तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। अब, ऐसे लोकतंत्र के लिए जो भूगोल, इतिहास, जातीयता और संस्कृति दोनों के संदर्भ में विविधतापूर्ण हैं उसका आधार संचार है क्योंकि यह संचार ही है जो लोगों के विश्वास को बनाए रखता है।
यह शासन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है, जिस पर नीति और कार्यक्रमों की सफलता निर्भर करती है। एक नीति अत्याधुनिक हो सकती है, एक नीति अत्यंत प्रभावशाली हो सकती है लेकिन यदि सूचना का सृजन नहीं होता है तो उसे पंख नहीं मिलते हैं, उसे पूर्ण प्रसार नहीं मिलता है, तो इसके प्रभाव समाप्त हो जाता है और इस शक्ति का सृजन आपको ही करना होता है। मेरे युवा मित्रों, संचारक के रूप में आप जनता के विश्वास के संरक्षक हैं क्योंकि जनता आप पर विश्वास करती है। आपको प्रामाणिक और सटीक जानकारी प्रदान करने का दायित्व सौंपा गया है। किसी भी योग्यता की जानकारी को बिना किसी मिलावट के उपलब्ध कराना आपका कर्तव्य है क्योंकि इससे नीति निर्माण में मदद मिलेगी। यह ऐसी जानकारी है जिसे मैं चिकित्सा की दृष्टि से एमआरआई के समकक्ष मानता हूं। यहां डॉक्टर, नीति निर्माता आपकी जानकारी के आधार पर ही सभी आवश्यक कदम उठा पाएंगे।
मित्रों, आईआईएस अधिकारी के रूप में आप नागरिकों और उनकी चुनी हुई सरकार के बीच सेतु के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम और समर्थ हैं। यह कार्य कई संस्थाओं द्वारा किया जाना है। संसद एक मंच है, जनप्रतिनिधि एक और मंच है, लेकिन आप लोगों के साथ सीधे संपर्क में रहते हैं। आपको यह देखना होगा कि यह सेतु 24x7 क्रियाशील रहे और प्रामाणिक सूचनाओं से युक्त हो, जिसमें उच्चतम स्तर की विश्वसनीयता और पवित्रता हो।
मित्रों, हाल ही में लोकसभा चुनावों में आपने जो भूमिका निभाई है, वह आपके सेवाभाव के लिए, उत्साहवर्धक है, सुखद है और बधाई देने योग्य है। कल्पना कीजिए कि यह कितना विशेष था। आपने जिस तरह का काम किया, उसने लोकतांत्रिक देश के उत्सव के अवसर पर मतदाताओं को उस कार्य में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। यह आपकी सेवा ही है जिसने भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को यह बताया है कि मौसम की तमाम विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए, किस तरह से इस देश की चुनावी प्रक्रिया ने नाम और ख्याति अर्जित की है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदाताओं को जागरूक करना और उनकी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना, अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना, प्रत्येक मतदाता को अपने सबसे मूल्यवान संवैधानिक अधिकार और दायित्व का प्रयोग करने में सक्षम बनाना, हर तरह से एक बहुत बड़ा कार्य है और इन कठिन परिस्थितियों में मौसम की गंभीरता और चरम स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, आपने इस कार्य को बखूबी निभाया है।
चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम करते हुए आपने समर्पण और दिशा-निर्देश के साथ संवैधानिक व्यवस्था का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस चुनाव में आई कई तस्वीरों में यह बात स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। मित्रों, इस चुनाव में हमारे भारत ने एक ऐसा विश्व रिकॉर्ड बनाया है, जो अजेय होने वाला है, क्योंकि आने वाले हर चुनाव के साथ यह रिकॉर्ड और बेहतर होता जाएगा।
