संस्‍कृति मंत्रालय
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अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो का दूसरा संस्करण कोलकाता के साइंस सिटी में शुरू

Posted On: 18 MAY 2024 8:30PM by PIB Delhi

इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो का दूसरा संस्करण आज कोलकाता के साइंस सिटी में शुरू हुआ। एक्सपो के एक भाग के रूप में, प्रदर्शनियां ओपेनहाइमर पीस्फुल एक्स्प्लोशन”, “इनोवेटिव एडिफिसेसः द स्ट्रक्चर्स एंड वेसल्स ऑफ साइंस कम्युनिकेशन”, “नैरेटिव रीइमेजिन्डः इंटरएक्टिव टेकस्केप्स इन म्यूजियम स्टोरीटेलिंग”, ब्रिलियंस बियॉन्ड बॉर्डर्सः अवर ट्रायम्फ्स, ट्रायल्स एंड ट्रैवेल्स एट द साइंस नोबेल्स, इकोज ऑफ इनजेनिटीः रेमिनिसेंसेज ऑफ द इंडस्ट्रियल इवोल्यूशन”, और इंडियन वुमन इन साइंसः बस्ट एंड म्यूरल्सकोलकाता के साइंस सिटी में प्रदर्शित हैं। इनके अलावा, आंगतुक दुर्गा पूजा पर डिजिटल पैनोरमा फिल्म, कैनवस साइक्लोरामाः द पल्स ऑफ इंडियन आर्टिस्ट्री, जो एक निरंतर पैनोरमिक कैनवस को प्रस्तुत करती है, को देख सकते हैं जबकि पल्स ऑफ इम्मोर्टल आर्टिस्ट्रीका आशय इस बात से है कि कला जीवंत होती है और इसकी एक धड़कन होती है, जो दर्शकों को एक अभिनव तरीके से भारतीय कला की कालातीत भावना का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करती है। इनके अलावा एक्सपो का शुभंकर भी प्रदर्शित किया गया है।

एनसीएसएम की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष और सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक, डीएसआईआर के सचिव डॉ. शेखर सी मांडे ने संस्कृति मंत्रालय के जीएलएएम डिवीजन की संयुक्त सचिव सुश्री मुग्धा सिन्हा, एनसीएसएम के महानिदेशक श्री ए.डी चौधरी; एनसीएसएम के उपमहानिदेशक श्री समरेंद्र कुमार और कोलकाता के साइंस सिटी के निदेशक श्री अनुराग कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर पर उपस्थित रहे। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के उपलक्ष्य में, इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो हर साल 18 मई को आयोजित किया जाता है। पहला संस्करण पिछले साल दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया गया था।

पहले सत्र के बाद, स्विट्जरलैंड के लॉजेन में ईपीएफएल में प्रायोगिक संग्रहालय विज्ञान प्रयोगशाला की निदेशक सारा केंडरराइन ने कम्प्यूटेशनल संग्रहालय विज्ञानः अनुभव के युग में कला और विज्ञानविषय पर मुख्य भाषण दिया। इसके बाद प्रसिद्ध कलाकार डोना गांगुली द्वारा एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।

इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव सुश्री मुग्धा सिन्हा ने कहा कि पहले संस्करण की शानदार सफलता से प्रेरित होकर, इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो का दूसरा संस्करण कोलकाता शहर में आयोजित किया जा रहा है, जहां से भारत को 1814 में अपना पहला संग्रहालय मिला था। इस वर्ष, विज्ञान संग्रहालयों व केंद्रों के माध्यम से शिक्षा और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि विज्ञान संग्रहालय न केवल समाज में वैज्ञानिक सोच विकसित करने में बल्कि अनौपचारिक व्यवस्था में औपचारिक विज्ञान शिक्षा को पूरक बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

एनसीएसएम के महानिदेशक श्री ए. डी. चौधरी ने कहा, “हम कोलकाता के साइंस सिटी में प्रतिष्ठित इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो के दूसरे संस्करण को आयोजित करने के लिए उत्साहित हैं। एक्सपो एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां संग्रहालय के पेशेवर, उत्साही और रचनात्मक प्रतिभा एक साथ आते हैं और विचारों के आदान-प्रदान, नेटवर्किंग व संग्रहालयों के बारे में समग्र बातचीत शुरू करने के माध्यम से विभिन्न क्षमताओं में संग्रहालयों के विकास में योगदान करते हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह एक्सपो अपने फलक का विस्तार करेगा।

इन दो दिनों के दौरान आयोजित अन्य कार्यक्रमों और गतिविधियों में- "सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और औद्योगिक विरासत का संरक्षण और दस्तावेज़ीकरण", "संग्रहालय और विज्ञान संग्रहालयों में व्यापक अनुभव", "नवीन संग्रहालय और न्यू मीडिया", "संग्रहालय प्रदर्शनियों में कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना”,  "उद्यमियों और संग्रहालय पेशेवरों के बीच बातचीत"; अजय तलवार द्वारा "एस्ट्रोफोटोग्राफी", वीएसएस शास्त्री द्वारा "डेवलपिंग मैथमेटिकल किट", जीएस रौतेला द्वारा "संग्रहालय में आपदा रोधी", प्रसिद्ध विज्ञान संचारक, एडी गोल्डस्टीन द्वारा "प्रदर्शन में उत्कृष्टता" पर मास्टरक्लास शामिल है। विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए "अपशिष्ट से धन", दूरबीन बनाने, कालीघाट पेंटिंग और जॉय ऑफ टॉय पर कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं। पूरे भारत से चुने गए छात्रों के लिए आइडियाथॉन ऑन साइंस गैलरी और यंग इनोवेटर्स प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।

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