सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
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आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) - जनवरी-मार्च 2024 के लिए त्रैमासिक बुलेटिन


शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर (यूआर) 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए जनवरी-मार्च 2024 में घटकर 6.7 प्रतिशत हो गई

जनवरी-मार्च 2024 में महिला यूआर घटकर 8.5 प्रतिशत हो गई

शहरी क्षेत्रों में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए जनवरी-मार्च 2023 से जनवरी-मार्च 2024 के दौरान क्रमशः 48.5 प्रतिशत से बढ़कर 50.2 प्रतिशत हुई

शहरी क्षेत्रों में महिला श्रम बल भागीदारी दर जनवरी-मार्च 2024 के दौरान बढ़कर 25.6 प्रतिशत हो गई, जो एलएफपीआर में समग्र वृद्धि को दर्शाती है

श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिये जनवरी-मार्च 2023 में 45.2 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी-मार्च 2024 में 46.9 प्रतिशत हो गई

शहरी क्षेत्रों में महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात जनवरी-मार्च 2024 के दौरान बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गई, जो डब्ल्यूपीआर में समग्र वृद्धि की प्रवृत्ति को दर्शाती है

Posted On: 15 MAY 2024 4:53PM by PIB Delhi

मुख्य निष्कर्ष

  • शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर (यूआर) 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए जनवरी-मार्च 2023 से जनवरी-मार्च 2024 के दौरान 6.8 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत हो गई।
  • महिला यूआर जनवरी-मार्च 2023 में 9.2 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च 2024 में 8.5 प्रतिशत हो गई।
  • शहरी क्षेत्रों में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए जनवरी-मार्च 2023 से जनवरी-मार्च 2024 के दौरान क्रमशः 48.5 प्रतिशत से बढ़कर 50.2 प्रतिशत हो गई।
  • शहरी क्षेत्रों में महिला श्रम बल भागीदारी दर जनवरी-मार्च 2023 से जनवरी-मार्च 2024 के दौरान 22.7 प्रतिशत से बढ़कर 25.6 प्रतिशत हो गई, जो एलएफपीआर में समग्र वृद्धि की प्रवृत्ति को दर्शाती है।
  • श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिये जनवरी-मार्च 2023 में 45.2 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी-मार्च 2024 में 46.9 प्रतिशत हो गई।
  • शहरी क्षेत्रों में महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात जनवरी-मार्च 2023 से जनवरी-मार्च 2024 के दौरान 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गई, जो डब्ल्यूपीआर में समग्र वृद्धि की प्रवृत्ति को दर्शाती है।

परिचय

अपेक्षाकृत अधिक नियमित समय अंतराल पर श्रम बल के आंकड़ों की उपलब्धता की अहमियत को ध्‍यान में रखते हुए राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) की शुरुआत की थी।

पीएलएफएस के मुख्‍यत: दो उद्देश्य हैं:

  • वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्‍ल्‍यूएस) में केवल शहरी क्षेत्रों के लिए तीन माह के अल्‍पकालिक अंतराल पर प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों (अर्थात् श्रमिक-जनसंख्या अनुपात, श्रम बल भागीदारी दर, बेरोजगारी दर) का अनुमान लगाना।
  • प्रति वर्ष ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य स्थिति (पीएस+एसएस) और सीडब्‍ल्‍यूएस दोनों में रोजगार एवं बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान लगाना।

दिसंबर 2018 को समाप्त तिमाही से दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही तक पीएलएफएस के 21 त्रैमासिक बुलेटिन पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन त्रैमासिक बुलेटिन में श्रम बल संकेतकों अर्थात् श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर), रोजगार में व्यापक स्थिति के आधार पर श्रमिकों का वितरण और शहरी क्षेत्रों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में कार्य उद्योग के अनुमान प्रस्तुत किए गए हैं।

वर्तमान त्रैमासिक बुलेटिन जनवरी-मार्च, 2024 तिमाही की श्रृंखला में 22वां है।

जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के दौरान पीएलएफएस फील्डवर्क

जनवरी-मार्च, 2024 तिमाही के लिए आवंटित सभी फर्स्ट विजिट के साथ-साथ रीविजिट सैंपलों के संबंध में जानकारी एकत्र करने के लिए फील्डवर्क, मणिपुर राज्य में 10 फर्स्ट विजिट एफएसयू[1]एस; मणिपुर और मध्य प्रदेश प्रत्येक में तीन-तीन; और पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में एक-एक और 38 रीविजिट एफएसयू (मणिपुर से 28, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु राज्यों से दो-दो और मेघालय, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्यों से एक-एक) को छोड़कर, जिन्हें संकटग्रस्त माना गया।

संबंधित तिमाही के लिए पीएलएफएस के अनुमानों का उपयोग करते समय इन पहलुओं को ध्यान में रखा जा सकता है।

पीएलएफएस का नमूना डिजाइन

शहरी क्षेत्रों में एक रोटेशनल पैनल नमूनाकरण डिजाइन का उपयोग किया गया है। इस रोटेशनल पैनल योजना में, शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक चयनित घर का चार बार, शुरुआत में 'फर्स्ट विजिट के कार्यक्रम' के साथ और तीन बार समय-समय पर 'रीविजिट के कार्यक्रम', के साथ दौरा किया जाता है। रोटेशन की योजना यह सुनिश्चित करती है कि पहले चरण की सैंपलिंग यूनिट्स (एफएसयू) का 75 प्रतिशत लगातार दो यात्राओं के बीच मेल खाता है।

