इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
एसएएमईईआर ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव की उपस्थिति में उद्योग के साथ एमआरआई और लीनियर एक्सेलेरेटर के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया
Posted On:
27 MAY 2024 8:13PM by PIB Delhi
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने कार्यान्वयन संस्था के रूप में एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और अनुसंधान समिति (एसएएमईईआर), मुंबई के माध्यम से दो महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकियों, अर्थात् 1.5 टेस्ला एमआरआई स्कैनर और 6 एमईवी लीनियर एक्सेलेरेटर के विकास का नेतृत्व किया है। उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डीएसी), त्रिवेन्द्रम और कोलकाता, इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आईयूएसी) और दयानंद सागर इंस्टीट्यूट (डीएसआई) के सहयोग से (एमआरआई)। एमआरआई स्कैनर एक गैर-आक्रामक चिकित्सा इमेजिंग परीक्षण है जिसका उपयोग सॉफ्ट टिश्यू को देखने के लिए किया जाता है, जबकि लीनियर एक्सेलेरेटर (लिनैक) का उपयोग उच्च-ऊर्जा एक्स-रे या इलेक्ट्रॉन का उपयोग करके कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है। भारत को आयात को कम करने की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए दोनों परियोजनाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि ये प्रौद्योगिकियाँ जनता के लिए सुलभ और सस्ती हैं, अनुसंधान को व्यावहारिक अनुप्रयोगों में तेजी से बदलना, उनके विकास और उन्हें असरदार तरीके से काम में लाने में तेजी लाना और लोगों के लाभ के लिए स्वदेशी स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों के फायदों का पूरी तरह से लाभ उठाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए, उद्योग की भागीदारी सर्वोपरि है। इसके अलावा, प्रारंभिक जुड़ाव सरकारी अनुसंधान प्राथमिकताओं और उद्योग क्षमताओं के बीच तालमेल की पहचान करने में भी मदद कर सकता है, जिससे अधिक कुशल और प्रभावशाली सहयोग कायम हो सकेगा। नतीजतन, एसएएमईईआर ने अपनी सहयोगी एजेंसियों के साथ, निम्नलिखित उद्योगों के साथ एलआईएनएसी के लिए एमआरआई और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं:
लीनियर एक्सेलेरेटर सिस्टम के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता
- बी-एमईसी इमेजिंग प्राइवेट लिमिटेड
उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापन और गैर-प्रकटीकरण समझौते (एनडीए)।
- मैडीरेज इमेजिंग प्राइवेट लिमिटेड
- एडोनीस मैडिकल सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड
- आईएनओएक्ससीवीए इनोक्स इंडिया लिमिटेड
- पारस डिफेंस एंड टेक्नोलॉजीस लिमिटेड
- वेदांग रेडियो टेक प्राइवेट लिमिटेड
- एससीआई-कॉम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड
- एनवीजीईएन ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड
एसएएमईईआर और उद्योगों के बीच एमओयू का आदान प्रदान तथा टीओटी सचिव श्री एस कृष्णन, अपर सचिव श्री भुवनेश कुमार, ग्रुप कॉर्डिनेटर आरएंडडी श्रीमती सुनीता वर्मा, एसएएमईईआर के डीजी डॉ. पी हनुमंथ राव तथा एमईआईटीवाई, सीडीएसी, आईयूएसी तथा एसएएमईईआर के वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए, एमईआईटीवाई के सचिव ने महत्वपूर्ण चिकित्सकीय प्रौद्योगिकीयों तथा उपकरणों, इसके लगातार बढ़ते दायरे, चुनौतियों तथा उन अवसरों जिन्हें भारत विनिर्माताओं के समक्ष प्रस्तुत करता है, के महत्व को रंखांकित किया। उन्होंने जानकारी दी कि उद्योग का सहयोग उत्साहवर्धक है और स्वदेशी प्रौद्योगिकीयों के विकास में एमईआईटीवाई के सतत प्रयासों को प्रतिबिंबित करता है।
प्रतिभागियों में एसएएमईईआर के डीजी डॉ. पी हनुमंथ राव, एसएएमईईआर के कार्यक्रम निदेशक श्री राजेश हर्ष, सीडीएसी - टी के एसोसिएट निदेशक श्री देवानंद तथा उनकी टीम, जी-आईयूएसी के वैज्ञानिक डॉ. सौमेन कार, सीओाओ - आईनोक्स सीवीए के श्री दीपक आचार्य, आईनोक्स सीवीए के कार्यकार निदेशक श्री पराग कुलकर्णी, मेडिरेज इमेजिंग प्रा. लि. के एमडी श्री रवि कुमार के वी, मेडिरेज इमेजिंग प्रा. लि. के निदेशक श्री राजेश नायर, एडोनिस मेडिकल सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक श्री विरिंदर सिंह बेदी, पारस डिफेंस एंड स्पेस लिमिटेड के निदेशक श्री अमित महाजन, वेदांग रेडियो टेक प्रा. लिमिटेड के संस्थापक निदेशक श्री बी.सी. भारद्वाज, साईंस -कॉम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक डॉ विश्वास उदपिकर, एनवीजीईएन ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष और संस्थापक निदेशक श्री नीलेश वी. नार्वेकर, निदेशक श्री चन्द्रशेखरन जे, , बीएमईसी इमेजिंग प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी और आईएमआरआई - राष्ट्रीय संचालन समिति (एनएससी) के सदस्य शामिल थे।
निदान एवं उपचार सुविधाओं पर केंद्रित इन स्वास्थ्य देखभाल संबंधी प्रौद्योगिकियों का उद्देश्य बड़े पैमाने पर आम जनता को लाभ पहुंचाना है। उपरोक्त सभी स्वदेशी चिकित्सा उपकरणों की पहुंच व्यक्तिगत उप-प्रणालियों के विकास से लेकर अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति करने हेतु तेजी से आगे बढ़ने के लिए भारतीय उद्योग जगत को शामिल करने तक एक लंबा सफर तय कर चुकी है। इस दिशा में भारतीय उद्योगों के साथ जुड़ाव होना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर ही है, जो परियोजना के व्यावसायीकरण की तरफ बाढ़ने का संकेत देता है। यह पहल अपने अंतिम चरण में तब पहुंचेगी, जब प्रौद्योगिकी का व्यावसायीकरण हो जाएगा और इसे भारत की जनता द्वारा उपयोग के लिए अपनाया जाएगा। इससे स्वास्थ्य देखभाल को किफायती बनाने का लक्ष्य भी हासिल होगा।
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