पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
स्कूली छात्रों की सक्रिय भागीदारी में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने विश्व पर्यावरण दिवस 2024 के उपलक्ष्य में एसटीसी भवन, जनपथ, दिल्ली के भीतर कार्यरत कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों और बड़े पैमाने पर जनता के लिए एक जागरूकता अभियान/कार्यक्रम आयोजित किया
सीएक्यूएम द्वारा संचालित यह जागरूकता अभियान/ कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की विषयवस्तु, " लैंड रेस्टोरेशन, डिजर्टिफिकेशन एंड ड्रॉट रेजिलिएंस" पर केंद्रित था
जागरूकता अभियान/कार्यक्रम में कार्यालयों में लघु कवितायेँ (जिंगल्स), नुक्कड़ नाटक, प्रस्तुतियों आदि के माध्यम से वृक्षारोपण कार्यक्रम और सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) गतिविधियाँ शामिल थीं
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा संचालित यह जागरूकता अभियान/कार्यक्रम नागरिकों को उनके दैनिक कार्यों में पर्यावरण स्थिरता और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में योगदान करने के लिए और प्रेरित करने की एक पहल है
आयोग वैधानिक निर्देशों, निरंतर जुड़ाव, शिक्षा और विभिन्न आईईसी गतिविधियों के माध्यम से वायु गुणवत्ता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है
Posted On:
05 JUN 2024 6:47PM by PIB Delhi
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 के उपलक्ष्य में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (कमीशन ऑन क्वालिटी कंट्रोल मैनेजमेंट-सीएक्यूएम), अर्वाचीन भारती भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल स्कूल, विवेक विहार, दिल्ली के छात्रों की सक्रिय भागीदारी में आज स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (एसटीसी) भवन, जनपथ, दिल्ली के भीतर स्थित विभिन्न कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों और बड़े पैमाने पर जनता के लिए एक जागरूकता अभियान / कार्यक्रम का आयोजन किया। छात्रों ने आकर्षक नारों के साथ सक्रिय रूप से जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही पोस्टरों और तख्तियों के माध्यम से शैक्षिक संदेश प्रदर्शित किए और पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। सीएक्यूएम द्वारा संचालित यह जागरूकता अभियान / कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की विषयवस्तु, "लैंड रेस्टोरेशन, डिजर्टिफिकेशन एंड ड्रॉट रेजिलिएंस" पर केंद्रित था।
इस जागरूकता अभियान / कार्यक्रम में एसटीसी बिल्डिंग में स्थित विभिन्न कार्यालयों -सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, वित्त मंत्रालय; भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के विभिन्न प्रभाग; प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग; सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईसी); भारतीय हस्तशिल्प एवं हथकरघा निर्यात निगम लिमिटेड (एचएचईसी); राज्य व्यापार निगम; एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम); आदि में कार्यालयों में लघु कवितायेँ (जिंगल्स), नुक्कड़ नाटक, प्रस्तुतियों आदि के माध्यम से वृक्षारोपण कार्यक्रम और सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) गतिविधियाँ शामिल थीं। जागरूकता अभियान / कार्यक्रम का उद्देश्य भूमि क्षरण, मरुस्थलीकरण, सूखा और वायु प्रदूषण के महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों और जनता को शिक्षित करना और इससे जोड़ना है। इस कार्यक्रम में जानकारीपूर्ण सत्रों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की गई, जिसमें टिकाऊ भूमि प्रबंधन प्रथाओं, पर्यावरण पर मरुस्थलीकरण के प्रभाव, सूखे के लचीलेपन को बढ़ाने के उपाय और हमारे आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को कम करने के कदमों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
भूमि पुनरुद्धार करने, मरुस्थलीकरण से निपटने और वायु प्रदूषण को प्रभावित करने वाले मुद्दों का हल निकालना करना पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह जागरूकता अभियान/कार्यक्रम नागरिकों को उनके दैनिक कार्यों के माध्यम से इन लक्ष्यों में योगदान करने के लिए सूचित करने और संवेदनशील बनाने की एक पहल है।
स्कूल के छात्रों और शिक्षकों ने भूमि के पुनरुद्धार, सूखा लचीलापन और वायु प्रदूषण के व्यावहारिक समाधानों को उजागर करने के लिए डिज़ाइन किए गए जानकारीपूर्ण सत्रों और परस्पर विचार विमर्श (इंटरैक्टिव) गतिविधियों में योगदान देकर सक्रिय रूप से भाग लिया। ऐसे सार्थक आयोजनों में छात्रों को शामिल करने से न केवल उनकी समझ बढ़ती है बल्कि उन्हें समुदायों में स्थायी प्रथाओं की पक्षधरता करने और उनका प्रसार करने का अधिकार भी मिलता है।
प्रतिभागी जल संरक्षण, मृदा (साइल) स्वास्थ्य सुधार, वनीकरण तकनीकों और वायु प्रदूषण को कम करने के कदमों पर कार्यशालाओं सहित विभिन्न गतिविधियों में लगे हुए हैं। इस अभियान में टिकाऊ प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के लिए शैक्षिक सामग्री और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों का वितरण भी शामिल था।
कर्मचारियों और जनता को इससे बहुत लाभ हुआ और उन्होंने अपने दैनिक जीवन में ऐसी प्रथाओं को अपनाने की इच्छा व्यक्त की। इस जागरूकता अभियान की सफलता पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में सामूहिक कार्रवाई और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करती है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (कमीशन ऑन क्वालिटी कंट्रोल मैनेजमेंट-सीएक्यूएम), वैधानिक निर्देशों, निरंतर जुड़ाव, शिक्षा और विभिन्न सूचना शिक्षा संचार (इनफार्मेशन एजुकेशन कम्यूनिकेशन–आईईसी) गतिविधियों के माध्यम से वायु गुणवत्ता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
*****
एमजी/एआर/आरपी/एसटी
(Release ID: 2022959)
Visitor Counter : 276