642 मिलियन मतदाता - दुनिया में सबसे ज़्यादा मतदान - यही हमारी उपलब्धि है! यह सभी जी7 देशों के मतदाताओं की संख्या का डेढ़ गुना है। इसके आकार की कल्पना करें तो यह 27 यूरोपीय देशों के मतदाताओं की कुल संख्या का ढाई गुना है। यह अविश्वसनीय उपलब्धि है और यही हमारे लोकतंत्र की स्थिरता है। यह लोकतंत्र इतना परिपक्व, इतना कार्यात्मक है, हमारे लोकाचार और हमारी मानसिकता में इतनी गहराई से समाया हुआ है। जाति, पंथ, रंग, क्षेत्रीय विविधता और जातीयता से परे, हम अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए एक शक्ति के रूप में आए हैं ताकि आप जिस तरह का विश्वास रखते हैं, उसके बारे में जागरूकता विकसित कर सकें।
मित्रों, दुनिया वास्तव में सूचना युग में पहुंच गई है। सूचना ही शक्ति है। औद्योगिक क्रांति को गेम चेंजर माना गया है। पर अब, सूचना ही गेम चेंजर है। सूचना हमारी विकास यात्रा में निर्णायक क्षण है। सूचना हर व्यक्ति के जीवन को छू रही है। आपकी सेवा इसी क्षेत्र में आती हैं।
सोशल मीडिया पर सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रियाओं ने उन द्वारपालों को खत्म कर दिया है जो पहले संचार प्रक्रिया में मध्यस्थता करते थे। लोग सूचनाओं में हेरफेर करते हैं; लोग ऐसी झूठी सूचनाएं बनाते हैं जिनका कोई आधार नहीं होता। सूचनाओं का बेतहाशा प्रसार, यहां तक कि संसद में भी होता है! अब समय आ गया है कि आप बिजली की गति से काम करें। आपको झूठी सूचनाओं को बेअसर करना होगा; आपको फर्जी खबरों को जड़ से खत्म करना होगा।
कभी-कभी, जानकारी किसी संस्था या व्यक्ति के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है। अगर सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति के बारे में कोई झूठी खबर फैलाई जाती है, तो उस व्यक्ति की रक्षा कौन करेगा? आप योद्धा हैं। आपको आगे बढ़कर इस पर एक्शन लेना होगा। आपको व्यक्ति की निजता, व्यक्ति की प्रतिष्ठा, व्यक्तियों और संस्थाओं की प्रतिष्ठा को बचाना होगा।
मित्रों, यह चिंताजनक है कि कुछ गुमराह स्रोत गलत सूचना फैलाने में लगे हैं। वे ऐसी कहानियां गढ़ते हैं जिनका उद्देश्य हमारी संस्थाओं को जिन पर हमें गर्व है, उन्हें कलंकित, दूषित, कमतर और नीचा दिखाना है। ये ताकतें, घातक एजेंडे वाली दुष्ट ताकतें, देश में और देश के बाहर भी छोटी संख्या में सक्रिय हैं। आप योद्धा हैं, सूचना योद्धा। आपको इन्हें बेअसर करना होगा।
मुझे आप सभी को यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमारे आधिकारिक मीडिया ने स्वतंत्रता और तटस्थता के टैग के साथ एक अनुकरणीय तरीके से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। आधिकारिक मीडिया को बधाई और अभिनंदन! लेकिन आपको अपना काम करने के लिए 24x7 जागते और सतर्क रहना होगा। इस प्रक्रिया में, आपको लगातार सीखते और जानते रहना होगा। आपको अपडेटेड टेक्नोलॉजी के साथ खुद को अपडेट करना होगा। विघटनकारी तकनीकें हमारे जीवन के हर पहलू में प्रवेश कर चुकी हैं। ये आपके लिए चुनौतीपूर्ण हैं क्योंकि आपको उनसे जूझना होगा।
मुझे वैश्विक मंच पर अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिला कि युद्ध में भी सूचना सबसे शक्तिशाली हथियार है। गलत सूचना रक्षा मामलों में वास्तव में तबाही मचा सकती है। ऐसी स्थिति में आपको मशीन लर्निंग का उपयोग करना होगा। आपको बहुत तेज़ी से काम करना होगा। आपको हमेशा संचालक की सीट पर रहना होगा।
