वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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भारत और ऑस्ट्रेलिया सहयोगी परियोजनाओं के लिए मिलकर काम करने के साथ ही बाजार पहुंच के मुद्दों को समय पर हल करेंगे तथा  लोगों के बीच परस्पर संपर्क को गहरा करेंगे एवं प्राथमिकता वाले  आयात डेटा साझा करने के लिए संस्थागत तंत्र बनाएंगे और चल रही समग्र आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) वार्ताओं के परिणामोन्मुख सफल समापन के लिए नवीन क्षेत्रों पर काम करेंगे

Posted On: 04 MAY 2024 4:39PM by PIB Delhi

ऑस्ट्रेलिया ओशिनिया क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैI भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वाणिज्यिक व्यापार 2023-24 में लगभग 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा है, जो आगे भी विकास की महत्वपूर्ण संभावना का संकेत देता है। इस हेतु संयुक्त समिति की बैठक दोनों देशों के लिए व्यापार संबंधों को और सुदृढ़ करने एवं व्यापार सुविधा, निवेश प्रोत्साहन के साथ ही प्रौद्योगिकी के समर्थन सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के नए अवसरों की खोज करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है।

 

 

वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सिडनी और मेलबोर्न में व्यापार के साथ ही दोनों अर्थव्यवस्थाओं में विद्यमान व्यापार पूरकताओं और विशेषज्ञता तथा अज्ञात संभावनाओं का लाभ उठाने के उद्देश्य से केनबरा में विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेन अफेयर्स एंड  ट्रेड -डीएफएटी) के उप सचिव श्री जॉर्ज मीना के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न व्यापार और संभावित निवेश संबंधी मुद्दों पर बहुत रचनात्मक एवं सार्थक  चर्चा की ।

 

 

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (इंड-ऑस्ट्रेलिया इकॉनोमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट-ईसीटीए) के अंतर्गत  पहली संयुक्त समिति की बैठक (जेसीएम) में  दोनों पक्षों ने ईसीटीए के सुचारु कार्यान्वयन को स्वीकार करते हुए जैविक उत्पादों पर परस्पर मान्यता प्रबन्धन (म्यूचुअल रिकग्निशन एरेंजमेंट–एमआरए) सहित भिंडी, अनार, अंगूर, पनीर, मैकाडामिया नट्स, दाल और एवोकैडो जैसे उत्पादों से संबंधित बाजार पहुंच के मुद्दे, टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) की व्यवस्था, विशेष रूप से जेनरिक औषधियों पर ऑस्ट्रेलिया में औषधि (फार्मास्युटिकल) मूल्य निर्धारण नियंत्रण, व्हिस्की और वाइन पर नियामक चुनौतियों को संबोधित करने के उद्देश्य से कार्य समूह द्वारा की गई प्रगति और त्तथा ईसीटीए उप-समिति की बैठकों के परिणामों के साथ ही समय पर समाधान के लिए उनकी नियमित बैठकों की आवश्यकता और इन उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने त्तथा तटीय पर्यटन, महत्वपूर्ण खनिजों  सहित पारस्परिक हित के क्षेत्र और भारत में झींगा और केकड़ों के लिए रोग-मुक्त क्षेत्र स्थापित करने के लिए सहयोग हेतु आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) के कार्यान्वयन मुद्दों पर संक्षेप में विवरण दिया। जेसीएम ने संयुक्त समिति के लिए प्रक्रिया के नियमों को भी अपनाया और मासिक आधार पर प्राथमिकता वाले आयात डेटा के नियमित आदान-प्रदान के उद्देश्य से मुक्त व्यापार समझौते (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट –एफटीए) के लिए अपनी तरह का पहला संस्थागत तंत्र स्थापित किया। इसमें विशेष रूप से स्टार्ट-अप पर निवेश को बढ़ावा देने के लिए आगामी मुख्य कार्कारी अधिकारी मंच (सीईओ फोरम) कार्यक्रम के लिए एकीकृत दृष्टिकोण पर भी संक्षेप में विचार-विमर्श किया गया।

