विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
नई सामग्री डिजाइन उस तापमान को नियंत्रित करने में सक्षम है जिस पर सामग्री इंसुलेटर से कंडक्टर में परिवर्तित होती है और यह नये सुपरकंडक्टर्स का मार्ग प्रशस्त करती है
Posted On:
15 MAR 2024 5:48PM by PIB Delhi
वैज्ञानिकों ने एक ऐसे सिंथेटिक सामग्री डिजाइन को विकसित किया है जो कि उस तापमान को नियंत्रित कर सकता है जिसमें कोई सामग्री इलेक्ट्रानिक ‘ट्रैफिक जाम’ से आगे निकल सकती है और इलेक्ट्रिकल इंसुलेटर से एक कंडक्टर में परिवर्तित हो सकती है, यह प्रक्रिया एक ऐसे इलेक्ट्रानिक स्विच के लिये भूमिका तैयार करती है जो कि एक ट्रासिस्टर के मुकाबले अधिक सक्षम है।
आमतौर पर ज्यादातर जो सामग्रियां पाई जातीं हैं वह या तो इलेक्ट्रिकल कंडक्टर (जैसे कि तांबा अथवा एल्यूमीनियम) या फिर इलेक्ट्रिकल इंसूलेटर (जैसे कि प्लास्टिक और कागज) होती हैं। इससे संबंद्ध इलेक्ट्रान सामग्री, सामग्रियों का ऐसा वर्ग है जो कि एक इंसूलेटर से धातु में इलेक्ट्रानिक बदलाव के साथ प्रवाह होती है। बहरहाल, इस तरह का प्रवाह तापमान का काम करता है जिससे कि उपकरणों जैसे कि इलेक्ट्रानिक स्विच जो कि आमतौर पर स्थिर तापमान (सामान्य तौर पर कमरे के तापमान पर) पर काम करते हैं, में वह कम उपयोगी बन जाते हैं। इसके अलावा इस प्रकार के बदलाव जो कि ऐसे तापमान पर होते हैं वह कमरों के तापमान पर काम करने में प्रासांगिक नहीं हो सकते हैं।
आईआईएससी के वैज्ञानिकों, ने जापान, डेनमार्क और अमेरिका के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक ऐसी सिंथेटिक सामग्री डिजाइन का प्रस्ताव किया जो कि वह उस तापमान को नियंत्रित कर सकें जिसमें परिवर्तन अथवा पारगमन होता है। प्रोफेसर नागा फनी और आईआईएससी बैंगलूरू के सोलिड स्टेट एण्ड स्ट्रक्चरल कैमिस्ट्री यूनिट के उनके साथी सहित वैज्ञानिकों की टीम ने एक ऐसे तीन परतों के ढांचे का प्रस्ताव और प्रदर्शन किया जिसमें कि एक ‘सक्रिय’ चैनल की परत जो कि धातु में इंसुलेटर ट्रोजिशन से गुजरती है। यह एक संग्रहित चार्ज परत है जो कि इलेक्ट्रान को सक्रिय परत में ‘ड्रिप’ कर सकती है और जिसमें पारगमन हुआ है उस तापमान को नियंत्रित कर सकती है, यह सक्रिय परत और संग्रहित (रिजरवायर) लेयर के बीच स्पेसर परत का नियमन करने वाला चार्ज है जो कि संग्रहण परत से सक्रिय परत में इलेक्ट्रान के प्रवाह (अथवा ड्रिप) का नियमन करता है।
इस कार्य की सफलता के लिये इन सामग्रियों की मोटी-नैनामीटर परमाणु स्वरूप वाली सहज परतें तैयार करना महत्वपूर्ण है। ऐसी पतली परतें स्पंदित लेजर जमाव तकनीक के जरिये तैयार की जाती हैं जो कि इन परतों के तैयार होने में परमाणु परतों के नियंत्रण की अनुमति देतीं हैं -- एक तरह से यह परमाणु के साथ स्प्रे-पेटिंग करने जैसा है। शोधकर्ता ने परतों की गुणवत्ता को लेकर सफलता के लिये डीएसटी-एफआईएसटी कार्यक्रम से वित्तपोषित परमाणु बल वाले माइक्रोस्कोप (एएफएम) का इस्तेमाल किया। इसके रचनाकार ने सामग्री के सिंथेटिक स्टेक को विकसित करने के लिये सही स्थिति में पहुंचने (जैसे कि तापमान, दबाव, वृद्धि दर) के लिये विस्तृत एएफएम अध्ययन किया।