आप किसी कथानक से प्रभावित नहीं हो सकते। आपको कथानक के उस भाव में उलझने नहीं दिया जा सकता। इसलिए, मैं आपको बता सकता हूँ कि आपके सामने एक कठिन कार्य है, एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, एक दिलचस्प कार्य भी है, और आपको वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनना है।
मुझे विश्वास है कि आपमें से प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन या प्रति सप्ताह कुछ समय निकालकर विश्व स्तर पर प्रचलित सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को एकत्रित करेगा, क्योंकि हमारा मानव संसाधन निस्संदेह विश्व में सर्वोत्तम है।
मित्रों, 90 के दशक में स्मार्टफोन की आसानी से उपलब्धता एक सपना हुआ करती थी। जो लोग उस दौर से गुजरे होंगे, उन्हें पता होगा कि स्मार्टफोन होना नामुमकिन था। हमारे पास एक हैंडसेट होता था, और वह हैंडसेट इतना बड़ा होता था कि उसे प्रतिष्ठा के सामान के रूप में दिखाया जा सकता था, और उसकी कीमतें बहुत ज़्यादा होती थीं। हमारे देश में स्मार्टफोन या फोन नहीं थे।
पिछले 10 वर्षों में, हम इस हद तक आगे बढ़ चुके हैं कि हमारी विनिर्माण इकाइयाँ तीन अंकों में हैं, जो स्मार्टफोन निर्यात करती हैं। अब बड़ी आबादी के पास स्मार्टफोन हैं। आप सामूहिक रूप से जानेंगे कि हमारा इंटरनेट उपयोग, औसतन प्रति व्यक्ति, अमेरिका और चीन के संयुक्त उपयोग से भी अधिक है। हमारे लोग प्रौद्योगिकी के प्रति बेहद अनुकूल हैं।
अब, स्मार्टफोन एक परिसंपत्ति है। कोई भी स्मार्टफोन तबाही मचा सकता है, और इसलिए, मैं कहता हूं कि स्मार्टफोन की आसान उपलब्धता, साथ ही गांवों तक पहुंच चुकी इंटरनेट की पहुंच, उल्लेखनीय है। विश्व बैंक ने हमारे डिजिटल प्रवेश की प्रशंसा की है, जिसमें कहा गया है कि भारत ने मात्र 6 वर्षों में वह हासिल कर लिया है जो अन्यथा 4 दशकों से अधिक समय लेता।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की विविधता बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की संख्या में वृद्धि हुई है, जो अनियमित और लापरवाह हैं। उन्होंने हर नागरिक को सकारात्मक अर्थ में संचारक बना दिया है, लेकिन सबसे बुरे अर्थ में संचारकों की एक सेना भी बना दिया है। एक छोटा सा वर्ग है जो विघटनकारी है, जो हमारे राष्ट्रवाद में विश्वास नहीं करता है, जो हमारे विकास पथ के साथ संरेखित नहीं हो सकता है, और जो हमें नुकसान पहुंचाता है। इस तरह की भ्रामक सूचनाओं का तेजी से प्रसार होता है। आप ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो उनके इस गलत भाव के प्रसार पर अंकुश लगा सकते हैं और उनसे प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं।
मित्रों, यह संचार पेशेवरों के रूप में आपके काम को और भी जटिल और सूक्ष्म बनाता है। सूचना अच्छी बात है, लेकिन सूचना क्रांति के इस युग में गलत सूचना शांति, स्थिरता और यहां तक कि लोकतंत्र के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बनकर उभरी है। गलत सूचना का हमारे सुरक्षा तंत्र, हमारे रक्षा तंत्र पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। सबसे विकसित देश भी इस खतरनाक प्रवृत्ति से अछूते नहीं हैं। बिना किसी आधार वाली इन भ्रामक और विघटनकारी सूचना को समाप्त करना एक चुनौती बन गया है।