जेसीएम बैठक में कुछ महत्वपूर्ण सेवा मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें सीमा पार ई-भुगतान की सुविधा के लिए भारत के अनुरोध और नर्सिंग और दंत चिकित्सा जैसे व्यवसायों में पारस्परिक मान्यता समझौतों पर विचार शामिल है। इसके अलावा, ब्रिटेन (यूके) -ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते के अनुरूप ईएनटी/एलएमटी आवश्यकता को हटाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई, साथ ही दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य कर्मियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने एवं टेली-मेडिसिन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने पर भी चर्चा की गई।

कुल मिलाकर, संयुक्त समिति की बैठक (जेसीएम) ने ठोस और पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिससे दोनों देशों के लिए सहयोग और समृद्धि में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।

भारत-ऑस्ट्रेलिया समग्र आर्थिक सहयोग समझौता (कम्प्रिहेंसिव इकॉनोमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट–सीईसीए) वार्ता के अंतर्गत नौ दौर के बाद हुई प्रगति की समीक्षा करने और इसके पूरा होने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए वाणिज्य विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स –डीओसी) से अतिरिक्त सचिव श्री राजेश अग्रवाल और विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेन अफेयर्स एंड  ट्रेड -डीएफएटी) से सहायक सचिव श्री रवि केवलराम के बीच दोनों पक्षों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (इंड-ऑस्ट्रेलिया इकॉनोमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट- ईसीटीए) की उपलब्धियों के आधार पर एक संतुलित परिणाम पर पहुंचने के लिए मुख्य वार्ताकार स्तर पर भी चर्चा हुई। इसने अर्थव्यवस्थाओं के गहन एकीकरण के लिए एफटीए के पारंपरिक दृष्टिकोण से परे जाकर विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी सहयोग के क्षेत्रों का भी पता लगाया।

बैठक में विश्व व्यापार संगठन (वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन) के मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने वाणिज्य सचिव की सराहना करते हुए सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग (पीएसएच) के स्थायी समाधान के लंबे समय से लंबित मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिए ऑस्ट्रेलिया के समर्थन के महत्व को स्पष्ट किया। ऑस्ट्रेलिया ने सेवाओं के लिए घरेलू समर्थन की बहुपक्षीय व्यवस्था के लिए भारत से समर्थन मांगा। दोनों पक्ष आवश्यकता पड़ने पर इन मामलों पर अंतर-सत्रीय (इन्टरसेशन्ली) चर्चा करने पर भी सहमत हुए।

 

 

सिडनी और मेलबर्न में भारत ऑस्ट्रेलिया व्यापार परिषद (ऑस्ट्रेलिया इंडिया बिजनेस काउंसिल) और व्यापर परिसंघ (चैंबर्स ऑफ कॉमर्स) के साथ-साथ भारतीय उद्योग परिसंघ (चैम्बर ऑफ़ इन्फिंन इंडस्ट्रीज –सीआईआई) सहित व्यवसायों और व्यापारिक संगठनों के साथ बैठकें करके आपसी हित के क्षेत्रों का पता लगाया गया। यह स्पष्ट था कि वर्तमान  क्षमता को देखते हुए, व्यवसायी संगठन   क्षमता निर्माण और व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल अंतराल मानचित्रण अभ्यास के माध्यम से कुशल पेशेवरों और देखभाल करने वालों जैसे स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों, नर्सों आदि को काम पर रखने, मानकों की पारस्परिक मान्यता की आवश्यकता, महत्वपूर्ण खनिजों, सीमा पार भुगतान प्रणाली, वित्त, शिक्षा, कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन और भंडारण, खेल, औषधि क्षेत्र (फार्मास्यूटिकल्स), सिलिकॉन वेफर्स, अंतरिक्ष, चिकित्सा उपकरण आदि सहित डिजिटल सम्पर्क (कनेक्टिविटी) पर सहयोग सहित एक साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

 

 

कुल मिलाकर, इन बैठकों से दोनों पक्षों के व्यवसायों एवं सरकारों की कड़ी मेहनत करने और रणनीतिक साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए नया समन्वयन करने की अत्यधिक उत्सुकता का पता चला, जिससे व्यवसायों और नागरिकों को महत्वपूर्ण लाभ हो सके।

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