नमूना आकार

अखिल भारतीय स्तर पर, शहरी क्षेत्रों में, जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के दौरान कुल 5,706 एफएसयू (शहरी फ्रेम सर्वेक्षण से शहरी नमूना इकाई) का सर्वेक्षण किया गया है। सर्वेक्षण किए गए शहरी परिवारों की संख्या 44,598 थी और शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण किए गए व्यक्तियों की संख्या 1,69,459 थी।

त्रैमासिक बुलेटिन के लिए प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का वैचारिक ढांचा: आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर) आदि जैसे प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान देता है। इन संकेतकों और 'वर्तमान साप्ताहिक स्थिति' को निम्नानुसार परिभाषित किया गया है:

ए. श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर): एलएफपीआर को जनसंख्या में श्रम बल (अर्थात् काम करने या काम की तलाश करने या काम के लिए उपलब्ध) में व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।

बी. श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर): डब्ल्यूपीआर को जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।

सी. बेरोजगारी दर (यूआर): यूआर को श्रम बल में व्यक्तियों के बीच बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।

डी. वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस): सर्वेक्षण की तारीख से पहले पिछले 7 दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित गतिविधि की स्थिति को व्यक्ति की वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के रूप में जाना जाता है।

जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के लिए त्रैमासिक बुलेटिन मंत्रालय की वेबसाइट (https://mospi.gov.in) पर उपलब्ध है। मुख्य परिणाम संलग्न वक्तव्यों में दिए गए हैं।

अनुलग्नक

डी. पीएलएफएस के मुख्य निष्कर्ष, त्रैमासिक बुलेटिन (जनवरी-मार्च 2024)

  1. 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) में वृद्धि का रुझान

15 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए शहरी क्षेत्रों में एलएफपीआर जनवरी-मार्च 2023 में 48.5 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी-मार्च 2024 में 50.2 प्रतिशत हो गया। जबकि इस अवधि के दौरान पुरुषों के लिए यह 73.5 प्रतिशत से बढ़कर 74.4 प्रतिशत के आसपास रहा, वहीं महिलाओं के लिए, एलएफपीआर इस अवधि के दौरान 22.7 प्रतिशत से बढ़कर 25.6 प्रतिशत हो गया।

विवरण 1: शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर (प्रतिशत में)

अखिल भारतीय

सर्वेक्षण अवधि

पुरुष

महिला

व्यक्ति

(1)

(2)

(3)

(4)

जनवरी  -  मार्च 2023

73.5

22.7

48.5

अप्रैल - जून 2023

73.5

23.2

48.8

जुलाई – सितंबर 2023

73.8

24.0

49.3

अक्टूबर – दिसंबर 2023

74.1

25.0

49.9

जनवरी – मार्च 2024

74.4

25.6

50.2

 

  1. 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में वृद्धि का रुझान

15 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए शहरी क्षेत्रों में डब्ल्यूपीआर जनवरी-मार्च 2023 के 45.2 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी-मार्च 2024 में 46.9 प्रतिशत हो गया। इस अवधि के दौरान पुरुषों के लिए यह 69.1 प्रतिशत से बढ़कर 69.8 प्रतिशत हो गया और महिलाओं के लिए, इस अवधि के दौरान यह 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गया।

विवरण 2: शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में डब्ल्यूपीआर (प्रतिशत में)

अखिल भारतीय

सर्वेक्षण अवधि

पुरुष

महिला

व्यक्ति

(1)

(2)

(3)

(4)

जनवरी  -  मार्च 2023

69.1

20.6

45.2

अप्रैल - जून 2023

69.2

21.1

45.5

जुलाई – सितंबर 2023

69.4

21.9

46.0

अक्टूबर – दिसंबर 2023

69.8

22.9

46.6

जनवरी – मार्च 2024

69.8

23.4

46.9

 

  1. 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर (यूआर)

15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2023 में 6.8 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च 2024 में 6.7 प्रतिशत हो गया। पुरुषों के लिए, यूआर जनवरी-मार्च 2023 में 6.0 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी-मार्च 2024 में 6.1 प्रतिशत हो गया, जबकि महिला यूआर जनवरी-मार्च 2023 में 9.2 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च 2024 में 8.5 प्रतिशत हो गया।

विवरण 3: शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में यूआर (प्रतिशत में)

अखिल भारतीय

सर्वेक्षण अवधि

पुरुष

महिला

व्यक्ति

(1)

(2)

(3)

(4)

जनवरी  -  मार्च 2023

6.0

9.2

6.8

अप्रैल - जून 2023

5.9

9.1

6.6

जुलाई – सितंबर 2023

6.0

8.6

6.6

अक्टूबर – दिसंबर 2023

5.8

8.6

6.5

जनवरी – मार्च 2024

6.1

8.5

6.7

 

ई. प्रमुख श्रम बाजार संकेतकों के तिमाही अनुमानों की मुख्य विशेषताएं

1. वर्ष 2022 से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिये श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) में रुझान

शहरी क्षेत्रों में एलएफपीआर में जनवरी से मार्च, 2022 की तिमाही से पुरुष और महिला के लिए रुझान चित्र 1 और 2 में प्रस्तुत की गई है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001MI47.png

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002VUXC.png  

2.    2022 से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिये श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में रुझान

शहरी क्षेत्रों में डब्ल्यूपीआर में जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही से पुरुष और महिला के लिए रुझान प्रवृति चित्र 3 और 4 में प्रस्तुत की गई है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003773H.png

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004JARZ.png

 

3. 2022 से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर (यूआर) में रुझान

शहरी क्षेत्रों में जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही से पुरुष और महिला के लिए यूआर में रुझान चित्र 5 और 6 में प्रस्तुत की गई है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0056EHZ.png

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image006607J.png

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