नागरिकों को जागरूक करना आसान नहीं है। लोगों में सनसनी को सुनने और जानने की प्रवृत्ति होती है, जो अन्यथा सही नहीं है उस पर विश्वास करने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए, इसे समाप्त करने के लिए आपको अतिरिक्त काम करना होगा।
मित्रों, वर्तमान भू-रणनीतिक परिदृश्य में सूचना प्रसार एक निर्णायक भूमिका निभाता है। आख्यानों को आकार देने, निर्णयों को प्रभावित करने, राय बनाने और धारणाओं को प्रोजेक्ट करने की क्षमता किसी देश की कूटनीतिक सॉफ्ट पावर के रूप में शस्त्रागार में योगदान देती है।
मित्रों, आपका काम सिर्फ़ राष्ट्रीय दर्शकों को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की छवि भी बनाता है। भारत पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। आज, यह कोई सोया हुआ देव नहीं है। यह उम्मीद और संभावनाओं की भूमि है।
वैश्विक दृष्टिकोण से, हम निवेश और अवसरों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य हैं। जरा सोचिए: अभी हाल ही में, हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 658 बिलियन डॉलर को पार कर गया। मैं 1989 के उस राजनीतिक दौर का व्यक्ति हूं, जब हमारी अर्थव्यवस्था का आकार लंदन और पेरिस के शहरों से भी छोटा था, और हमारी विदेशी मुद्रा भौतिक रूप में 1 बिलियन से 2 बिलियन डॉलर के बीच उतार-चढ़ाव कर रही थी। हमें अपने सोने को स्विट्जरलैंड के दो बैंकों में रखना पड़ा पर देखिए अब हम कहां हैं।
इसलिए, आप भाग्यशाली हैं कि आप जन सेवा की इस क्षमता में भारत की सेवा कर रहे हैं, एक ऐसे इकोसिस्टम में जहाँ हमारा मन उत्साहित है और दुनिया हमारी ओर आशा भरी नज़रों से देख रही है। हम सभी 2047 के लिए मैराथन दौड़ में लगे हुए हैं। जब मैंने वैश्विक नेताओं से बातचीत की, तो मैंने उन्हें जो बताया, वह उनके लिए आश्चर्य की बात थी। उदाहरण के लिए, कितने डिजिटल प्रमाण पत्र? जरा सोचिए, नागरिकों को 200 करोड़ प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए गए, जो कागज़ रहित, प्रामाणिक और आसानी से सत्यापित किए जा सकने वाले थे।
इसलिए, दुनिया को भारत को और अधिक जानने की आवश्यकता है और आपकी भूमिका और अधिक प्रभावी ढंग से सामने आती है। अब, पत्र लेखन काफी हद तक समाप्त हो गया है, जब तक कि रिकॉर्ड रखने के लिए वास्तव में कुछ लोग इसे जारी न रखें। संचार बहुत अलग हो गया है। संचार 24x7 है; यह ऑडियो है, यह वीडियो है, यह स्क्रिप्टेड है। हालाँकि, जब यह प्रेरित हो जाता है और वैश्विक मीडिया द्वारा उस प्रेरित कथा को फैलाया जाता है, तो हम उस पर विश्वास करने लगते हैं। वहाँ से आने वाली कोई भी बात, हमें लगता है, सही होनी चाहिए। दुनिया हमारे डीएनए को स्वीकार करती है कि हमारा मानव संसाधन दुनिया में सबसे अच्छा है। हमें कभी भी दूसरों को अपने तरीके से हमारा मूल्यांकन करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए; हमें अपनी समीक्षा स्वयं करनी चाहिए। वैश्विक मीडिया द्वारा निर्धारित नकारात्मक सूचनाओं का खुलासा करते हुए उन्हें खत्म किया जाना चाहिए।
इस संदर्भ में, दुनिया तक इस तरह से पहुंचने की आवश्यकता है जो पिछले दशक में हमने यात्रा की है उसकी व्यापकता को सही मायने में दर्शाता हो। भारत की उपलब्धियों, आकांक्षाओं और योगदान को दुनिया के सामने पेश करने के लिए विभिन्न चैनलों और प्लेटफार्मों का उपयोग करें। इस प्रकार, संचारकों के रूप में, भारतीय सूचना सेवा को "ब्रांड इंडिया" के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