आकृति 1: डीएसटीफिस्ट द्वारा वित्तपोषित एटामिक फोर्स माइक्रोस्कोप (साइफर-ईएस) का उपयोग करते हुये चित्रित एटोमिक प्लैन्स के स्टेप्स
प्रकाशन: https://www.nature.com/articles/s41467-023-41816-3
नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित इस शोध के लिये वैज्ञानिकों ने वेनेडियम (वीओ2) तत्व के आक्साइड का उपयोग यह दिखाने के लिये किया कि वीओ2 प्रति धनसेंटीमीटर में एक अरब- खरब से अधिक इलेक्ट्रान (>1021 electrons/cm3) वीओ2 परत में ‘ड्रिप’ किया जा सकता है। आमतौर पर किसी भी सामग्री में इतने सारे इलेक्ट्रानों का जुड़ाव ‘डोपिंग’ नामक प्रक्रिया के जरिये हासिल किया जाता है जहां उच्च शृद्धता वाली सामग्री में एक ‘अशुद्ध’ (जिसे डोपेंट कहते हैं) को मिलाया जाता है। हालांकि, ऐसी प्रक्रिया उच्च शुद्धता वाले क्रिस्टल में परमाणुओं की नियमित आवधिक व्यवस्था को भी बदल देती है और इसकी उपयोगिता को प्रभावित करती है। इस कार्य में शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तावित नवीन सिंथेटिक सामग्री परत, सामग्री के गुणों को संशोधित करने के लिये इसमें ‘अशुद्धता’ शामिल करने की आवश्यकता को समाप्त कर देती हैं। इसके अलावा रचनाकारों ने संग्रहणों और स्पेसर परतों के लिये अनाकार-परत डिजाइन को संश्लेषित और दोहराने का असान तरीका विकसित किया है।
यह कार्य इन सामग्रियों के गुणों के अध्ययन और नियंत्रण को सक्षम बनाता है, जो कि इंसुलेटर और कंडक्टर दोनों हो सकते हैं। इसके अलावा इस कार्य से पता चलता है कि इलेक्ट्रानिक ‘‘ट्रैफिक जाम’’ जो इन सामग्रियों में इंसुलेशन व्यवहार का कारण बनता है, काफी जिद्दी है और इससे जुड़े इलेक्ट्रान सामग्रियों की हमारी समझ को चुनौती देता है। वैज्ञानिक सुपरकंडक्टर्स जैसी अन्य विदेशी सामगियों के अध्ययन और विकास के लिये इस शोध का विस्तार करने की उम्मीद कर रहे हैं। वे इन सिंथेटिक संरचनाओं में चरण ट्रांजीशन का उपयोग करने वाले नये उपकरणों को विकसित करने की संभावना तलाशने में भी रुचि रखते हैं। इस कार्य में शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तावित फेज ट्राजीशन का विशृद्ध रूप से इलेक्ट्रानिक नियंत्रण क्लासिकल और क्वांटम कम्युटिंग में संभावित अनुप्रयोगों के साथ इंटरफेस पर क्वांटम महत्वपूर्ण बिंदुओं और फेज ट्रांजीशन के अध्ययन को भी सक्षम कर सकता है।
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एमजी/एआर/एमएस/एसएस
(Release ID: 2015144)
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