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भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने उचित मूल्य की दुकानों के परिवर्तन के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक और राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए


उचित मूल्य दुकान मालिकों के लिए उद्यमिता कौशल विकसित करने में सहायता के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं

Posted On: 15 MAR 2024 7:20PM by PIB Delhi

भारत में उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को बदलने और उन्हें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल भारत, विकसित भारत और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के साथ जुड़ाव स्थापित करने के लिए, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने कौशल विकास और उद्यमिता (एमएसडीई) मंत्रालय और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीओएफ़ एंड पीडी) ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के अंतर्गत राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, ताकि विशेष रूप से उचित मूल्य की दुकानों के डीलरों के सामने आने वाली कौशल विकास चुनौतियों से निपटा जा सके। डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता और उद्यमशीलता कौशल को बाजार में बदलाव के अनुकूल बनाने और नए व्यावसायिक अवसरों का पता लगाने की आवश्यकता है। समझौता ज्ञापन पर 14 मार्च 2024 को नई दिल्ली में कौशल भवन में केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीओएफ़ एंड पीडी) के निदेशक श्री रविशंकर और राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) की निदेशक, डॉ. पूनम सिन्हा द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीओएफ़ एंड पीडी) के सचिव श्री संजीव चोपड़ा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी भी उपस्थित थे।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव, श्री संजीव चोपड़ा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, उद्यमशीलता क्षमताओं में सुधार करके, उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के मालिक अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकते हैं, ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ा सकते हैं और आय के अतिरिक्त स्रोत अपना सकते हैं। इसके अलावा, उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) मालिकों के बीच डिजिटल और उद्यमशीलता कौशल को बढ़ाने से प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग, संचालन को सुव्यवस्थित करना और ग्राहक अनुकूलन प्रथाओं को मजबूत करना संभव हो जाता है।''

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीओएफ़ एंड पीडी) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) के बीच एक और समझौता ज्ञापन 15 मार्च, 2024 को नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में किया गया। समझौता ज्ञापन पर खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीओएफ़ एंड पीडी) के संयुक्त सचिव, श्री राजेंद्र कुमार और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) के मुख्य महाप्रबंधक श्री रवि त्यागी द्वारा खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीओएफ़ एंड पीडी) के सचिव श्री संजीव चोपड़ा और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) के उप प्रबंध निदेशक श्री प्रकाश कुमार की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी के माध्यम से, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) अपने वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) सहाय एप्लिकेशन के माध्यम से उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को कार्यशील पूंजी सहायता प्रदान करने के लिए उपयोग में आसान डिजिटल समाधान प्रदान करेगा। यह पहल उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को गैर-पीडीएस वस्तुओं को बेचने के लिए क्रेडिट मॉडल पर काम करने में सक्षम बनाएगी।

श्री चोपड़ा ने इस अवसर पर बल देकर कहा, सरकार उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को पोषण केंद्र और स्मार्ट उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) में बदलने के उद्देश्य से प्रयोगिक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है। इसका लक्ष्य उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को पोषण केंद्रों में बदलना है जो अपने संचालन में प्रौद्योगिकी का लाभ प्राप्त करते हैं और खाद्यान्न वितरण से अलग, जनता को पोषक तत्वों से भरपूर गैर-पीडीएस वस्तुओं की एक विविध श्रृंखला भी प्रदान करते हैं। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) की इनवॉइस फाइनेंसिंग कार्यशील पूंजी के लिए ऋण की कमी, उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के डीलरों की गैर-पीडीएस वस्तुओं का भंडारण करने और बेचने की क्षमता में बाधा की चुनौती की समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।''

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री प्रकाश कुमार ने कहा, सूक्ष्म और लघु व्यवसायों को सहायता प्रदान करके उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के अपने जनादेश के अनुरूप, इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से जुड़ना भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) के लिए गर्व का क्षण है जो उद्यमिता को बढ़ावा देने के अलावा देश के सभी नागरिकों के लाभ के लिए है। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) ने अपने क्रेडिट परिचालन को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है और प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए यह उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के लिए जीएसटी सहाय प्लेटफॉर्म का उपयोग करके एक अनुकूलित क्रेडिट प्रोग्राम बनाने के लिए नवीनतम डिजिटल तकनीक और देश की सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) का उपयोग करेगा।

दो समझौता ज्ञापन क्षमता निर्माण और देश में उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के लिए निवेश और वित्तपोषण के अवसर खोलने के क्षेत्र में एक सफलता हैं। दोनों समझौतों से रोजगार क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के डीलरों की आजीविका में वृद्धि होगी।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने देश में खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने पर लगातार और व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया है। विभाग ने इस दिशा में कई पहल की हैं। हाल ही में, इसने ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को शामिल करने के लिए एक प्रयोगिक परियोजना शुरू की है। यह उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के डीलरों के लिए डिजिटल मार्केटप्लेस में दृश्यता, एनएफएसए लाभार्थियों से परे बड़े ग्राहक आधार तक पहुंच और बड़े खुदरा विक्रेताओं और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के साथ समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता सहित कई लाभ प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, जिन लाभार्थियों को ऑनलाइन खरीदारी करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, वे अपनी ओर से ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए एफपीएस डीलर से संपर्क कर सकते हैं। ऑल-इंडिया डीलर्स फेडरेशन का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री सौरभ गुप्ता ने आज भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) के साथ एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम में भाग लिया और इस पहल का स्वागत किया।

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