उपलब्धि की कोई भी सीमा हो सकती है, और उपलब्धि पर गर्व हो सकता है, लेकिन आपको ब्रांड इंडिया को गढ़ना और आकार देना है। जमीनी बाधाओं को पार करते हुए भारत की प्रगति को प्रभावी ढंग से पेश करने की आपकी क्षमता, हमारी विकास गाथा को आगे बढ़ाने में मदद करेगी और यह प्रगति क्या है इसकी भी पूर्ण जानकारी सामने रखनी होगी।
भारत ने वह हासिल किया है जिसकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे। मेरी उम्र में, हम कभी इसका सपना भी नहीं देख सकते थे। सच तो यह है कि आप यकीन नहीं कर सकते, जिस गांव में मैं रहता था, वहां न तो बिजली थी, न पानी, न शौचालय, न सड़क और न ही कोई कनेक्टिविटी। अब आपको ऐसा कोई गांव नहीं मिलेगा, जहां यह सारी सुविधाएं उपलब्ध न हों। यही हमारी प्रगति है।
राष्ट्र प्रथम हमारा आदर्श वाक्य होना चाहिए। यह वैकल्पिक नहीं है, यहा एकमात्र मार्ग है और यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रवादी दृष्टिकोण सूचना प्रसार के केंद्र में बना रहे। प्रिय मित्रों, राष्ट्र की रक्षा अब सीमाओं तक सीमित नहीं है, यह अब पारंपरिक युद्ध द्वारा परिभाषित नहीं है। आज राष्ट्रीय सुरक्षा असंख्य विशेषताओं का एक समूह है। सेना भूमि, वायु, जल और अंतरिक्ष के अलावा पाई का सिर्फ एक हिस्सा है, यह सूचना है जो पाँचवाँ आयाम, महत्वपूर्ण आयाम, निर्णायक आयाम बनाती है और यह निर्णायक भूमिका निभाती है।
दुनिया में होने वाली आगजनी की घटनाओं के बारे में हम सूचना के माध्यम से ही जानते हैं और इसलिए आपका काम और भी अधिक प्रभावी है। हमारे सूचना क्षेत्र में छद्म रूप से फैलाई जाने वाली, परेशान करने वाली, जोड़-तोड़ वाली विभाजनकारी एजेंडा संचालित कथाएं हमारे देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए वास्तविक खतरा हैं।
मैं आपसे अपील करता हूँ कि आप उन फर्जी, ग़लत भाव से प्रेरित और हानिकारक आख्यानों को बेअसर करें जो हमारे लोकतंत्र को कलंकित करने और हमारी संवैधानिक संस्थाओं को कलंकित करने का प्रयास करते हैं। मित्रों, हमें दुनिया को यह भी बताना होगा कि हम किस तरह के देश हैं। हमारा देश बेजोड़ है, हम एक ऐसे देश हैं जिसकी सांस्कृतिक विरासत समृद्ध है, विविधता की ताकत है। हमारी 5000 साल पुरानी सभ्यता के बारे में दुनिया को पता होना चाहिए। अगर आप संसद की नई इमारत या भारत मंडपम को देखेंगे तो आपको हमारी सभ्यता की झलक मिलेगी और यही हमारा राष्ट्रीय गौरव है जिसे दुनिया को जानना चाहिए।
मित्रों, लोकतंत्र में शासन नागरिक केन्द्रित होता है। नागरिक इसके केन्द्र में होता है और वह नागरिक अंतिम पंक्ति में होता है। इसलिए अंतिम मील तक पहुँचना जरूरी है और अंतिम मील तक पहुँचना तभी संभव है जब सूचना पर ध्यान केन्द्रित हो क्योंकि हमेशा ऐसे लोग होंगे जो विकास को वास्तविक रूप से किए बिना ही उससे पैसा कमाने की कोशिश करेंगे लेकिन आपके पास ऐसी सूचना होगी जो ऐसे लोगों को बेनकाब करेगी और अंतिम मील तक पहुँचना सुनिश्चित होगा।
मित्रों, आप युवा नागरिकों को ऐसे सक्षम इकोसिस्टम की ओर मार्गदर्शन कर सकते हैं जो उन्हें इससे दूर रखता है, उन्हें उनके सपनों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है, राष्ट्र निर्माण की भूमिका का विश्लेषण कर सकता है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अपने कौशल को बढ़ाने और तेज करने के लिए नवीनतम ट्रेंडिंग मीडिया और संचार के साथ अपडेट रहें। मैं तीनों सूचना अधिकारियों का आभारी हूं। मैं दुनिया भर की, राष्ट्रीय घटनाओं के बारे में बहुत अपडेट रहता हूं। वे एक ऐसी व्यवस्था में विश्वास करते हैं जहां कार्यालय की गंभीरता परिलक्षित होती है। उनके माध्यम से मुझे राष्ट्र को जमीनी हकीकत की जानकारी मिलती रहती है। अगर मेरे सूचना अधिकारियों ने वह नहीं किया होता जो वे कर रहे हैं तो मैं इस देश के युवाओं से जुड़ नहीं पाता। हमें उन लोगों पर लगाम लगानी चाहिए जो बिना किसी आधार के सूचना का उपयोग करते हैं।
मित्रों, सोशल मीडिया पर चल रहे नैरेटिव पर ध्यान दें और यह एक कठिन काम है। विकास बिल्कुल अकल्पनीय दिशा में हो रहा है, आपको ऐसी तकनीक का उपयोग करना होगा, जो आसानी से उपलब्ध हो क्योंकि आपको इसे सीखना होगा और वह भी बिजली की गति से। एक और पहलू जिसके बारे में आपको बेहद चिंतित होना चाहिए, मीडिया और संचार की दुनिया में कई हितधारक हैं। आप राष्ट्र के मूल विकास के हितधारक हैं, आप राष्ट्रहित एजेंडे के हितधारक हैं, आप सत्य के हितधारक हैं, और आप जमीनी हकीकत के हितधारक हैं। यह एक ऐसा इकोसिस्टम है जहाँ आपको सूचना को लक्षित दर्शकों तक समय पर पहुँचाने के लिए समय के विरुद्ध उठना चाहिए क्योंकि अगर कोई गलत जानकारी का प्रसार हो गया तो आपको उसे जानने के लिए दोगुनी गति से दौड़ना पड़ेगा। जितनी जल्दी आप इसे पकड़ लेंगे, आप उतने ही अधिक प्रभावशाली और प्रभावी होंगे और उसे समाप्त भी कर सकेंगे।
जब आप सिविल सेवा पास करते हैं, तो इस बीच मीडिया चैनल का प्रसार हुआ होगा। यह एक उद्यम बन गया है। लोग इसे उद्योग के रूप में लेते हैं, एक शक्ति केंद्र के रूप में लेते हैं। वे गर्व करते हैं, मेरे पास एक मीडिया चैनल है, मेरे पास यूट्यूब है, मेरे पास सब्सक्राईबर्स हैं और अगर सनसनीखेज खबरों में आपको बड़ी संख्या में सब्सक्राइबर मिलते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे हितधारक सफलता के लिए दिशाहीन न हो जा। उन्हें राष्ट्रवाद की कीमत पर सफलता नहीं मिलनी चाहिए। मुझे प्रसन्नता है और पूरा विश्वास है कि 2047 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तब वह सही मायने में अपने शिखर पर होगा। आप में से हर कोई एक महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभा रहा होगा। हम में से कुछ लोग वहां नहीं होंगे, लेकिन मुझे विश्वास है कि 2047 में भी आप संचालक की भूमिका में होंगे। आप मेरे शब्द हमेशा याद रखेंगे। वे आपके कानों में गूंजेंगे कि आपने इस महान राष्ट्र के भाग्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मैं आपको युवा नागरिकों के रूप में आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं देता हूं। देश की सेवा करने वाले संचार पेशेवर के रूप में, मुझे उम्मीद है कि आप भारत की विकास गाथा के लिए काम करना जारी रखेंगे, इसकी गति को बनाए रखेंगे और नागरिकों को अंतिम पायदान पर भी सशक्त बनाएंगे। आपको, आपके परिवारों और आपके मित्रों को मेरी शुभकामनाएं।
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एमजी/एआर/आरपी/एसएस
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